भारत में निर्मित पहली चिप की शुरुआत साल 2026 के अंत में धोलेरा स्थित टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स प्लांट से होगी। केंद्रीय रेल, संचार, इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स और सीजी पावर के चिप संयत्र के शिलान्यास समारोह में यह जानकारी दी।
समारोह के दौरान वैष्णव ने कहा कि धोलेरा प्लांट से पहली चिप दिसंबर, 2026 में आएगी और माइक्रोन प्लांट से चिप दिसंबर, 2024 तक आएगी। भारत साल 2029 तक दुनिया के शीर्ष पांच चिप निर्माण केंद्रों में से एक होगा। इन प्लांटों में से दो टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स के और तीसरा प्लांट सीजी पावर का है।
इसमें कुल 1.26 लाख करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा। इन तीन प्लांटों में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स का देश का पहला हाई-टेक चिप विनिर्माण प्लांट शामिल है, जिसे कंपनी धोलेरा के विशेष औद्योगिक क्षेत्र में ताइवान की पावरचिप सेमीकंडक्टर मैन्युफैक्चरिंग कॉर्प के साथ साझेदारी में स्थापित कर रही है।
इस प्लांट की क्षमता 50,000 वेफर्स प्रतिमाह होगी और इसमें 91,000 करोड़ रुपये का निवेश शामिल होगा। केंद्र इसमें समान आधार पर पूंजीगत व्यय का 50 प्रतिशत योगदान करेगा। उन्नत प्रौद्योगिकी द्वारा संचालित ये चिप कई क्षेत्रों की जरूरतों को पूरा करेंगी, जैसे इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी), दूरसंचार, रक्षा, वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, डिस्प्ले और पावर इलेक्ट्रॉनिक्स।
प्रधानमंत्री ने असम के जगीरोड में टाटा इलेक्ट्रॉनिक्स की एक और नई असेंबली और परीक्षण सुविधा की भी आधारशिला रखी। टाटा के असम प्लांट का निर्माण 27,000 करोड़ रुपये के निवेश से होगा और इससे क्षेत्र में 27,000 से अधिक प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रोजगार के अवसरों का सृजन होगा। यह पूर्वोत्तर में भारत की पहली सेमीकंडक्टर इकाई होगी।
टाटा सेमीकंडक्टर असेंबली ऐंड टेस्ट (टीएसएटी) प्रतिदिन 4.8 चिप की क्षमता के साथ फ्लिप चिप और आईएसआईपी (पैकेज में एकीकृत प्रणाली) प्रौद्योगिकियों सहित स्वदेशी उन्नत सेमीकंडक्टर पैकेजिंग प्रौद्योगिकियों का विकास करेगी। इनके लिए लक्षित खंड वाहन, इलेक्ट्रिक वाहन, उपभोक्ता इलेक्ट्रॉनिक्स, दूरसंचार और मोबाइल फोन और अन्य होंगे।