पिछली तिमाहियों में किए गए बड़ी लागत वाले सौदों में तेजी और व्यापक आर्थिक स्थिति में कोई और गिरावट नहीं होने से सीजन के लिहाज से मजबूत तिमाही में भारतीय आईटी सेवाओं को वित्त वर्ष 2024-25 की पहली तिमाही में सुधार देखने को मिल सकता है।
हालांकि तिमाही आधार पर वृद्धि हुई है, लेकिन लागत में की जा रही कटौती और वैकल्पिक व्यय पर अंकुश के कारण यह तिमाही पिछले दशक में सबसे कमजोर रहने वाली पहली तिमाहियों में से एक होगी। मोतीलाल ओसवाल रिसर्च ने परिणाम अनुमान के नोट में कहा है ‘उद्योग के वैकल्पिक खर्च में कटौती की प्रचंडता शायद खत्म हो गई है, लेकिन कारोबार के प्रवाह में सुधार के काफी कम सबूत हैं।
इसलिए हम कम से कम 10 वर्षों में सबसे कमजोर रहने वाली पहली तिमाहियों में से एक की राह पर हैं। हालांकि हालात कुछ बेहतर हैं, लेकिन वित्त वर्ष 24 की पहली छमाही में हमने जो देखा, उस तरह के असामान्य हालात से काफी मिलते-जुलते हैं।’
चार ब्रोकरेज की रिपोर्ट के आधार पर बड़ी कंपनियों का प्रदर्शन पिछली तिमाही की तुलना में -1.5 प्रतिशत से लेकर दो प्रतिशत तक रहने की उम्मीद है। जबकि उम्मीद है कि मिड-कैप आईटी सेवा कंपनियां एक से पांच प्रतिशत (तिमाही आधार पर) के दायरे में बढ़ेंगी। विश्लेषकों को उम्मीद है कि इन्फोसिस और टीसीएस इस वृद्धि में अग्रणी रहेंगी तथा विप्रो और एचसीएलटेक में स्थिर से लेकर ऋणात्मक वृद्धि देखी जाएगी।
विश्लेषकों की रिपोर्ट और वरिष्ठ प्रबंधन की चर्चाओं के आधार पर वित्त वर्ष 25 की पहली तिमाही में वृद्धि व्यापक आधार पर होने की उम्मीद नहीं है, बल्कि कुछ कारोबारों द्वारा संचालित होगी। कैपजेमिनी समूह के मुख्य कार्य अधिकारी एमान इज्जत ने बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ पहले हुई बातचीत में कहा था कि हालांकि सुधार की वापसी हो गई है, लेकिन उछाल धीमी है।
उन्होंने कहा ‘अगर आप वर्तमान रुझानों को देखें, तो यह भौगोलिक क्षेत्रों के संबंध में नहीं, बल्कि कंपनियों के कारोबारों के संयोजन के संबंध में है। जो दो कारोबार अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं, वे हैं सार्वजनिक क्षेत्र और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र। यूरोप में हमारी अच्छी मौजूदगी है, लेकिन अमेरिका में हम वित्तीय सेवाओं और प्रौद्योगिकी, मीडिया और मनोरंजन तथा दूरसंचार पर भारी हैं।’
यह एक्सेंचर के हालिया आंकड़ों में स्पष्ट नजर आया। कैलेंडर वर्ष 24 की तीसरी तिमाही में कार्यक्षेत्र की वृद्धि के लिहाज से एक्सेंचर का वित्तीय सेवा क्षेत्र पिछले साल की तुलना में आठ प्रतिशत घटकर 2.89 अरब डॉलर रह गया तथा संचार, मीडिया और प्रौद्योगिकी क्षेत्र चार प्रतिशत घटकर 2.76 अरब डॉलर रह गया। इसकी वृद्धि का संचालन स्वास्थ्य और सार्वजनिक सेवा क्षेत्र ने किया, जो पिछले साल की तुलना में आठ प्रतिशत बढ़े।
विश्लेषकों का अनुमान है कि पहली तिमाही की वजह से वित्त वर्ष 25 वित्त वर्ष 24 की तुलना में कुछ बेहतर रहेगा। हाल ही में बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ बातचीत में एलटीआईमाइंडट्री के अध्यक्ष और कार्यकारी निदेशक मंडल के सदस्य सुधीर चतुर्वेदी ने कहा था कि साल की शुरुआत की तुलना में अब मांग काफी बेहतर है।