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आपका नाश्ता और बाजार का वास्ता

Last Updated- December 11, 2022 | 4:55 AM IST

लगभग एक दशक पहले केलॉग्स इस वादे के साथ भारत आई थी कि वह भारतीयों की ब्रेकफास्ट आदतों को बदल देगी।
तब भारतीयों की नाश्ता टेबल पर क्षेत्रीय व्यंजन, उदाहरण के लिए उत्तर में परांठा और दक्षिण में इडली या डोसा ही छाए हुए थे। केलॉग्स ने सोचा था कि लोग चिकनाई और अधिक वसायुक्त वाले भोजन को त्याग देंगे और स्वास्थ्यवर्धक कॉर्नफ्लैक्स खाएंगे।
कंपनी को भारत में अपनी वैश्विक सफलता दोहराए जाने की पूरी उम्मीद थी। ऐसा लगता है कि पिछले कुछ वर्षों में केलॉग्स ने अपनी उपस्थिति काफी मजबूत कर ली है। तीन प्रमुख सेगमेंट में इसके उत्पाद मौजूद हैं। इनमें कोकोज, कोकोज डुएट जैसे उत्पादों के साथ किड्स कैटेगरी और स्टार्स एवं फ्रूट लूप्स शामिल हैं।
अगला है ऑल-फैमिली सेगमेंट, जिसमें कॉर्न फ्लैक्स और इसके 6 वैरिएंट शामिल हैं। अंत में वयस्कों की पसंद पर आधारित स्पेशल के (वजन घटाने के लिए), व्हीट फ्लैक्स, एक्स्ट्रा म्यूस्ली जैसे उत्पाद शामिल हैं। ब्रेकफास्ट सीरियल्स के लिए बाजार 30 फीसदी सालाना की शानदार रफ्तार से बढ़ रहा है। केलॉग्स की बाजार भागीदारी 48 फीसदी है।
ब्रेकफास्ट सीरियल के लिए बाजार अभी भी बेहद छोटा है। जहां पैकेज खाद्य बाजार 33,234 करोड़ रुपये का है वहीं संगठित ब्रेकफास्ट सीरियल बाजार महज 250 करोड़ रुपये का है। टेक्नोपार्क एडवायजर्स के उपाध्यक्ष (खाद्य एवं कृषि) संजय सेठी कहते हैं, ‘असंगठित ब्रेकफास्ट बाजार संगठित बाजार की तुलना में काफी बड़ा है। दूध एवं फल प्रमुख पसंद बने हुए हैं।’
मतलब स्पष्ट है कि केलॉग्स को अपना बाजार बढ़ाने के लिए सचमुच में कड़ी मेहनत करनी होगी। ब्रेकफास्ट बाजार में अपार संभावनाएं मौजूद हैं। इसमें बहुराष्ट्रीय खाद्य कंपनियों की दिलचस्पी तेजी से बढ़ रही है। पेप्सिको अपने सबसे ज्यादा बिकने वाले ब्रांड क्वाकर ओट्स के साथ इसमें पहले ही दस्तक दे चुकी है। हाइंज इंडिया भी इसी राह पर चल पड़ी है।
मैक्डोनल्ड जैसी फास्ट फूड चेन भी इस बाजार में शरीक होना चाहती है। मैक्डोनल्ड द्वारा कराए गए एक अध्ययन में कुछ रोचक तथ्य सामने आए हैं। अध्ययन में कहा गया है कि शहरों में 18 फीसदी लोग घर से बाहर खाना पसंद करते हैं, क्योंकि वहां उन्हें सुविधा और विविधता की पेशकश की जाती है।
इसमें खुलासा किया गया है कि मुंबई में लोग पूरे सप्ताह के दौरान घर से बाहर नाश्ता करना पसंद करते हैं और दिल्ली में यह सप्ताहांत के दौरान होता है। स्पष्ट है कि केलॉग्स के लिए यह आसान बाजार नहीं है। इसलिए कंपनी ने विकास के लिए खाद्य सुरक्षा और पोषण पर ध्यान केंद्रित किया है। दत्ता को प्रतिद्वंद्वियों से भी समस्या हो रही है।
हाइंज इंडिया ने मार्च में अपना पहला ब्रेकफास्ट सीरियल कॉमप्लान न्यूट्री बाउल म्यूस्ली लांच किया। कंपनी ने मुंबई में हाल में ही नाश्ते की आदतों के बारे में 1000 लोगों पर अध्ययन किया। इसके निष्कर्ष में कहा गया था कि प्रत्येक तीन लोगों में से एक नाश्ता नहीं करता है, युवा लड़कियां नियमित तौर पर नाश्ते से परहेज करती हैं और कई बच्चे बिना नाश्ते के ही स्कूल चले जाते हैं।
केलॉग्स इंडिया के प्रबंध निदेशक अनुपम दत्ता कहते हैं, ‘यह हमारे लिए महत्वपूर्ण है, क्योंकि हम ब्रेकफास्ट क्षेत्र में हैं और हमारा भोजन ऐसे पोषक तत्व मुहैया कराता है जिनकी कमी महसूस की जाती है। यही संदेश हम अपने उपभोक्ताओं को दे रहे हैं।’ दत्ता ने कहा, ‘केलॉग्स के सभी सीरियल भारतीयों के लिए रोजाना की विटामिन और खनिज जरूरतों को पूरा करते हैं।’
टेक्नोपार्क एडवायजर्स के सेठी कहते हैं, ‘उपभोक्ता स्वास्थ्य के प्रति ज्यादा जागरुक हो रहे हैं और केरील के बाजार तेजी से उभर रहा है। इसके अलावा नाश्ते का पैक्ड फॉर्म भी तेजी से अपनी जगह मजबूत करेगा, क्योंकि सुबह को लोगों के पास समय नहीं होता है।’

First Published - May 2, 2009 | 4:25 PM IST

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