सर्विसेज (टीसीएस), इन्फोसिस, विप्रो और एचसीएल टेक जैसी देश की प्रमुख आईटी कंपनियों का इक्विटी बाजार में दबदबा कम हो रहा है। अप्रैल महीने में निफ्टी आईटी सूचकांक अभी तक 9.5 फीसदी नीचे आ चुका है जबकि निफ्टी 50 में 1.4 फीसदी की तेजी आई है। आज निफ्टी आईटी सूचकांक 0.23 फीसदी चढ़ा मगर बेंचमार्क सूचकांक 1.8 फीसदी उछल गया।
इसके परिणामस्वरूप निफ्टी 50 सूचकांक में आईटी सेवा क्षेत्र के भार में तेज गिरावट आई है। सूचकांक में अब इस क्षेत्र का भार 10.2 फीसदी रह गया है जो बीते 17 साल में सबसे कम है। वैश्विक वित्तीय संकट शुरू होने से ठीक पहले मार्च 2008 में इस क्षेत्र का भार 9.7 फीसदी था। इसके साथ ही बेंचमार्क सूचकांक में आईटी क्षेत्र का भार मार्च 2022 के 17.7 फीसदी से 42 फीसदी घट गया है।
निफ्टी आईटी सूचकांक में हालिया गिरावट से इसने कोविड-19 महामारी और 20 साल की अवधि के दौरान जो भी बढ़त दर्ज की थी, उसे गंवा दिया है।
निफ्टी 50 में शामिल शीर्ष 5 आईटी कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 25.5 लाख करोड़ रुपये रहा जबकि निफ्टी 50 कंपनियों का कुल बाजार पूंजीकरण 189.4 लाख करोड़ रुपये रहा। आईटी क्षेत्र के हालिया खराब प्रदर्शन और सूचकांक में इसके भार में आई गिरावट की तुलना 2008 में वैश्विक वित्तीय संकट से पहले उद्योग के खराब प्रदर्शन से की जा सकती है। 2001 से सूचकांक में आईटी क्षेत्र का भार औसतन 13.8 फीसदी रहा है।
यह बीस वर्षों में आईटी क्षेत्र के शेयरों की सबसे खराब सालाना शुरुआत है। निफ्टी आईटी सूचकांक अब कैलेंडर वर्ष 2025 की शुरुआत से 23 फीसदी नीचे है जो मार्च 2004 में सूचकांक की शुरुआत के बाद से इसका सबसे खराब प्रदर्शन है। वर्ष 2022 के पहले चार महीनों में सूचकांक में 18.3 फीसदी की गिरावट आई थी। विश्लेषकों ने कहा कि वित्त वर्ष 2025 की चौथी तिमाही में कंपनियों के नतीजे उम्मीद से कमजोर रहने और वित्त वर्ष 2026 में भी आय नरम रहने के अनुमान से आईटी शेयरों में भारी बिकवाली हो रही है।
इक्विजॉइन्स रिसर्च के संस्थापक और सीईओ जी चोकालिंगम ने कहा, ‘पहले डॉलर में आईटी कंपनियों की आय सालाना 2 से 4 फीसदी बढ़ती थी मगर वित्त वर्ष 2026 में इसके स्थिर रहने या गिरावट आने का अंदेशा है। टीसीएस और इन्फोसिस की आय वित्त वर्ष 2025 में या तो घटी है या स्थिर रही है, जिससे निवेशकों में इस क्षेत्र की आय वृद्धि को लेकर डर पैदा हुआ है।’