नई पीढ़ी की सेवा 3 जी तकनीक के जरिये बाजार में धूम मचाने की दूरसंचार कंपनियों की हसरत पूरी होती नहीं नजर आ रही है।
इस तकनीक के आने से पहले तमाम तरह के दावे किए जा रहे थे कि ग्राहक इस तकनीक को हाथों हाथ लेंगे, लेकिन दो महीनों में अभी तक कुल मिलाकर 3,200 ग्राहकों ने ही इस तकनीक पर अपना दांव लगाना ही मुनासिब समझा।
बीएसएनएल और एमटीएनएल ने तकरीबन दो महीने पहले पूरे गाजे-बाजे के साथ 3 जी सेवा की शुरुआत की थी, लेकिन फरवरी में दिल्ली में केवल 200 ग्राहकों ने ही 3 जी सेवा का दामन थामा। एमटीएनएल मई से मुंबई में भी 3 जी सेवा की की शुरुआत करने जा रही है।
एमटीएनएल के अध्यक्ष एस पी सिन्हा कहते हैं, ‘फिलहाल दिल्ली में हमारे 200-300 ग्राहक हैं और जल्द ही इस ग्राहक संख्या में इजाफे की उम्मीद है। वैसे मैं निश्चित तौर पर तो कुछ नहीं कह सकता लेकिन इस साल के अंत तक हमारे पास 2,000 से 3,000 ग्राहक तो होंगे ही।’
दूसरी सरकारी दूरसंचार कंपनी बीएसएनएल की भी इस मामले में हालत बहुत ज्यादा अच्छी नहीं है। एक महीने पहले कंपनी ने देश के 24 शहरों में धूमधड़ाके के साथ 3जी सेवा का श्रीगणेश किया था लेकिन अभी तक 3,000 ग्राहकों को ही लुभाने में कंपनी कामयाब रही है।
सेल्युलर ऑपरेटर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया (सीओएआई) का अनुमान है कि 3जी सेवा के लॉन्च होने के एक साल के भीतर कुल 37.5 करोड़ मोबाइल ग्राहकों में से 10 फीसदी 3जी की सेवाएं लेना शुरू कर देंगे।
एंजल ब्रोकिंग में दूरसंचार विश्लेषक हरित शाह कहते हैं, ‘यह पहले से ही तय दिख रहा था कि सरकारी कंपनियां शुरुआत में बड़े पैमाने पर ग्राहक नहीं बना पाएंगी। जब निजी कंपनियों को 3जी स्पेक्ट्रम मिल जाएग तब इस बाजार की तस्वीर और बदल जाएगी।’
दो महीने में 3,200 ग्राहकों ने ही दिखाई 3जी में रुचि