facebookmetapixel
नया साल, नए नियम: 1 जनवरी से बदल जाएंगे ये कुछ जरूरी नियम, जिसका सीधा असर आपकी जेब पर पड़ेगा!पोर्टफोलियो में हरा रंग भरा ये Paint Stock! मोतीलाल ओसवाल ने कहा – डिमांड में रिकवरी से मिलेगा फायदा, खरीदेंYear Ender: क्या 2026 में महंगाई की परिभाषा बदलेगी? नई CPI सीरीज, नए टारगेट व RBI की अगली रणनीतिGold–Silver Outlook 2026: सोना ₹1.60 लाख और चांदी ₹2.75 लाख तक जाएगीMotilal Oswal 2026 stock picks: नए साल में कमाई का मौका! मोतीलाल ओसवाल ने बताए 10 शेयर, 46% तक रिटर्न का मौकाYear Ender: 2025 में चुनौतियों के बीच चमका शेयर बाजार, निवेशकों की संपत्ति ₹30.20 लाख करोड़ बढ़ीYear Ender: 2025 में RBI ने अर्थव्यवस्था को दिया बूस्ट — चार बार रेट कट, बैंकों को राहत, ग्रोथ को सपोर्टPAN-Aadhaar लिंक करने की कल है आखिरी तारीख, चूकने पर भरना होगा जुर्माना2026 में मिड-सेगमेंट बनेगा हाउसिंग मार्केट की रीढ़, प्रीमियम सेगमेंट में स्थिरता के संकेतYear Ender 2025: IPO बाजार में सुपरहिट रहे ये 5 इश्यू, निवेशकों को मिला 75% तक लिस्टिंग गेन

दवा तकनीक को 200 अरब डॉलर का बनने की जरूरत

अभी भारत में विश्व का तीसरी सबसे बड़ा फार्मा उद्योग है। रसायन और उर्वरक मंत्रालय के मुताबिक देश का फार्मा उद्योग का बाजार करीब 500 अरब डॉलर है।

Last Updated- November 17, 2023 | 11:03 PM IST
Empagliflozin

भारत के दवा तकनीक क्षेत्र को 2030 तक 200 अरब डॉलर तक पहुंचने की जरूरत है। यह फार्मा सचिव अरुणीश चावला ने शु्क्रवार को भारतीय उद्योग परिसंघ के लाइफ सांइसेज शिखर सम्मेलन के इतर कहा, ‘200 अरब डॉलर के लक्ष्य तक पहुंचने के लिए उद्योग को सालाना आधार पर दो अंकों में वृद्धि करने की जरूरत है। उद्योग को आयात पर निर्भरता कम करनी होगी और निर्यात बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित करना होगा।’

अभी भारत में विश्व का तीसरी सबसे बड़ा फार्मा उद्योग है। रसायन और उर्वरक मंत्रालय के मुताबिक देश का फार्मा उद्योग का बाजार करीब 500 अरब डॉलर है। दवा तकनीक क्षेत्र के हालिया प्रदर्शन पर चावला ने कहा कि यह भारत विनिर्माण क्षेत्र में 10 प्रतिशत है। उन्होंने कहा, ‘हमें इस दर को बढ़ाने की जरूरत है। दवा तकनीक क्षेत्र 2030 तक भारत में विनिर्माण क्षेत्र का 20 प्रतिशत होना चाहिए। इसके लिए उत्पादन व निर्यात बढ़ाने की जरूरत है।’

चावला ने कहा कि अनुसंधान और विकास नीति के ढांचे पर नए सिरे से सोचने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘हमें अनुसंधान प्रकाशित करने से मरीज तक पहुंचने की जरूरत है। शोध आधारित डिग्री का प्रायोजक तंत्र बनाना है। उन्होंने फार्मा और दवा तकनीक योजना में शोध और नवाचार संवर्द्धन (पीआरआईपी) के प्रतीक्षित दिशानिर्देशों के बारे में भी जानकारी दी।

उन्होंने कहा, ‘सरकार, उद्योग व शिक्षा जगत पीआरआईपी योजना के विस्तृत दिशानिर्देशों के लिए कार्य कर रहे हैं।’ फार्मा सचिन ने यह भी कहा कि आखिरकार सार्वजनिक और निजी संसाधनों को एकसाथ जोड़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा, ‘दवा तकनीक क्षेत्र संसाधन गहन क्षेत्र है। सरकार और उद्योग अपने बलबूते अनुसंधान को प्रायोजित करने में सक्षम नहीं होंगे।’

First Published - November 17, 2023 | 11:03 PM IST

संबंधित पोस्ट