किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) पर राष्ट्रीय नीति के मसौदे में बैंकों के प्राथमिक क्षेत्र के कर्ज के मानदंडों के भीतर एक विशेष उपसमूह की वकालत की गई है, जिससे एफपीओ को आसानी से कर्ज मिल सके।
इसके अलावा एफपीओ के लिए अमूल जैसी त्रिस्तरीय संस्थागत संरचना बनाने और प्राथमिक स्तर के किसानों के समूह को कृषि व्यवसाय बाजार स्थापित करने को बढ़ावा देने को प्रोत्साहन देने का प्रावधान किया गया है, जिससे वे राज्य के अधिनियम के तहत मंडी के रूप में काम कर सकें।
मसौदे में प्रस्तावित प्राथमिक एफपीओ के कृषि बाजार किसानों के उत्पादों के लिए सुविधा प्रदाता के रूप में काम कर सकते है, जहां सस्ती दरों पर गुणवत्तायुक्त इनपुट मिल सकेंगे।