पहले ‘कौन बनेगा करोड़पति’ (केबीसी) के मंच पर बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता और इस शो के मेजबान अमिताभ बच्चन बेहद गर्मजोशी से प्रतिभागियों से हाथ मिलाते थे और उन्हें गले भी लगाते थे लेकिन अब सब कुछ बदल चुका है, वह दूर से ही उनका अभिवादन करते हैं। केबीसी में ‘हॉट सीट’ बड़ी अहम होती है जिस पर बैठकर एक प्रतिभागी को 7 करोड़ रुपये की पुरस्कार राशि पाने के लिए संघर्ष करना पड़ता है और 16 सवालों के जवाब भी देने होते हैं। लेकिन पिछले सीजन की तुलना में अब हॉट सीट को इस मशहूर मेजबान की कुर्सी से थोड़ा दूर ही रखा गया है। महामारी के दौरान शुरू किए जा रहे क्विज के लोकप्रिय शो ‘केबीसी’ के इस संस्करण में केवल आठ प्रतियोगी ही हर हफ्ते नजर आते हैं जबकि पहले 10 प्रतियोगी हर हफ्ते शामिल होते थे। पीछे की तरफ अद्र्धगोलाकार तरीके से स्क्रीन लगाए गए हैं जहां ये प्रतिभागी बैठते हैं। इनके बैठने की व्यवस्था भी कुछ इस तरह की गई है कि कोई उत्साह में इनको पार कर केबीसी खेल के मुख्य क्षेत्र में नहीं आ पाएगा।
यह गेम शो अब 20वें साल में प्रवेश कर चुका है लेकिन देश के मध्यम और निम्न मध्यम वर्ग के बीच यह शो विशेष तौर पर काफी लोकप्रिय है क्योंकि यह लोगों की महत्त्वाकांक्षा को एक मंच प्रदान करता है। हालांकि कोविड-19 की वजह से सेट तक दर्शकों के जाने पर प्रतिबंध है लेकिन प्रतिभागियों के लिए इस बार सब कुछ खोला गया है। इसके निर्देशक अरुण शेषकुमार कहते हैं कि इस बार प्रक्रिया को पूरी तरह से ऑनलाइन करने के बाद ऑडिशन देने वालों की तादाद दस गुना बढ़ गई। इससे पहले, केबीसी से जुडऩे वाले लोगों को शुरुआती फोन प्रतियोगिता के बाद सामान्य ज्ञान की जांच के तीन चरण में हिस्सा लेने के लिए उनके किसी नजदीकी शहर में बुलाया जाता था। वह कहते हैं, ‘दक्षिण भारत का एक बड़ा तबका इससे वंचित रह जाता था क्योंकि वे भाषा को लेकर सहज नहीं थे इसलिए हम वहां नहीं जाते थे लेकिन इस बार इसमें सुधार किया गया है।’ सुदूर इलाकों में ऑडिशन होने की वजह से दूरदराज के लोगों का भी इसके लिए आकर्षण बढ़ा। शो के संचालन से जुड़ी सुजाता संघमित्रा बताती हैं कि असम की एक युवती ने कार के अंदर से टेस्ट दिया था क्योंकि यही एकमात्र ऐसी जगह थी जहां नेटवर्क स्थिर था और वह इतने छोटे से गांव से थी जो नक्शे पर भी नहीं है।
ऑडिशन देने वालों को निर्देश दिया गया था कि वीडियो मीटिंग ऐप का इस्तेमाल कैसे किया जाए और फाइनल प्रतियोगिता के लिए चुने गए लोगों को अपनी पृष्ठभूमि से जुड़ी कहानियों के फिल्मांकन के लिए प्रशिक्षित किया गया। संघमित्रा कहती हैं, ‘आमतौर पर हमारी रियालिटी टीम इन प्रतिभागियों के गृहनगर जाती है और उनके परिवार के साथ या उनके कार्यस्थल पर शूट करती है। लेकिन इस बार हमें यह सब दूर बैठकर ही करना था। ऐसे में हमारी एक प्रतियोगी की नौ साल की बेटी ने मां को खाना पकाते वक्त और बोलते हुए शूट किया था। हालांकि इस तरह के फुटेज में भी एक अलग तरह की ताजगी है।’
मार्च से ही नए सीजन की तैयार शुरू हो गई थी। इसके बाद के महीनों में बनी अनिश्चितता की स्थिति की वजह से इस बात को लेकर कोई संदेह नहीं था कि शो इस साल वापसी नहीं कर पाएगा क्योंकि जो लोग घरों में बंद हैं वे भी अपने दिलो-दिमाग को कहीं और व्यस्त रखने के लिए मनोरंजन के साधन ढूंढेंगे। विभिन्न संभावित घटनाओं पर चर्चा की गई जिसमें यह बात भी शामिल थी की कि पूरे शो का डिजिटलीकरण किया जाए और सभी को घर से प्रदर्शन करने की इजाजत दी जाए और बाद में सभी सीन को जोड़कर एक शो का रूप दिया जाए। जैसे ही शहरों में लॉकडाउन में ढील देनी शुरू की गई वैसे ही सितंबर में फिर से शूटिंग शुरू हो गई।
इससे पहले जुलाई में अमिताभ बच्चन के भी कोविड-19 से संक्रमित होने की पुष्टि हुई और वह अगस्त में ठीक हुए। इसकी वजह से टीम में काफी डर था। शेषकुमार कहते हैं, ‘हम उनको लेकर काफी सतर्क थे कि क्या करना है और क्या नहीं करना है। अब लोग उनके करीब नहीं जा सकते हैं और पहले की तरह तस्वीरें नहीं ले सकते हैं।’
ब्रिटेन के शो ‘हू वॉन्ट्स टू बी ए बिलियनेयर?’ की तर्ज पर केबीसी स्टार टीवी पर साल 2000 में शुरू हुआ और बाद में 2010 से ही इसका प्रसारण सोनी एंटरटेनमेंट टेलीविजन पर होने लगा। फिल्म सिटी स्टूडियो जहां शो फिल्माया गया है वहां आमतौर पर बच्चन के प्रशंसकों की भीड़ लगी होती है जो दूर दर्शक बनने के लिए आते हैं और वे उनके साथ सेल्फी खिंचाते हैं। लेकिन केबीसी के 100 सीटों वाले शानदार सेट पर इस साल केवल प्रतिभागियों को ही रहने की अनुमति थी। इस सेट पर कोई स्टूडियो दर्शक नहीं थे। इस बार ‘ऑडियंस पोल’ का विकल्प भी खत्म कर दिया गया था जो प्रश्नोत्तरी के दौरान चार लाइफलाइन में से एक होता है जिसमें सवाल के जवाब के लिए किसी से मदद ली जा सकती है। इसकी जगह पर किसी दोस्त को वीडियो कॉल करने का विकल्प दिया गया है। दर्शकों की कमी को देखते हुए निर्देशक शेषकुमार ने शॉट में बदलाव करते हुए ज्यादा क्लोज-अप को शामिल किया। वह कहते हैं, ‘यह दो लोगों के बीच अंतरंग बातचीत की तरह है। मुझे इस बात पर संदेह था कि क्या दर्शक इस शो को स्वीकार करेंगे लेकिन उन्होंने अपनी सकारात्मक प्रतिक्रिया दी है। नया सीजन 28 सितंबर को शुरू हुआ था।
सेट पर काम करने वालों की 225 लोगों की टीम को कम कर 100 कर दिया गया। सेट पर इस टीम के लोगों को शरीर के तापमान, ऑक्सीजन की जांच के साथ अच्छी तरह सैनिटाइजेशन कराना पड़ता है जबकि प्रतिभागियों को सेट पर आने की अनुमति दिए जाने से पहले तीन जांच की जाती है।’ संघमित्रा इस बात को बेहद अफसोस के साथ कहती हैं कि अब वह किसी से गले नहीं लग पातीं या फिर अपना लंच भी किसी और के साथ साझा नहीं कर पातीं। जिस कमरे में वह बच्चन के साथ प्रत्येक एपिसोड की स्क्रिप्ट पर चर्चा करती हैं अब वहां भी शीशे की दीवार जैसा ढांचा बनाया गया है। इसी तरह से प्रोडक्शन के कमरे में भी कुछ ऐसा ही हाल है।
सिर्फ ‘बिग बी’ के लिए विशेष कमरा बनाया गया है ताकि वह वहां आराम कर सकें। प्रिया पाटिल का काम मेजबान के वॉर्डरोब का ध्यान रखना और चयन करना है लेकिन वह खुद भी सेट पर पीपीई सूट और फेस शील्ड में नजर आती हैं। पिछले साल उन्होंने बच्चन पर कई तरह के टाइ नॉट्स को आजमाया था जिनमें एल्ड्रिज और ट्रिनिटी शामिल है। चूंकि नॉट्स को निकालने या हटाने के लिए पहनने वालों के करीब जाना पड़ता है इसी वजह से पाटिल ने इस बार कॉलर पिन, लैपल पिन और छोटे ब्रॉच का इस्तेमाल कराना शुरू कर दिया है जिसमें ज्यादा परेशानी नहीं होती।
इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है कि हर बात में कोविड-19 का जिक्र आजकल होता है। मेजबान प्रतियोगियों से लॉकडाउन के दौरान आने वाली कठिनाइयों के बारे में पूछते हैं। इस साल पहले एपिसोड की शुरुआत हिंदी कविता ‘फिर वापस आना पड़ता है’ के साथ हुई जो यह दर्शाता है कि किसी भी प्रकोप के बाद लोग वापसी के लिए संघर्ष करते हैं। इसी तरह भविष्य में सेट पर दर्शकों की वापसी की भी उम्मीद की जा रही है और सेट डिजाइनरों ने बैठने की पहले की क्षमता को बनाए रखा है। निर्देशक का कहना है, ‘दर्शक जिस ऊर्जा का संचार करते हैं, वह गायब है लेकिन हम हर स्थिति से मुकाबला कर रहे हैं। हम उन्हें वापस ला सकते हैं या नहीं हम उसके लिए भी तैयार रहना चाहते हैं।’
