भारत का फलता-फूलता एडटेक क्षेत्र अब भारी मंदी का सामना कर रहा है। ट्रैक्सन द्वारा खासकर बिजनेस स्टैंडर्ड के साथ साझा किए गए आंकड़े से पता चला है कि इस क्षेत्र में पिछले पांच वर्षों में 2,148 स्टार्टअप बंद हो चुकी हैं।
महामारी की वजह से लगाए गए लॉकडाउन के दौरान शानदार वृद्धि दर्ज करने वाले एडटेक प्लेटफॉर्मों को अब बाजार की जरूरतों में बदलाव और परिचालन चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है।
इक्विटी निवेश राउंड के आंकड़ों के अनुसार, एडटेक स्टार्टअप ने 2024 में 0.64 अरब डॉलर की रकम जुटाई। यह 2021 में इसके ऊंचे स्तर 3.6 अरब डॉलर से काफी कम है। इससे पहले बंद हुई कंपनियों की संख्या 2021 में सबसे अधिक 933 थी।
वर्कफोर्स अपस्किलिंग एक्सलरेटर ‘एडफोर्स’ के मुख्य कार्याधिकारी एवं सह-संस्थापक रवि काकलेसरिया ने कहा कि एडटेक परिदृश्य में अनुकूलनशीलता और नवाचार सफलता के प्रमुख चालक बने हुए हैं। उन्होंने कहा, ‘एडटेक सेक्टर में मंदी की लहर देखी गई है क्योंकि क्लासरूम ट्रेनिंग और जेनेरिक मैटीरियल पर निर्भर रहने वाले स्टार्टअप को बदलती मांगों के अनुकूल ढलने में संघर्ष करना पड़ा। कई स्टार्टअप बिना किसी नवाचार के अस्थिर विकास की दौड़ में फंस गई। ’ट्रैक्सन फीड जियो रिपोर्ट: एडटेक इंडिया 2024 के अनुसार, 2021 में अपने चरम पर, इस क्षेत्र ने 357 फंडिंग राउंड में 4.1 अरब डॉलर जुटाए।
2021 एडटेक के लिए सबसे ज्यादा वित्त पोषण वाला साल रहा, लेकिन तीसरी तिमाही सबसे अधिक फंड वाली तिमाही रही, जिसमें 2.48 अरब डॉलर का निवेश हुआ। रिपोर्ट में कहा गया है कि देश में कुल 16,028 स्टार्टअप स्थापित की गईं, जिनमें से ज्यादातर कंपनियां बेंगलूरु, दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद और नोएडा में हैं।
हालांकि कक्षाएं ऑफलाइन तरीके से खुलने और निवेशकों का भरोसा घटने से इस क्षेत्र में कमजोरी बढ़ने लगी। हाल में एक वैकल्पिक व्यावसायिक शिक्षा प्लेटफॉर्म स्टोआ स्कूल (जिसे जीरोधा के संस्थापक नितिन कामत द्वारा समर्थित किया गया था) ने अपने बंद होने की घोषणा की।
एलिवेशन कैपिटल द्वारा समर्थित अपस्किलिंग और जॉब सर्च प्लेटफॉर्म ब्लूलर्न ने भी 2024 में परिचालन बंद कर दिया। अन्य स्टार्टअप जो कथित तौर पर बंद हो गए हैं उनमें क्विजमाइंड, वेदु एकेडमी और ट्राईबैक ब्लू आदि शामिल हैं।
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