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5जी तकनीक के परीक्षण की जरूरत नहीं: नोकिया

Last Updated- December 15, 2022 | 1:20 AM IST

दूरसंचार उपकरण बनाने वाली कंपनी नोकिया को भारत में 5जी तकनीक के परीक्षण की जरूरत नहीं लगती। कंपनी का कहना है कि 5जी तकनीक दुनिया भर में एक स्थापित तकनीक के तौर पर अपना सिक्का जमा चुकी है, इसलिए इसके परीक्षण की जरूरत महसूस नहीं हो रही है।
कंपनी भारतीय दूरसंचार कंपनियों को दूरसंचार उपकरण मुहैया कराती है। ग्लोबल मोबाइल सप्लायर्स एसोसिएशन के अनुसार 96 से अधिक दूरसंचार प्रदाताओं ने व्यावसायिक खुदरा 5जी तकनीक की शुरुआत की है और 397 कंपनियां दुनिया में विभिन्न चरणों में 5जी ढांचे में निवेश कर रही हैं।
नोकिया इंडिया में विपणन एवं कंपनी मामलों के प्रमुख अमित मारवाह ने कहा, ‘इस तकनीक को पुख्ता तौर पर समझने के लिए परीक्षणों की जरूरत नहीं है। जब दुनिया में 5जी तकनीक लाई गई थी तब परीक्षण होता तो बात और थी। अब इस तकनीक को लेकर कोई संदेह नहीं है और अब यह पूरी तरह स्थापित हो गई है।
अच्छी बात यह है कि भारत में भी उसी स्पेक्ट्रम का इस्तेमाल हो रहा है, जो अमेरिका, यूरोप और अन्य देशों में हुआ था।’ मारवाह ने कहा कि भारत की जरूरतों के अनुरूप स्वास्थ्य एवं कृषि क्षेत्र सहित कई क्षेत्रों में इसका परीक्षण किया जा सकता है।
5जी को लेकर नोकिया का रुख रिलायंस जियो से बिल्कुल अलग है। जियो देश में ही तैयार अपनी 5जी तकनीक के परीक्षण के लिए दूरसंचार विभाग से कई बार अनुरोध कर चुकी है।
कंपनी मुंबई और दिल्ली जैसे शहरों में 3500 मेगाहट्र्ज और मिलीमीटर बैंड में 5जी स्पेक्ट्रम की मांग कर रही है ताकि वह वैश्विक बाजार में इसकी पेशकश के लिए पूरी तैयारी कर सके।
हालांकि अब 5जी के परीक्षण में एक वर्ष से अधिक देरी हो चुकी है। पिछले सप्ताह भी सरकार स्पष्ट कर चुकी है कि चीन की कंपनी हुआवे को 5जी परीक्षण में शामिल होने की अनुमति नहीं देने का फिलहाल कोई प्रस्ताव नहीं है। मगर भारत और चीन में बढ़ते तनाव के बीच भारती एयरटेल और रिलायंस ने इस साल अगस्त में उन शहरों के लिए दोबारा आवेदन किए हैं, जिनके लिए उन्होंने चीन की कंपनी के साथ समझौता किया था। दरअसल ऐसी चिंताएं जताई जा रही है कि अमेरिका के बढ़ते दबाव और चीन के साथ बिगड़ते रिश्ते के मद्देनजर चीन की कंपनियों को 5जी परीक्षण में शामिल होने से मना किया जा सकता है।
मारवाह ने कहा कि नोकिया चेन्नई स्थित अपने संयंत्र में पहले से 5जी रेडियो का विनिर्माण कर रही है, जिसका निर्यात अमेरिका, दक्षिण-पूर्व एशियाई देशों और यूरोपीय बाजारों को हो रहा है। कंपनी का यह संयंत्र फिलहाल 3,000 करोड़ रुपये राजस्व अर्जित करता है, जिसमें आधा विदेश से आता है। मारवाह ने कहा, ‘मौजूदा परीक्षण का मकसद भारत में इस्तेमाल के लिए होगा, जो 5जी नेटवर्क से पहले पूरा हो जाना चाहिए।’ उन्होंने कहा देश में कृषि एवं स्वास्थ्य क्षेत्रों में इस्तेमाल के लिए 5जी का परीक्षण जरूर होना चाहिए। दूरसंचार कंपनियों के लिए ये क्षेत्र राजस्व का नया जरिया हो सकते हैं।
ओपन रेडियो एक्सेस नेटवर्क (ओ-आरएएन) की बढ़ती लोकप्रियता पर मारवाह ने कहा कि उनकी कंपनी इसमें एक  अहम भूमिका निभाएगी।
उन्होंने कहा कि इस तकनीक के विकास के लिए मजबूत फाइबर नेटवर्क पर जोर देना होगा और 2जी, 3जी और 4जी को ओपन सॉफ्टवेयर 5जी नेटवर्क से जोडऩा होगा, जो आसान नहीं है।

First Published - September 25, 2020 | 12:16 AM IST

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