विभिन्न क्षेत्रों में कारोबार करने वाली आईटीसी के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक संजीव पुरी ने आज मांग के नजरिये पर सतर्क रुख अपनाने का आगाह किया। उन्होंने कहा कि कंपनी को उम्मीद है कि ब्याज दरों में नरमी, बेहतर मौसम होने और समग्र स्तर पर महंगाई में कमी आने से धीरे-धीरे स्थिति में सुधार आएगा।
मांग में नरमी का असर कारोबार पर भी देखने को मिला है। कंपनी की सालाना आम बैठक (एजीएम) में एफएमसीजी कारोबार के प्रदर्शन पर शेयरधारकों के सवालों के जवाब में उन्होंने कहा कि कमजोर बाहरी क्षेत्र के साथ खाद्य महंगाई और भारतीय बाजार में उत्पादों की डंपिंग से मांग में नरमी आई है। उन्होंने कहा कि ग्रामीण मांग बेहतर है और इसमें सुधार आ रहा है। उन्होंने कहा कि साल की दूसरी छमाही में महंगाई में तेजी आई है, जिससे वृद्धि की समस्या भी स्पष्ट तौर पर देखी जा रही है।
आईटीसी द्वारा अपनाई गई रणनीतियों के बारे में पुरी ने कहा कि कंपनी ने आंतरिक दक्षता लाने के लिए कई कदम उठाए हैं। मांग में नरमी को देखते हुए कीमतें निर्धारित की गईं और उत्पाद मिश्रण को बेहतर बनाया गया। उन्होंने कहा कि आने वाली तिमाहियों में इसके नतीजे देखने को मिलेंगे। गैर-सिगरेट कारोबार में एफएमसीजी राजस्व मिश्रण का नेतृत्व है। एक विश्लेषक रिपोर्ट का हवाला देते हुए पुरी ने कहा कि कंपनी के एफएमसीजी कारोबार का बाजार आकार सबसे अधिक 5 लाख करोड़ रुपये था और इससे भी जरूरी बात है कि इसे बहुत ही पूंजी कुशल तरीके से बनाया गया था। उन्होंने कहा, ‘ऐसा इसलिए हो पाया क्योंकि हम संस्थागत ताकत का लाभ उठाने और भविष्य के मूल्य बनाने में पूरी तरह सक्षम हैं।’
इस साल 1 जनवरी से प्रभावी आईटीसी होटल्स के डिमर्जर से उत्साहित शेयरधारकों ने आईटीसी के प्रमुख से अन्य कारोबार को भी अलग करने की संभावना पर सवाल पूछे। इस पर पुरी ने वर्षों से बनाए गए संस्थागत तालमेल और शेयरधारकों के मूल्यों के आधार पर कंपनी के समूह ढांचे पर जोर दिया। उन्होंने कहा, ‘हम कारोबार रणनीति, प्रतिस्पर्धी संदर्भ, कारोबार की परिपक्वता, अवसर और मौजूदा संरचनाओं के फायदे एवं नुकसान को देखते हैं। इसमें जो भी सबसे अच्छा होता है, हम शेयरधारकों की मंजूरी के लिए उनकी सिफारिश करते हैं।’ 2002, 2006 और हाल में 2017 में एक प्रमुख कंसल्टिंग संगठन द्वारा समूह के प्रदर्शन पर तैयार की गईं रिपोर्टों पर प्रकाश डालते हुए पुरी ने कहा, ‘इसे लेकर हमेशा बहस होती है कि क्या अलग होने से एक सामूहिक संरचना की तुलना में अधिक मूल्य बनता है। अब, इस रिपोर्ट में कहा गया है कि 50 प्रतिशत मामलों में, उन्होंने बेहतर शेयरधारक रिटर्न दिया है।’
वैश्विक चुनौतियों के संदर्भ में पुरी ने शेयरधारकों को बताया कि भविष्य के उद्यमों को अशांति, अनिश्चितता और तीव्र परिवर्तन से अचानक पैदा होने वाले हालात का सामना करने की जरूरत होगी।
उन्होंने कहा, ‘भविष्य के लिए तत्परता केवल परिवर्तन के अनुकूल होने के बारे में नहीं है, यह भविष्य का अनुमान लगाने, नवाचार करने और सक्रिय रूप से आकार देने पर भी केंद्रित है। यही आईटीसी नेक्स्ट स्ट्रैटेजी को हासिल करना है, विकास और प्रतिस्पर्धा के अगले क्षितिज को फिर से परिभाषित करना है, हितधारकों के लिए अधिक मूल्य बनाना है।’ पिछले साल, कंपनी ने भारतीय अर्थव्यवस्था पर दांव लगाते हुए मध्यावधि के लिए 20,000 करोड़ रुपये के निवेश की रूपरेखा तैयार की थी।