भारत में 5जी दूरसंचार सेवा दूर का सपना हो सकती है, लेकिन पिछले सभी रुझानों को दरकिनार करते हुए 5जी स्मार्टफोन के निर्माण की तैयारियां जोर-शोर से चल रही हैं। जहां ऐपल, सैमसंग, श्याओमी, और वनप्लस जैसी प्रमुख हैंडसेट कंपनियां 5जी स्मार्टफोन के साथ अपने पोर्टफोलियो में तेजी से बदलाव ला रही हैं, वहीं देश का दूरसंचार बाजार अब यह उम्मीद कर रहा है कि शानदार उपयोगकर्ता आधार इन सेवाओं की पेशकश से पहले ही तैयार हो जागा।
इस साल के शुरू से, सभी प्रमुख ब्रांडों ने 5जी हैंडसेटों की पेशकश शुरू कर दी है। जहां सैमसंग ने गैलेक्सी एस20 अल्ट्रा के साथ इस सेगमेंट में दस्तक दी है, वहीं श्याओमी ने एमआई 10 पेश किया है, वनप्लस भी नोट 8 के साथ 5जी बाजार में आई है। बाजार में तीसरी सबसे बड़ी कंपनी वीवो ने अपने सब-ब्रांड इकू के साथ 5जी बाजार में अपनी उपस्थिति दर्ज कराई है, जबकि ओप्पो ने विभिन्न डिवाइस के साथ 5जी की ओर रुख किया है। रियलमी (बिक्री के लिहाज से चौथी सबसे बड़ी) ने करीब आधा दर्जन 5जी फोन की तैयारी कर रखी है। टेक दिग्गज ऐपल अपने नए आईफोन 12 सीरीज के साथ 5जी टेक्नोलॉजी में शामिल हो गई है।
ब्रांडों में बढ़ती दिलचस्पी और गलाकाट प्रतिस्पर्धा (खासकर स्थानीय बाजार में) उन्हें 5जी पोर्टफोलियो की तेज पोशकश के लिए प्रेरित कर रही है। जहां 5जी डिवाइस की शिपमेंट में फरवरी से लगातार तेजी आई है, वहीं आईडीसी के अनुसार, जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान 10 लाख 5जी स्मार्टफोन यहां आए थे। विश्लेषण फर्म साइबरमीडिया रिसर्च (सीएमआर) ने कहा है कि भारत में 5जी फोन के लिए पूर्ववर्ती तिमाही की खेपों की संख्या के मुकाबले 500 प्रतिशत की तेजी आई है।
सीएमआर के अनुसार, वनप्लस द्वारा सिर्फ 5जी फोन पर ध्यान दिए जाने से स्मार्टफोन की खेपों की संख्या में तेजी आई है। सीएमआर ने कहा है, ‘वनप्लस ने सालाना आधार पर 104 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की है। सितंबर तिमाही के दौरान उसने वनप्लस नॉर्ड सीरीज के साथ अपने किफायती 5जी स्मार्टफोन पेश किए। इसके अलावा वनप्लस 8 और वनप्लस 8 प्रो का भी कंपनी के स्मार्टफोन की कुल खेपों में 16 प्रतिशत का योगदान है।’
हालांकि 5जी डिवाइस को लेकर उत्साह भारत में दूरसंचार सेवाओं की दो जेनरेशन के बीच टांजीशन अवधि के दौरान दर्ज किए गए पिछले रुझानों से अलग दिख रहा है। 3जी से 4जी में तब्दील होने में चार वर्ष लगे थे, जब इसे 2012 में पहली बार शुरू किया गया था, तब कोई भी प्रमुख ब्रांड यहां 4जी स्मार्टफोन नहीं बेच रहा था। इसी तरह 2जी से 3जी में तब्दील होने के चरण के दौरान स्थानीय उपभोक्ताओं के पास 3जी हैंडसेट खरीदने का विकल्प नहीं था, ब्लैकबेरी जैसे कुछ ही विकल्प मौजूद थे।
विश्लेषकों का मानना है कि 2021 के शुरू तक, मिड-सेगमेंट में प्रमुख ब्रांडों के सभी स्मार्टफोन (15,000-25,000 रुपये) 5जी-केंदित होंगे। आईडीसी ने कहा है, ‘हालांकि 5जी नेटवर्क को 2021 के अंत में ही पेश किया जा सकेगा, लेकिन ‘डिवाइस गो फस्र्ट’ रणनीति से जुलाई-सितंबर में 10 लाख 5जी स्मार्टफोन के निर्माण को बढ़ावा मिला। 2021 में हमें 5जी फोन की संख्या में तेजी आने की उम्मीद है।’
रिलायंस जियो को छोड़कर लगभग सभी दूरसंचार कंपनियों ने वित्तीय दबाव की वजह से कई बार 5जी स्पेक्ट्रम की तारीख को आगे बढ़ाया है।
