उत्तर प्रदेश के चुनिंदा शहरों में बिजली का वितरण करने के ठेके में उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (जेएसी) ने निजी क्षेत्र की दिग्गज कंपनियों के सामने तगड़ी चुनौती पेश की है।
विशेषज्ञ इसे एक महत्वपूर्ण घटना मान रहे हैं। उल्लेखनीय है कि राज्य सरकार कानपुर, आगरा, बरेली, गोरखपुर और मुरादाबाद में फ्रेंचाइजी के जरिए बिजली का संचरण और वितरण करने वाली है।
ऊर्जा क्षेत्र की दक्षता बढ़ाने और बिजली चोरी रोकने की कोशिश के तहत यह कदम उठाया जा रहा है। इसके तहत उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड (यूपीपीसीएल) ने इन 5 शहरों में योग्य फर्मों से निविदा मंगाई थी।
उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति (जेएसी) ने सभी 5 शहरों के लिए बोली लगाई। प्रस्तावित योजना के तहत, चयनित फ्रेंचाइजी को पावर इकाइयों का आवंटन किया जाएगा।
वहीं ये फ्रेंचाइजी निर्धारित दरों पर ऊर्जा का वितरण करेगी। इसके साथ ही ऊर्जा राजस्व आकलित करना और उत्तर प्रदेश विद्युत निगम लिमिटेड को राजस्व का भुगतान करना भी इसका काम होगा।
कानपुर के लिए बुधवार को निविदा मंगाई गई। इसमें उत्तर प्रदेश विद्युत कर्मचारी संयुक्त संघर्ष समिति ने सबसे अच्छी बोली लगाई। जेएसी ने 20 वर्ष की प्रस्तावित अवधि के लिए 2.18 रुपये प्रति यूनिट की दर से बोली लगाई तो टॉरेंट पावर ने 2.17 रुपये और जमशेदपुर यूटिलिटीज ऐंड सर्विसेज कंपनी लिमिटेड (जेयूएससीओ) ने 2.16 रुपये प्रति यूनिट की बोली लगाई।
मजेदार बात यह कि मुरादाबाद और गोरखपुर के लिए जेएसी के अलावा किसी और ने कोई बोली नहीं लगाई। खबर है कि राज्य के मुख्य सचिव अतुल कुमार गुप्ता के नेतृत्व में एक उच्चस्तरीय समिति ने इस बारे में जेएसी से स्पष्टीकरण मांगा है।
जेएसी नेता शैलेंद्र कुमार दुबे ने बताया कि बिजली वितरित करने के लिए जेएसी एक सोसाइटी गठित कर सकती है। उन्होंने बताया कि यूपीपीसीएल की तुलना में सारी निजी कंपनियां काफी छोटी है। हालांकि मुख्य सचिव ने जेएसी को आश्वस्त किया है कि उसकी निविदा पर विचार किया जाएगा। इस बीच अन्य चार केंद्रों पर 24 फरवरी को दोबारा बोली लगाई जाएगी।
फिलहाल कानपुर में यूपीपीसीएल की सहायक कंपनी फिलहाल कानपुर विद्युत आपूर्ति कंपनी लिमिटेड (केस्को) बिजली का वितरण करती रही है। शहर में अभी कोई 4.87 लाख उपभोक्ता हैं और सालाना खपत 107.3 करोड़ यूनिट बिजली की है। इससे साल में करीब 600 करोड़ रुपये की उगाही हो पाती है।