महंगे एवं प्रीमियम स्मार्टफोन की मांग और आपूर्ति उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है लेकिन सस्ते स्मार्टफोन के बड़े बाजार की स्थिति इससे अलग है। प्रीमियम हैंडसेट श्रेणी में जबरदस्त वृद्धि के मुकाबले फीचर फोन की आपूर्ति में भारी गिरावट एवं किफायती हैंडसेट श्रेणी में कमजोर वृद्धि के कारण इनके बीच की खाई बढ़ती दिख रही है।
सितंबर तिमाही के दौरान प्रीमियम स्मार्टफोन बाजार की सभी प्रमुख कंपनियों- ऐपल से लेकर सैमसंग तक- ने रिकॉर्ड वृद्धि दर्ज की। तिमाही के दौरान ऐपल के आईफोन की आपूर्ति में सालाना आधार पर 67 फीसदी की बढ़ोतरी हुई और वह 8,00,000 हैंडसेट तक पहुंच गई। प्रतिस्पर्धी कंपनी सैमसंग ने भी लक्जरी स्मार्टफोन श्रेणी में चार गुना वृद्धि दर्ज की जबकि वनप्लस सबसे तेजी से उभरता स्मार्टफोन ब्रांड बन गया। अनुसंधान फर्म आईडीसी के अनुसार, कुल प्रीमियम स्मार्टफोन श्रेणी (35,000 रुपये से अधिक कीमत) में 91 फीसदी की वृद्धि हुई।
पिरामिड के निचले हिस्से की तस्वीर यही बयां करती है। आईडीसी के अनुसार, मौजूदा परिदृश्य में आर्थिक अनिश्चितताओं के कारण ग्राहक अधिक महंगे स्मार्टफोन को अपग्रेड करने से परहेज कर रहे हैं जिससे मध्यम कीमत (15,000 से 35,000 रुपये) वाले स्मार्टफोन की श्रेणी सिकुड़ गई है। प्रवेश स्तर के स्मार्टफोन (5,000 से 10,000 रुपये कीमत) श्रेणी में सैमसंग, रियलमी और आईटेल जैसे ब्रांडों ने नए हैंडसेट लॉन्च किए हैं, लेकिन इस श्रेणी की समग्र वृद्धि प्रीमियम श्रेणी के मुकाबले कमजोर रही। परिणामस्वरूप स्मार्टफोन के लिए औसत बिक्री मूल्य (एएसपी) में 2 फीसदी की गिरावट आई और ऐसा पिछले कई वर्षों में पहली बार दिखा है।
फीचर फोन श्रेणी में 30 फीसदी की कमी आई है और उसकी बाजार हिस्सेदारी घटकर 31 फीसदी रह गई जो 2020 के आरंभ में 40 फीसदी रही थी। विशेषज्ञों ने कहा कि दो कारकों से फीचर फोन की मांग प्रभावित हुई है। पहला, लाखों निम्न एवं मध्यम आय वाले परिवार कोरोनावायरस वैश्विक महामारी के कारण पैदा हुई आर्थिक मंदी से जूझ रहे हैं। इससे फीचर फोन की मांग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। साइबरमीडिया रिसर्च के विश्लेषकों ने कहा, ‘हैंडसेट बाजार के पिरामिड के निचले हिस्से के ग्राहक कोविड वैश्विक महामारी के प्रभावों से लगातार जूझ रहे हैं।’
दूसरा, बच्चों की घर से हो रही पढ़ाई और काम ने फीचर फोन उपयोगकर्ताओं के एक वर्ग को स्मार्टफोन में स्थानांतरित होने के लिए मजबूर किया है। इससे प्रवेश एवं मध्यम स्तर के स्मार्टफोन की वृद्धि कमजोर रही।
मध्यम कीमत वाले स्मार्टफोन के उपयोगकर्ताओं के बीच भी यही रुझान जारी है। आईडीसी की सहायक अनुसंधान प्रबंधक उपासना जोशी के अनुसार, आर्थिक अनिश्चितताओं ने मध्यम श्रेणी के ग्राहकों को अधिक महंगे स्मार्टफोन में अपग्रेड होने से रोक दिया है।
सैमसंग से लेकर ऐपल और वनप्लस तक, अग्रणी स्मार्टफोन ब्रांडों के हालिया प्रदर्शन से यह प्रवृत्ति जाहिर होती है। सैमसंग इंडिया के वरिष्ठ उपाध्यक्ष आसिम वारसी के अनुसार, कंपनी ने प्रीमियम हैंडसेट श्रेणी में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की है जबकि वनप्लस ने जुलाई से सितंबर के दौरान आपूर्ति में 104 फीसदी की वृद्धि दर्ज की।
विशेषज्ञों का कहना है कि आर्थिक मंदी के कारण लोग अपने स्मार्टफोन को मध्यम श्रेणी से प्रीमियम में अपग्रेड करने से फिलहाल बच रहे हैं। लेकिन मंदी से अपेक्षाकृत कम प्रभावित प्रीमियम श्रेणी के ग्राहक मांग को रफ्तार दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि यह स्थिति हालिया रुझानों के विपरीत है। कुछ समय पहले तक प्रीमियम श्रेणी में अपग्रेड होने वाले स्मार्टफोन उपयोगकर्ता वृद्धि को रफ्तार दे रहे थे।
