अमेरिकी श्रम विभाग की तरफ से न्यूनतम वेतन में बढ़ोतरी के कारण भारतीय आईटी कंपनियों को एच1बी वीजा व अन्य गैर-आव्रजन वीजा के लिए वेतन पर 40 फीसदी ज्यादा खर्च करना पड़ सकता है। यह जानकारी अमेरिकी पब्लिक पॉलिसी थिंक टैंक काटो इंस्टिट््यूट ने दी है। इस कदम से टीसीएस, इन्फोसिस, एचसीएल टेक और विप्रो जैसी कंपनियां अमेरिका में स्थानीय नियुक्तियों में इजाफा कर सकती हैं और कुछ परियोजनाओं को भारत जैसे देश में भेज सकती हैं ताकि वीजा व अन्य लागत के मसले का समाधान निकले।
काटो इंस्टिट््यूट के आव्रजन नीति विश्लेषक डेविड जे. बिअर ने कहा, अंतरिम नियम (आईएफआर) के तहत कुल मिलाकर एच1बी वीजा की 94 फीसदी नौकरियों की पेशकश वेतन के मौजूदा नियम से नीचे थी। नए आईएफआर वेतन दर 20 फीसदी ज्यादा या साल 2020 में एच-1बी के तहत 88 फीसदी नौकरी के लिए वास्तविक वेतन की पेशकश के मुकाबले अधिक है। कुल मिलाकर एक1बी नियोक्ता को वास्तविक वेतन की पेशकश में 30 फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी करनी होगी।
विदेशी श्रम प्रमाणन कार्यालय व काटो की स्टडी के मुताबिक, सभी आईटी कंपनियों में विप्रो को सबसे ज्यादा झटका लगेगा। बेंगलूरु की फर्म को 57,01 डॉलर प्रति घंटे देना पड़ सकता है, जो मौजूदा दर 38.03 डॉलर प्रति घंटे के मुकाबले ज्यादा है। उधर, विप्रो को 52.07 रुपये प्रति घंटे देने पड़ सकता हैं, जो मौजूदा दर 36.51 डॉलर प्रति घंटे के मुकाबले 44.3 फीसदी ज्यादा है। इन्फोसिस का वेतन 41.49 डॉलर प्रति घंटे से बढ़कर 59.51 डॉलर प्रति घंटे पर पहुंच सकता है यानी 43.6 फीसदी ज्यादा। जेनसर टेक एकमात्र कंपनी है, जिसके लिए वेतन बढ़ोतरी 53 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ 67.03 डॉलर प्रति घंटे हो सकता है। वैश्विक तकनीकी दिग्गजों में ऐपल इंक को 67.07 डॉलर प्रति घंटे से बढ़ाकर 89.03 डॉलर प्रति घंटे देने पड़ सकते हैं, वहीं एमेजॉन के लिए वेतन 59.53 डॉलर प्रति घंटे से बढ़कर 74.70 डॉलर प्रति घंटा हो सकता है।
इस महीने अमेरिकी सरकार ने नियम प्रकाशित किए थे, जिसकेचलते अमेरिकी कंपनियों को विदेशी कर्मचारियों की नियुक्ति पर ज्यादा खर्च करना होगा और इसके तहत वीजा आवेदकों के लिए पात्रता के मानकों को संकीर्ण किया गया है। डीओएल ने एच 1बी वीजा, एच1 बी1, ई-3 और आई 14 वीजा के लिए न्यूनतम वेतन में इजाफा कर दिया है। मौजूदा वेतन को चार स्तर में बांटा गया है, जो एंट्री लेवल से लेकर अनुभवी कर्मियों के स्किल का प्रतिनिधित्व करता है।
नियम के तहत 1 से 4 के मौजूदा वेतन के स्तर को 17, 34, 50 और 67 पर्सेंटाइल से बदलकर 45, 62,78 और 95 पर्सेंटाइल कर दिया गया है। ज्यादातर एच-1 बी वीजाधारकों को वास्तव में सबसे निचला वेतन दिया जाता है, जिनमें सबसे ज्यादा बढ़ोतरी की गई है। सोमवार को अमेरिकी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स, नैशनल एसोसिएशन ऑफ मैन्युफैक्चरर्स और कई अन्य संगठनों ने फेडरल सरकार के खिलाफ याचिका दाखिल की है औ्र कहा है कि हालिया एच 1बी नियम उच्च स्किल्ड आव्रजकों को अमेरिका में आने पर खोखला कर देगा। यह याचिका कोलंबिया के उत्तरी जिले में दाखिल किया गया है, जिसमें एच1बी वीजा पर नुकसानदायक नियम का आरोप लगाया गया है।