विमानन कंपनी इंडिगो ने नागर विमानन महानिदेशालय (डीजीसीए) को पायलटों की साप्ताहिक विश्राम अवधि को चरणबद्ध तरीके से बढ़ाने का सुझाव दिया है। साथ ही कंपनी ने कहा कि वह तुरंत इसका कार्यान्वयन शुरू नहीं करना चाहती है, लेकिन अगले साल जून से इसे शुरू किया जा सकता है। बिज़नेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी मिली है।
इसके अलावा विमानन कंपनी ने रात्रि ड्यूटी विंडो को भी बढ़ाने का विरोध किया है, जिसमें उसने दावा किया कि देर रात 12 बजे से सुबह 5 बजे तक उड़ानों का संचालन सख्त थकान प्रबंधन नियमों के तहत किया जाता है और यदि इस अवधि को बढ़ाया जाता है तो इसका परिचालन पर गंभीर असर पड़ सकता है।
पायलटों की थकान कम करने के लिए डीजीसीए ने इस साल जनवरी में पायलटों के लिए 2019 के उड़ान के घंटे की समय सीमा (एफडीटीएल) मानदंडों में बदलाव किया था। नए नियमों के तहत उड़ान चालक दल के लिए साप्ताहिक विश्राम अवधि को 36 से बढ़ाकर 48 घंटे किया गया था और रात्रि ड्यूटी विंडो को भी देर रात 12 बजे से सुबह 6 बजे तक कर दिया गया था।
विमानन नियामक ने इस साल जून से इन नियमों को लागू करने की योजना बनाई थी मगर अनुपालन के लिए 15 से 20 फीसदी उड़ानों को रद्द करने का हवाला देते हुए घरेलू विमानन कंपनियों ने इस पर सख्त विरोध जताया था, जिसके बाद इसके कार्यान्वयन को स्थगित कर दिया गया था। फिलहाल, विमानन कंपनियों और पायलट संघों के साथ डीजीसीए इस पर चर्चा कर रहा है और इस पर विमर्श किया जा रहा है कि नए एफडीटीएल मानदंड कैसे और कब लागू किए जाएं।
बीते 4 दिसंबर को इंडिगो के मुख्य परिचालन अधिकारी इसिद्रो पोरक्यूरस ने डीजीसीए प्रमुख डीसी शर्मा को पत्र लिखकर कहा था कि विमानन कंपनी अगले साल जून (जून, 2025) से पायलटों की साप्ताहिक विश्राम अवधि 36 से बढ़ाकर 48 घंटे करने के लिए तैयार है। उन्होंने कहा था, ‘इसके अलावा हम जून 2026 के बाद साप्ताहिक विश्राम अवधि को संभावित तौर पर बढ़ाने से हुए बदलावों का आकलन करेंगे।’
उन्होंने यह भी कहा था कि रात्रि ड्यूटी विंडो को मध्य रात्रि 12 से सुबह 6 बजे तक करने के प्रस्ताव का परिचालन पर गंभीर असर पड़ेगा और इसलिए विमानन कंपनी रात्रि ड्यूटी विंडो पर यथास्थिति बरकरार रखने की कवायद करती है।