छठे वेतन आयोग की रपट की ”जांच पड़ताल” करने के लिए केन्द्र सरकार ने कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में उच्चाधिकार प्राप्त समिति का गठित करने का आज फैसला किया।
इसमें सरकारी कर्मचारियों के वेतन में करीब 30 प्रतिशत बढ़ोतरी की अनुशंसा की गई है। वेतन आयोग की संस्तुतियों में कई विभागों, खासकर सेना के वेतनमान को लेकर विसंगतियां सामने आईं हैं।
यह फैसला आज आर्थिक मामलों की कैबिनेट समिति की बैठक में किया गया। विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री कपिल सिब्बल ने कैबिनेट की बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया कि सचिवों की उच्चाधिकार प्राप्त समिति की अध्यक्षता कैबिनेट सचिव के एम चंद्रशेखर करेंगे।
यह समिति स्क्रीनिंग कमेटी के रूप में काम करेगी। वह अपनी अंतिम सिफारिशें कैबिनेट को मंजूरी के लिए भेजेगी। पिछले महीने न्यायमूर्ति बी एन श्रीकृष्णा वेतन पैनल ने केन्द्र सरकार के कर्मचारियो का वेतन बढ़ाने की सिफारिश की है। कैबिनेट सचिव और सेवा प्रमुखों का वेतन 90 हजार मासिक करने की सिफारिश की गई है।
सिब्बल ने बताया कि समिति की अंतिम सिफारिश कैबिनेट में पेश होने के बाद विचार किया जाएगा कि किन किन बातों को और कैसे लागू किया जाए। यह पूछे जाने पर कि समिति की रिपोर्ट पेश करने की कोई समय सीमा तय की गई है, उन्होंने कहा, ”इसमें समय सीमा तय करने की कोई बात नहीं है।
समिति जल्द से जल्द अपनी सिफारिशें कैबिनेट को सौंप देगी।” सैन्य सेवाओं के वेतनमान पर विचार करने के लिए पहले ही समिति का गठन किया जा चुका है। भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) की ओर से भी कुछ सवाल उठे थे, उन पर भी कैबिनेट सचिव विचार करेंगे।