भारती एंटरप्राइजेज के संस्थापक और चेयरमैन सुनील मित्तल मानते हैं कि भारतीय उद्योग जगत दूरसंचार क्षेत्र में निवेश करना और इसकी गति को बनाए रखने के पक्ष में हैं। निवेदिता मुखर्जी और शुभायन चक्रवर्ती के साथ बातचीत में मित्तल ने अर्थव्यवस्था, 5जी, चीन के वेंडरों, शुल्क दरों तथा बी20 अफ्रीका चैप्टर जैसे तमाम पहलुओं पर बात की। प्रमुख अंश:
हाल में आए जीडीपी के आंकड़ों को उद्योग जगत किस तरह से देखता है?
आंकड़े उत्साहजनक हैं लेकिन इसमें चकित होने जैसा कुछ नहीं है। आप अर्थव्यवस्था की गति देख सकते हैं।
खपत मांग में अभी ज्यादा तेजी नहीं आई है… आपका क्या कहना है?
कुछ क्षेत्रों में थोड़ा दबाव है जिससे खपत मांग कम दिख रही है। आंकड़े बताते हैं कि चीजें व्यापक तौर पर ठीक हो रही हैं।
जीडीपी के आंकड़ों को देखकर लगता है कि उद्योग जगत अब निवेश में तेजी दिखाएगा?
मेरा मानना है कि ऐसा पहले से ही हो रहा है। अगर आप कोई उद्योगपति से बात करें तो वे देश में और निवेश करने के लिए इच्छुक है। विदेशी कंपनियां भी आ रही हैं। दूरसंचार उद्योग में भी निवेश हो रहा है। हम हर साल 25 हजार से 30 हजार करोड़ रुपये निवेश कर रहे हैं।
वित्त वर्ष 2024 के लिए पूंजीगत व्यय को लेकर क्या रूझान है?
वित्त वर्ष 2024 के लिए पहले ही 28,000 से 31,000 करोड़ रुपये पूंजीगत व्यय की बात कही जा चुकी है। यह 5जी पर निवेश होगा। अगले साल भी 5जी का विस्तार जारी रहेगा। अगले साल पूंजीगत व्यय इससे थोड़ा कम हो सकता है।
एयरटेल के लिए 5जी सेवा शुरू करने का क्या निष्कर्ष निकला?
किसी भी तकनीक के लिए दुनिया में कहीं भी इसने व्यापक स्तर पर रोलआउट नहीं किया है। लेकिन अभी 5जी उपकरणों की उपलब्धता सीमित है। 4जी से 5जी अपनाने वालों की तादाद 5 से 6 फीसदी है। मेरा मानना है कि वित्त वर्ष के अंत तक 25 फीसदी लोग 5जी को अपना लेंगे।
भारत में दो ऑपरेटरों के वर्चस्व की आशंका अब हकीकत बन रही है…
दो कंपनियों के वर्चस्व की जगह हम कह सकते हैं 2 निजी ऑपरेटर। हमने सुना है कि संचार मंत्री बीएसएनएल को मजबूत करने की बात कही है। ऐसे में देश में अगर चार ऑपरेटर नहीं भी होते हैं तो तीन रहेंगे ही।
भारत में शुल्क दरें कब तक बढ़ने की संभावना देख रहे हैं? क्या एयरटेल इस दिशा में पहल करेगी?
हमारा मार्जिन पहले से ही बहुत कम है। उद्योग की बेहतर वित्तीय स्थिति के लिए दरें वाजिब होनी चाहिए। सरकार सहित सभी का यही मानना है। हमारी प्रति ग्राहक औसत आय 300 रुपये होनी चाहिए जो अभी करीब 200 रुपये है। हमने दरों में थोड़ा इजाफा करने की पहल की है।
दो साल पहले आपने कहा था कि बाजार के अगुआ को इस दिशा में पहले कदम बढ़ाना चाहिए। क्या आपका इशारा रिलायंस जियो की ओर था?
नहीं, हम इस उद्योग में खुद को अगुआ मानते हैं। लेकिन आप एकतरफा शुल्क नहीं बढ़ा सकते। शुल्क को बाजार के अनुरूप रखना होगा। हमने बाजार हिस्सेदारी प्रभावित किए बिना इस दिशा में जितना हो सकता था प्रयास किया है।
क्या आपको लगता है कि एयरटेल ग्राहकों के मामले में रिलायंस जियो को फिर पीछे छोड़ सकता है?
हम ग्राहकों की संख्या पर ध्यान नहीं देते हैं। इसमें कोई संदेह नहीं कि लोग एयरटेल को बाजार का अुगआ मानते हैं। हम अपने प्रतिस्पर्धी से ग्राहकों की संख्या के मामले में आगे नहीं भी रहते हैं तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ता है।
क्या ऐसा इसलिए कह रहे हैं कि 5जी के आने पर आय के अन्य स्रोत हो सकते हैं, ऐसे में ग्राहकों की संख्या का ज्यादा महत्त्व नहीं होगा?
ग्राहकों की संख्या का अब उतना महत्त्व नहीं रह गया है। हमारे सक्रिय ग्राहकों की संख्या 90 फीसदी है जबकि प्रतिस्पर्धी कंपनियों के सक्रिय ग्राहक 80 फीसदी के करीब हैं। कई सर्किलों में हम ग्राहकों की संख्या के लिहाज से भी आगे हैं। फर्क इससे पड़ता है कि आपके पास किस तरह के ग्राहक हैं।
क्या आपको लगता है कि चीनी वेंडर दूरसंचार क्षेत्र से निकल जाएंगे?
चीनी वेंडर आपूर्ति श्रृंखला का बड़ा हिस्सा हैं। यह स्पष्ट है कि भरोसेमंद स्रोत, वियवसनीय उत्पाद अब आदर्श बन गए हैं। जहां तक भारत की बात है तो हमारे नेटवर्क में चीन के वेंडरों की हिस्सेदारी काफी कम है। हमारे 5जी नेटवर्क में चीनी वेंडरों के उपकरण नहीं हैं। रिलायंस के साथ भी ऐसा ही है। वोडाफोन ने अभी स्पष्ट नहीं किया है लेकिन उसके पास भी विकल्प नहीं है क्योंकि बिना प्रमाणित कोई भी उपकरण नहीं खरीदा जा सकता है।
आपको बी20 में अफ्रीकी आर्थिक एकीकरण परिषद का प्रमुख बनाया गया है। आपकी व्यस्तता बढ़ गई होगी?
अफ्रीका का अर्थिक एकीकरण उन क्षेत्रों में शामिल है, जहां प्रधानमंत्री अपनी छाप छोड़ना चाहते हैं। बी20 में दो परिषद बनाए गए हैं- पहला अफ्रीकी एकीकरण और दूसरा ईएसजी। हमारे अफ्रीकी कारोबार का 13वां साल चल रहा है और यह मौका मिलने पर हम खुश हैं। हमने पेश होने वाले दस्तावेज अच्छी तरह तैयार किए हैं। हमारी आखिरी बैठक अगस्त में होनी है, जिसमें हम जी20 के लिए अपने सुझाव देंगे। उम्मीद है कि जी20 इन सुझावों को अपनाएगा।
बी20 परिषद का लक्ष्य और महत्त्व क्या है?
इसका मुख्य एजेंडा अफ्रीका को एकीकृत करने का है। अफ्रीकी महाद्वीप काफी बड़ा है जिसमें 56 देश और 1.3 अरब लोग रहते हैं और इसकी अर्थव्यवस्था 3.2 लाख करोड़ रुपये की है। लेकिन इनके बीच व्यापार काफी कम होता है। मैं विश्व व्यापार संगठन में व्यापार सुविधा समझौते को लेकर काम कर रहा था। अफ्रीका में तकनीकी उन्नयन के लिए काफी सारा पैसा भी मिला है और शुल्क संहिता में सामंजस्य कायम करना है लेकिन अभी तक ऐसा नहीं हो पाया है।