उपभोक्ता मांग में सुधार लॉकडाउन के बाद हैंडसेट बाजार की चमक बढ़ा सकता है, लेकिन कीमत वृद्घि के अन्य राउंड से इस बाजार की राह फीकी पड़ सकती है। एक साल में, जब उद्योग कलपुर्जों की किल्लत के कारण पहले ही प्रभावित हुआ है, कराधान दरों में वृद्घि और कई महीनों तक व्यावसायिक नुकसान के साथ साथ ताजा संकट से दबाव और ज्यादा बढ़ सकता है। मोबाइल चिपसेट की आपूर्ति की किल्लत से, निर्माताओं के पास एक बार फिर से कीमत बढ़ाने के अलावा और कोई विकल्प नहीं रह गया है और 2020 में कीमत वृद्घि का यह चौथा दौर होगा।
निर्माता हैंडसेट कीमतों में 5-10 प्रतिशत तक की वृद्घि करने की योजना बना रहे हैं।
मोबाइल हैंडसेट के लिए मांग में अचानक तेजी और वैश्विक बाजार में आपूर्ति-मांग के बीच अंतर से कई प्रमुख कंपनियों के लिए उत्पाद-कीमत समीकरण गड़बड़ा गया है। उदाहरण के लिए, सितंबर तिमाही में 5.43 करोड़ स्मार्टफोन की ढुलाई हुई, जो पिछले साल के आंकड़े के मुकाबले 17 प्रतिशत की वृद्घि है।
सूत्रों के अनुसार, चीन की उपकरण कंपनी हुआवेई से एक प्रमख वैश्विक अनुबंध ने मांग-आपूर्ति अंतर और बढ़ा दिया है। एक प्रमुख हैंडसेट ब्रांड के अधिकारी ने कहा कि हुआवेई ने हाल में बड़ी मात्रा में चिपसेट खरीदे हैं, जो उसके लिए एक साल के ऑर्डर से ज्यादा है। इससे अंतरराष्ट्रीय बाजार में चिपसेट के लिए गंभीर आपूर्ति संकट को बढ़ावा मिला है।
एक प्रमुख ब्रांड के अन्य अधिकारी के अनुसार, हुआवेई के ऑर्डर से मझोले स्तर की कंपनियों के लिए चिपसेट की आपूर्ति प्रभावित हुई है, क्योंकि इनमें से ज्यादातर ने आपूर्तिकर्ताओं के साथ अल्पावधि समझौते कर रखे हैं। उन्होंने कहा, ‘बड़ी वैश्विक कंपनियां इस संकट से मुकाबले के लिहाज से कुछ हद तक मजबूत स्थिति में हैं। लेकिन उनकी भी आपूर्ति 10-20 प्रतिशत तक प्रभावित हुई है।’
आपूर्ति की यह किल्लत अब ज्यादा गंभीर हो गई है, क्योंकि कंपनी अपनी जरूरत का सिर्फ 3 प्रतिशत चिपसेट आपूर्तिकर्ताओं से हासिल करने में सक्षम है। एक अधिकारी ने कहा, ‘इसके परिणामस्वरूप, हम अब हाजिर बाजार से खरीदारी के लिए बाध्य हुए हैं, जहां कीमतें काफी ऊंची हैं।’
उद्योग के अनुमानों में कहा गया है कि आपूर्ति किल्लत की वजह से हाजिर बाजार में चिपसेट की कीमतें 25-75 प्रतिशत तक बढ़ी हैं। हैंडसेट के निर्माण की लागत में 8-20 प्रतिशत तक की वृद्घि दर्ज की गई है। हालांकि निर्माता अब मांग घटने की आशंका में लागत वृद्घि का कुछ हिस्सा स्वयं वहन करने की योजना बना रहे हैं और कीमत वृद्घि सिर्फ 10 प्रतिशत तक रह सकती है।
इंडियन सेल्युलर ऐंड इलेक्ट्रॉनिक्स एसोसिएशन (आईसीईए) के चेयरमैन पंकज मोहिंदू्र का कहना है कि आपूर्ति की किल्लत अभी कुछ समय तक बनी रह सकती है।
आईसीईए का मानना है कि अगले साल के शुरू में आपूर्ति को लेकर हालात में सुधार देखा जा सकता है। मोहिंद्रू ने कहा, ‘मेरा मानना है कि हम चरम संकट को पहले ही पार कर चुके हैं और अब 2021 तक समस्याएं दूर होने लगेंगी।’
