संजय लीला भंसाली की फिल्म, ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ हिंदी फिल्मों की तरह ही मुख्यधारा में है। एक सच्ची कहानी से प्रेरित ‘आलिया भट्ट’ अभिनीत इस फिल्म ने इस साल की शुरुआत में बॉक्स ऑफिस पर 200 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई की। हाल में प्रमुख समाचार पत्रों के पहले पृष्ठों पर फिल्म के प्रचार-प्रसार वाले विज्ञापन आने के बाद ओटीटी मंच नेटफ्लिक्स पर यह फिल्म रिलीज की गई। यह एमेजॉन प्राइम वीडियो मंच की तरह है जिसने अधिकांश बड़ी फिल्मों के अधिकार हासिल किए हैं जबकि सोनीलिव भी खुद को स्थापित करने की कोशिश में है। इससे यह भी संकेत मिलता है कि भारतीय बाजार पर छाने के लिए 30 अरब डॉलर की हैसियत वाली नेटफ्लिक्स हरसंभव कदम उठाएगी।
देश में प्रवेश करने के पांच साल बाद दिसंबर 2021 में दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ते स्ट्रीमिंग वीडियो बाजारों में से एक भारत के कुल 22.2 करोड़ ग्राहकों में नेटफ्लिक्स के ग्राहकों की संख्या केवल 55 लाख थी। एमेजॉन प्राइम वीडियो के साथ इसकी तुलना करें जिसे इसके कुल, 20 करोड़ ग्राहकों में से 1.9 करोड़ ग्राहक भारत में मिले या दुनिया भर में 13 करोड़ ग्राहकों वाले डिज्नी+ को अपने कुल ग्राहकों में से एक-तिहाई 4.6 करोड़ भारत से मिले हैं।
नेटफ्लिक्स ने दिसंबर 2021 में जब कीमतें 60 प्रतिशत तक घटाईं थीं तब ऐसी उम्मीद जताई गई थी कि ग्राहकों की संख्या में वृद्धि दर्ज की जाएगी। इससे निश्चित तौर पर लहर जैसा असर दिख रहा है। हाल में को-सीईओ टेड सरांडस ने कहा, ‘हमने भारत में ग्राहकों का अच्छा रुझान देखा है ऐसे में हम निश्चित रूप से इसे सही दिशा में आगे बढ़ा रहे हैं।’ हालांकि भारत के आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं लेकिन वैश्विक स्तर पर नेटफ्लिक्स ने 200,000 ग्राहकों को गंवा दिया है। इसकी वजह पासवर्ड साझेदारी का रुझान, अधिक प्रतिस्पद्र्धा और यूक्रेन पर हमले की वजह से रूसी सेवाओं के बंद होने जैसी कई वजहें हैं।
अनुमानित स्तर पर 1,700 करोड़ रुपये के राजस्व के साथ नेटफ्लिक्स मूल्य के अनुसार 14,000 करोड़ रुपये के स्ट्रीमिंग वीडियो बाजार में एक खासा बड़ा खिलाड़ी बना हुआ है। लेकिन जब अधिक उपयोगकर्ताओं को जोडऩे की बारी आती है तब यह असफल रहता है जबकि यह दुनिया का सबसे बड़ा सबस्क्रिप्शन वीडियो-ऑन-डिमांड (एसवीओडी) खिलाड़ी है और इसने इस कारोबार को स्थापित करने में अहम भूमिका निभाई है।
नेटफ्लिक्स इंडिया के एक प्रवक्ता ने कहा, ‘हमने भारत में कीमतों में बदलाव के लिए एक बेहतर प्रतिक्रिया देखी है। हम टाटा प्ले, एयरटेल, जियो के साथ साझेदारी और यूपीआई ऑटोपे जैसे भुगतान के तरीकों के माध्यम से पहुंच को आसान बनाने पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। हमारे पास आगे एक रोमांचक योजना है और हम अपनी सेवा के हर पहलू में सुधार करना जारी रखेंगे जैसा कि हम हर जगह करते हैं।’ मीडिया पार्टनर्स एशिया के उपाध्यक्ष मिहिर शाह का मानना है कि अगर राजस्व में वृद्धि करनी है तब नेटफ्लिक्स को वर्ष के अंत तक 75 लाख ग्राहकों को अपने साथ जोड़ लेना होगा। इसके लिए बेहतर सामग्री की आवश्यकता है।
संभवत: इसी वजह से ‘गंगूबाई काठियावाड़ी’ या एसएस राजामौलि की फिल्म ‘आरआरआर’ के लिए ओटीटी मंच, नेटफ्लिक्स ने हिंदी स्ट्रीमिंग अधिकार खरीदा है। तेलुगू की सुपरहिट फिल्म ने वैश्विक स्तर पर टिकटों की बिक्री में 1,100 करोड़ रुपये के आंकड़े को पार कर लिया है। नेटफ्लिक्स अब सात भारतीय भाषाओं में प्रोडक्शन का काम करता है और यह हिंदी, तमिल और तेलुगु में ‘मनी हेस्ट’ जैसे अपने कुछ लोकप्रिय शो की डबिंग भी कर रहा है।
प्रवक्ता ने कहा, ‘पिछले साल, हमारी 28 भारतीय मूल सीरीज और फिल्में, 11 शैलियों, 8 प्रारूपों और सात भाषाओं में थीं।’ यह भारत में बढऩे की उसकी कोशिशों का दूसरा संकेत है। नेटफ्लिक्स के विपरीत, प्राइम वीडियो पूरे भारत में लाइसेंस और कमीशनिंग को लेकर आक्रामक रहा है। ‘पुष्पा’ (तेलुगू) और ‘सूरराई पोट्रू’ (तमिल) जैसी हिट फिल्मों के साथ, अब दक्षिण में भी इसके पांव मजबूत हैं जहां भारत के 10.2 करोड़ ओटीटी ग्राहकों (2021) में से 60 प्रतिशत वहीं के हैं।
नेटफ्लिक्स की पहेली
ब्रिटेन की कंपनी ओमडिया के सहायक निदेशक, उपभोक्ता शोध (भारत के विशेषज्ञ) कांस्टेंटिनोस पापावासिलोपोलोस का कहना है, ‘वैश्विक स्तर पर, नेटफ्लिक्स रुझान बनाने के लिए जाना जाता है लेकिन भारत में यह केवल रुझानों का पालन कर रहा है।’ इसने जिस तरह की बढ़त के साथ शुरुआत की थी उस लिहाज से यह बात बेहद अजीब सी ही लगती है।
नेटफ्लिक्स के पास बेहतर फिल्में और सीरीज हैं खासतौर पर अगर आप उपयोगकर्ता इंटरफेस के नजरिये देखते हैं। प्रोग्रामिंग के लिहाज से समीक्षकों द्वारा सराहे गए ‘सेक्रेड गेम्स’ सीरीज के साथ इसकी शुरुआत अच्छी रही। वर्ष 2016 में भारत में शुरुआत करने के बाद से यह इस बाजार में ‘दिल्ली क्राइम’, ‘माई’ और ‘लिटल थिंग्स’ जैसे शो और फिल्मों पर 40 करोड़ डॉलर से अधिक का निवेश करने के लिए प्रतिबद्ध है।
नेटफ्लिक्स भारत में क्यों संघर्ष कर रही है जबकि कई ओटीटी प्रतिस्पद्र्धी आगे हैं, इसको लेकर कई अवधारणाएं हैं। ऑरमैक्स मीडिया के सीईओ शैलेश कपूर का कहना है, ‘भारतीय सामग्री पर्याप्त नहीं है। भारत में यह धारणा है कि नेटफ्लिक्स बेहतर अंतरराष्ट्रीय सामग्री देता है। दरअसल लोग इसका सबस्क्रिप्शन वैसे महीने के लिए लेते हैं जब 3.4 बड़े शो आ रहे होते हैं और फिर सदस्यता समाप्त कर देते हैं। नेटफ्लिक्स वार्षिक सदस्यता की पेशकश नहीं करता है जैसे कि इसके कई प्रमुख प्रतिद्वंद्वी करते हैं।’
उनका मानना है कि पूरी मूल्य निर्धारण प्रक्रिया और सामग्री से जुड़ी धारणा (नेटफ्लिक्स के लिए) आला दर्जे की और अंतरराष्ट्रीय स्तर की है। इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है क्योंकि अंतर्राष्ट्रीय शो ने नेटफ्लिक्स पर भारतीय लोगों की तुलना में बेहतर प्रदर्शन किया है। ऑरमैक्स के दर्शकों के अनुमान के अनुसार, ‘द फेम गेम’ के 88 लाख भारतीय दर्शक थे जबकि ‘मनी हेस्ट’ के दर्शकों की तादाद 1.5 करोड़ थी।
दि वायरल फीवर (टीवीएफ) 10 से अधिक सालों से सामग्री तैयार कर रहा है। इसने एमेजॉन प्राइम वीडियो, ज़ी 5, यूट्यूब और सोनीलिव के साथ काम किया है। 2019 में, इसका शो ‘कोटा फैक्ट्री’ यूट्यूब पर रिलीज किया गया जो प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए राजस्थान के छोटे शहर में आने वाले सैकड़ों हजारों छात्रों के जीवन से जुड़ी कहानियों पर आधारित है। नेटफ्लिक्स ने सितंबर 2021 में इसके सीजन 2 को रिलीज किया था।
यह नेटफ्लिक्स इंडिया का एकमात्र ऐसा शो था जिसने 2021 में एसवीओडी पर शीर्ष 10 हिंदी शो की ऑरमैक्स सूची में जगह बनाई थी। टीवीएफ के अध्यक्ष विजय कोशी ने कहा, ‘तीसरे सीजन को लेकर इस वक्त चर्चा चल रही है। इसका दूसरा और तीसरा सीजन भी सफलता का एक बड़ा पैमाना है। आपके पास पहले से ही दर्शक हैं। कई सीजन पर गौर किया जा सकता है जिससे योजना बनाना और इस पर अमल करना आसान हो जाता है। नेटफ्लिक्स ने उन्हें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बहुत अच्छी तरह से इस्तेमाल किया है जिनमें ‘स्ट्रेंजर थिंग्स’ (अब अपने पांचवें सीजन में) और ओजार्क (अब तक चार सीजन) का नाम लिया जा सकता है।’
हालांकि नेटफ्लिक्स इंडिया के कई सफल शो के साथ ऐसा नहीं हुआ। अब इसके बड़े हिट शो के दूसरे सीजन की तैयारी चल रही है जिसमें ‘दिल्ली क्राइम’, ‘ये काली काली आंखें ‘, और ‘दि फेम गेम’ शामिल है। नेटफ्लिक्स में बदलाव का यह तीसरा संकेत है। निष्पक्षता से बात की जाए तो एमेजॉन प्राइम वीडियो एक ऐसी कंपनी है जो मनोरंजन के साथ-साथ जूते और किराने का सामान बेचने की कोशिश कर रही है। डिज्नी+ हॉटस्टार के पास, अब तक भारत में सबसे बड़े खेल आयोजन, इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के अधिकार थे। नेटफ्लिक्स के पास अपने वैश्विक प्रतिद्वंद्वियों की तुलना में सामग्री या राजस्व का कोई अन्य स्रोत नहीं है।
