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आचार संहिता अपनाने को राजी 17 ओटीटी

Last Updated- December 12, 2022 | 8:26 AM IST

इंटरनेट ऐंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया (आईएएमएआई) ने गुरुवार को कहा कि देश की 17 बड़ी ओवर द टॉप (ओटीटी) कंपनियों ने 4 सितंबर, 2020 को पेश की गई आचार संहिता पर आधारित एक क्रियान्वयन टूलकिट को अपनाने पर सहमति जताई है।
इस टूलकिट पर हस्ताक्षर करने वाली कंपनियों में जी5, वायाकॉम 18 (वूट), डिज्नी प्लस डिज्नी, एमेजॉन प्राइम वीडियो, नेटफ्लिक्स, सोनी लिव, एमएस प्लेयर, जियो सिनेमा, ईरोस नाऊ, अल्ट बालाजी, आरे, होईचोई, हंगामा, शेमारू, डिस्कवरी प्लस, अहा और लॉयंसगेट प्ले शामिल हैं। यह टूल किट 10 फरवरी 2021 से लागू हो गया है।
इस आचार संहिता का मसौदा (आईएएमएआई) ने तैयार किया है। इसमें दो चरणों में दिक्कतों एवं शिकायतों का निपटारा करने का सुझाव दिया गया है। पहले चरण में कंपनियों के अधिकारियों की एक आंतरिक समिति में शिकायत सुनी जाएगी और उसके बाद निर्णय लिया जाएगा। हालांकि जो शिकायतकर्ता इस समिति के निर्णय से खुश नहीं होंगे वे एक लोकपाल में अपनी बात रख सकेंगे। सूत्रों ने कहा कि इस लोकपाल में दो सदस्य संबंधित कंपनी से होंगे और दो स्वतंत्र विश्लेषक होंगे, जिन्हें वीटो करने का अधिकार होगा। इस लोकपाल के निर्णय से भी सहमत नहीं होने पर शिकायतकर्ता न्यायालय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में अपनी शिकायत रख सकते हैं।
साम्रग्री के नियमन के लिए तय संहिता चार अहम बिंदुओं पर आधारित होगी। इनमें पटकथा की श्रेणी (हिंसा या सेक्स युक्त), उम्र सीमा, पैरेंटल कंट्रोल शामिल होंगे। यह भी देखा जाएगा कि सामग्री नि:शुल्क उपलब्ध है या नहीं।
आईएएमएआई की डिजिटल मनोरंजन समिति के अध्यक्ष और वूट के सीओओ गौरव रक्षित ने टूल किट पर कंपनियों द्वारा हस्ताक्षर करने की बात की पुष्टि की। उन्होंने कहा, ‘यह सच है कि 17 कंपनियों ने आचार संहिता लागू करने के लिए टूल किट पर हस्ताक्षर किए हैं। इस समय देश में करीब 40 ओटीटी कंपनियां हैं। हमें उम्मीद है कि शेष बची कंपनियां भी अपनी हामी भरने के लिए आगे आएंगी। कंपनियों को तैयारी करने में कुछ समय लग जाएगा, इसलिए अगस्त से प्रस्तावित योजना लागू की जाएगी। सरकार से आए कई सुझाव भी शामिल किए गए हैं। हम मार्च में इस संबंध में चल रही प्रगति की समीक्षा करेंगे और जून में एक बार फिर तैयारी का जायजा लिया जाएगा।’
तीन महीने पहले सरकार ने एक अधिसूचना जारी कर ओटीटी कंपनियों के  कारोबारी नियमों में बदलाव की बात कही थी। इस अधिसूचना से यह उलझन दूर हो गई थी कि इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना-प्रौद्योगिकी मंत्रालय और सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय में ओटीटी का नियमन कौन कर सकता है। इस नियमों के तहत सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को ओटीटी पर दिखाई जाने वाली सामग्री के नियमन का अधिकार होगा। अब ओटीटी कंपनियों की तरफ से आचार संहिता की दिशा में उठाया गया इस कदम इस लिहाज से महत्त्वपूर्ण हो गया है।  पिछले कुछ समय से ओटीटी कंपनियों पर रचनात्मक स्वतंत्रता के नाम पर आपत्तिजनक सामग्री दिखाने के आरोप लगते रहे हैं। हाल में एमेजॉन प्राइम पर आई वेब सीरीज ‘तांडव’ के बाद यह मुद्दा और गरमा गया है। कुछ हिंदू समूहों ने आरोप लगाया था कि ‘तांडव’ में हिंदू देवी-देवताओं का अपमान किया गया था। इन शिकायतों के बाद इस वेब सीरीज के निर्देशक ने दो दृश्य हटा दिए और बिना शर्त माफी मांग ली।

First Published - February 11, 2021 | 11:43 PM IST

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