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सोशल मीडिया के बड़े बरखुरदार, चुनावी राजनीति के नए खेवनहार

राजस्थान सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों के लिए चार श्रेणियां बनाई हैं।

Last Updated- August 24, 2023 | 6:01 PM IST
Growing influence of social media influencers in politics

सबसे पहले राजस्थान सरकार ने अपनी कल्याणकारी योजनाओं के प्रचार-प्रसार के लिए विज्ञापन जारी करने के उद्देश्य से सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों- ऐसे प्रभावशाली लोग जिनके पास यूट्यूब, फेसबुक, इंस्टाग्राम और ट्विटर पर काफी फॉलोअर हैं- को प्रिंट और इलेक्ट्रॉनिक मीडिया के बराबर दर्जा दिया है।

राजस्थान में जल्द ही विधानसभा के चुनाव होने हैं। राज्य में अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने इसी सप्ताह के आरंभ में घोषणा की थी कि अगर सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर सरकारी योजनाओं और कार्यक्रमों का प्रचार करेंगे तो उन्हें 10 हजार रुपये से 5 लाख रुपये तक का विज्ञापन दिया जाएगा।

राज्य सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों को उनके फॉलोअरों अथवा सबस्क्राइबरों की संख्या के आधार पर वर्गीकृत किया है। उदाहरण के लिए, न्यूनतम 10 लाख फॉलोअर वाले इन्फ्लूएंसरों को ए श्रेणी के तहत रखा गया है। उन्हें प्रति माह 5 लाख रुपये मिलेंगे। इसी प्रकार, 10 हजार फॉलोअर वाले इन्फ्लूएंसरों को डी श्रेणी के तहत रखा गया है और उन्हें 10 हजार रुपये प्रति माह दिए जाएंगे।

राजस्थान में इसी साल दिसंबर के पहले सप्ताह में विधानसभा चुनाव होने हैं। राज्य में निर्वाचन आयोग की आदर्श आचार संहिता अक्टूबर के मध्य तक लागू होने की संभावना है जिससे विज्ञापन पर होने वाले सरकारी खर्च पर लगाम लग जाएगी। मगर राजस्थान सरकार की इस पहल से केंद्र एवं राज्य सरकारों और राजनीतिक दलों के लिए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों के बढ़ते महत्त्व के जबरदस्त रुझान का पता चलता है।

हाल में केंद्रीय मंत्री- पीयूष गोयल, एस जयशंकर और राजीव चंद्रशेखर- ने 5.63 करोड़ सबस्क्राइबर वाले मशहूर यूट्यूबर रणवीर अलाहबादिया को साक्षात्कार दिया था। जबकि केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी और मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज शमानी को साक्षात्कार दिया था।

जयशंकर के साक्षात्कार को पिछले 12 दिनों में 50 लाख से अधिक व्यूज मिले। हालांकि यूट्यूबरों ने कहा कि इसके लिए किसी रकम की बात नहीं की गई है। शुक्रवार को गोयल ने करीब 50 लोकप्रिय यूट्यूबरों के साथ 5 घंटे से अधिक समय तक बातचीत की।

इस दौरान बताया गया कि पर्यटन को बढ़ावा देने, हथकरघा एवं हस्तशिल्प को लोकप्रिय बनाने और यहां तक कि साइबर सुरक्षा के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में वे किस प्रकार चर्चा कर सकते हैं। बैठक में प्रेरक वक्ता विवेक बिंद्रा, गणेश प्रसाद (थिंक स्कूल), गौरव चौधरी (टेक्निकल गुरुजी) और प्रफुल्ल बिलोरे (एमबीए चाय वाला) मौजूद थे।

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपनी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान मुख्य धारा के प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया को छोड़कर कई जानेमाने यूट्यूबरों को विशेष साक्षात्कार दिया था। उन्होंने प्रिंट एवं इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से संवाददाता सम्मेलन के दौरान बातचीत की थी।

पिछले कई वर्षों से कांग्रेस नेतृत्व मानता रहा है कि मुख्यधारा का मीडिया न तो उनकी पार्टी के लिए और न ही उनके नेतृत्व के लिए निष्पक्ष रहा है। उसका मानना है कि कांग्रेस द्वारा उठाए गए जनहित के मुद्दों को भी मुख्यधारा के मीडिया में जगह नहीं दी जाती है। यात्रा के दौरान गांधी का साक्षात्कार लेने वाले यूट्यूबरों में समदिश भाटिया, कामिया जानी आदि शामिल थे। ऑक्सफर्ड यूनिवर्सिटी के रॉयटर्स इंस्टीट्यूट फॉर द स्टडी ऑफ जर्नलिज्म के मध्य जून में जारी सर्वेक्षण के अनुसार 53 फीसदी भारतीय यूट्यूब पर, 51 फीसदी व्हाट्सऐप, 39 फीसदी फेसबुक, 32 फीसदी इंस्टाग्राम और 20 फीसदी टेलीग्राम और ट्विटर पर समाचार देखते हैं।

राजस्थान सरकार के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग ने सोमवार को विज्ञापन की दरें तय की हैं। अधिसूचना में कहा गया है अगर विभागीय समिति उचित समझे तो अपवाद हो सकते हैं, यहां तक कि किसी क्षेत्र के जाने-माने प्रभावशाली लोगों को 5 लाख रुपये तक का भुगतान भी किया जा सकता है, भले ही उनके पास अपेक्षित संख्या में फॉलोअर नहीं हों।

राजस्थान सरकार ने सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों के लिए चार श्रेणियां बनाई हैं। पहली श्रेणी में न्यूनतम 10 लाख सबस्क्राइबर या फॉलोअर, दूसरी श्रेणी में 5 लाख सबस्क्राइबर या फॉलोअर, तीसरी श्रेणी में में 1 लाख सबस्क्राइबर या फॉलोअर और चौथी श्रेणी में कम से कम 10,000 सबस्क्राइबर या फॉलोअर वाले इन्फ्लुएंसरों को रखा गया है।

राजस्थान सरकार के पैनल में शामिल होने के लिए सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसरों को अपनी एकिटविटी प्रोफाइल दिखानी होगी। जैसे कि श्रेणी ए के इन्फ्लुएंसरों के पिछले 6 महीने में कम से कम 100 वीडियो या 150 पोस्ट प्रकाशित होने चाहिए। राज्य सरकार ने विज्ञापनों की श्रेणी ए के लिए इन्फ्लुएंसरों को 5 लाख रुपये महीना, श्रेणी बी के लिए 2 लाख रुपये, श्रेणी सी के लिए 50,000 रुपये और श्रेणी डी के लिए 10,000 रुपये महीना भुगतान करने का वादा किया है।

सरकार की अधिसूचना में प्रत्येक फेसबुक, इंस्टाग्राम पोस्ट और ट्वीट के लिए भी दरें तय की गई हैं। उदाहरण के लिए श्रेणी एक के इन्फ्लुएंसर को फेसबुक या इंस्टाग्राम रील पोस्ट करने पर 10,000 रुपये और श्रेणी डी को 1,000 रुपये प्रति पोस्ट दिया जाएगा। इसी तरह ट्विटर पर श्रेणी ए के इन्फ्लुएंसर को प्रति ट्वीट या वीडियो के लिए 10,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा।

मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी के बूथ कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी विज्ञापनों के महत्त्व को बताया और उनसे केंद्र या भाजपा शासित राज्य सरकारों के विज्ञापनों को गांवों में प्रमुख स्थानों पर लगाने की अपील की।

First Published - June 29, 2023 | 11:38 PM IST

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