फेसबुक की डिजिटल भुगतान सेवा व्हाट्सऐप पे को भुगतान वॉलेट शुरू करने की अनुमति मिल गई है। वैसे, इसके परीक्षण के तौर पर पहले ही इस सेवा से 10 लाख से ज्यादा ग्राहक जुड़ चुके हैं। सूत्रों ने कहा कि कंपनी पहले आओ, पहले पाओ की नीति के तहत सेवा प्रदान करेगी और 2 करोड़ ग्राहकों का आंकड़ा पहुंचने के बाद वह नए ग्राहकों को शामिल नहीं करेगी।
नैशनल पेमेंट कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (एनपीसीआई) ने व्हाट्सऐप को सेवा शुरू करने की मंजूरी दे दी है लेकिन उसे चरणबद्घ तरीके से 2 करोड़ पंजीकृत ग्राहक आधार के साथ सेवा शुरू करने को कहा गया है।
अपने 40 करोड़ उपयोगकर्ताओं के साथ व्हाट्सऐप पे पहले से मौजूदा फोन पे और गूगल पे को स्पष्ट तौर पर चुनौती देने के लिए तैयार है। फिलहाल यूपीआई आधारित लेनदेन में इन दोनों की हिस्सेदारी करीब 40 फीसदी है। व्हाट्सऐप अपने भुगतान प्लेटफॉर्म को ई-कॉमर्स कंपनी जियो मार्ट के साथ एकीकृत करने में भी इस क्षमता का इस्तेमाल कर सकती है। इससे खरीदारों और छोटे किराना दुकानदारों को सुगमता से भुगतान लेने देने में सुविधा होगी। लेकिन उपयोगकर्ताओं की संख्या सीमित होने से व्हाट्सऐप अपने कुल उपयोगकर्ताओं के आधार का महज 5 फीसदी को ही भुगतान वॉलेट की सेवा दे सकती है, जो विश्लेषकों के अनुमान के मुताबिक इस साल मई में फोन पे पर लेनदेन करने वाले उपयोगकर्ताओं का करीब एक-तिहाई है और गूगल पे के 30 फीसदी उपयोगकर्ताओं के बराबर है।
दूसरे लिहाज से देखें तो व्हाट्सऐप के करीब 17.78 करोड़ दैनिक सक्रिय ग्राहकों में से केवल 11 फीसदी ही कंपनी के भुगतान प्लेटफॉर्म का उपयोग कर सकेंगे। दूसरी ओर गूगल पे के दैनिक 1.53 करोड़ सक्रिय ग्राहक और फोन पे के दैनिक 1.26 करोड़ सक्रिय ग्राहक उनके संबंधित भुगतान वॉलेट का उपयोग करते हैं। लेकिन यहां अंतर यह है कि व्हाट्सऐप का उपयोग करने वाले सभी उपयोगकर्ता व्हाट्सऐप पे का इस्तेमाल लेनदेन के लिए नहीं कर पाएंगे जबकि प्रतिस्पर्धी कंपनियों के ग्राहक प्रमुखता से संबंधित कंपनी के वॉलेट का इस्तेमाल कर सकते हैं।
सशर्त अनुमति के बारे में पूछे जाने पर व्हाट्सऐप इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘हम एनपीसीआई तथा अपने सभी भागीदारों के साथ काम करने और देश भर के लोगों को भुगतान सेवा उपलब्ध कराने के लिए उत्साहित हैं। हम उनके साथ काम करना जारी रखेंगे और समय के साथ इस सेवा को प्रत्येक लोगों के लिए सुलभ कराएंगे।’
सूत्रों के अनुसार व्हाट्सऐप पहले से ही जियो मार्ट के ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म के साथ इस भुगतान विकल्प को एकीकृत करने पर काम कर रही है। वह दूसरे सेगमेंट में भी ऐसा कर सकती है क्योंकि उसने रिलायंस के साथ कोई विशिष्ट समझौता नहीं किया है।
लेकिन मामले के जानकार लोगों का कहना है कि व्हाट्सऐप की शुरुआती प्राथमिकता इसके लॉन्च को व्यवस्थित करना है और सदस्यों की लगाई गई सीमा को बढ़ाने के लिए एनपीसीआई पर दबाव डालना है। ऐसा इसलिए भी आवश्यक है क्योंकि जियो मार्ट के पास खुद 70 लाख से अधिक उपयोगकर्ता हैं और इनकी संख्या लगातार बढ़ रही है। कंपनी व्हाट्सऐप के माध्यम से अपने साथ 3 करोड़ छोटे रिटेलरों को भी जोडऩा चाहती है।
व्हाट्सऐप इंडिया के प्रवक्ता ने कहा, ‘जियो के साथ हमारी साझेदारी सभी आकार के कारोबारों के लिए नए अवसरों को सक्षम बनाने की है, खास तौर पर देश भर के 6 करोड़ से अधिक छोटे कारोबारियों को।’ इस उद्देश्य को हासिल करने के लिए निश्चित तौर पर इस भुगतान प्लेटफॉर्म का उपयोग अधिक से अधिक व्हाट्सऐप उपयोगकर्ताओं के लिए सुलभ करना जरूरी है।
सवाल उठता है कि क्या मेसेजिंग ऐप के भुगतान प्लेटफॉर्म में शामिल होने से व्हाट्सऐप देश में खुद को सुपर ऐप में तब्दील करेगी, क्योंकि चीन में ऐसा हो चुका है। चीन में वीचैट ने मेसेजिंग ऐप से खुद को पहले भुगतान ऐप में बदला और फिर हवाई टिकटों की बुकिंग, कार बुकिंग, सिनेमा के टिकट की बुकिंग, बिलों के भुगतान आदि जैसी सेवाएं ग्राहकों को उपलब्ध कराने लगी। उसके ग्राहक आधार में चीन की कुल आबादी का करीब 83 फीसदी है।लेकिन भारत में व्हाट्सऐप की स्थिति फिलहाल इतनी सुदृढ़ नहीं है।
इसके साथ ही एनपीसीआई ने प्रत्येक भुगतान ऐप के लिए यूपीआई लेनदेन की सीमा को 30 फीसदी तक सीमित रखा है। इससे कुछेक कंपनियों के लिए एकाधिकार की स्थिति कायम करना संभव नहीं होगा।
