श्राद्ध और पितृपक्ष जैसे कारणों के साथ-साथ भारी बारिश और सुस्त अर्थव्यवस्था की वजह से सितंबर में यात्री वाहनों की खुदरा बिक्री में 19 प्रतिशत तक की गिरावट आई है। फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) ने आज अपने मासिक आंकड़ों में कहा कि इससे डीलरों के पास बिना बिके वाहनों का स्टॉक 80 से 85 दिनों के ऐतिहासिक स्तर पर पहुंच गया, जो 79,000 करोड़ रुपये के 7,90,000 वाहनों के बराबर है।
आने वाले महत्वपूर्ण त्योहारी सीजन के मद्देनजर फाडा ने मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) से वित्तीय झटके से बचाने के लिए तत्काल सुधार के उपाय करने का आग्रह किया है। उसने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) से बैंकों को दिशानिर्देश जारी करने की भी मांग की है।
इसमें डीलरों की सहमति और वास्तविक जमानत के आधार पर वित्तीय सहायता की सख्त नीतियों को अनिवार्य करने की मांग की गई है, ताकि डीलरों को बिना बिके वाहनों के स्टॉक के कारण अतिरिक्त वित्तीय दबाव का सामना न करना पड़े। फाडा के अध्यक्ष सीएस विघ्नेश्वर ने कहा, ‘ओईएम के लिए यह अंतिम अवसर है कि वे बहुत देर होने से पहले बाजार में सुधार के लिए खुद को फिर से तैयार करें और उसका समर्थन करें।’
दिलचस्प यह है कि सितंबर में कुल खुदरा बिक्री में 9.26 प्रतिशत तक की गिरावट आई है और तिपहिया वाहनों तथा ट्रैक्टरों को छोड़कर अन्य सभी श्रेणियों में पिछले वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में भारी गिरावट देखी गई है। यात्री वाहनों की बिक्री में भारी गिरावट के अलावा दोपहिया और वाणिज्यिक वाहनों में क्रमशः नौ प्रतिशत और 10.45 प्रतिशत तक की कमी आई है। समीक्षाधीन महीने के दौरान तिपहिया वाहनों की बिक्री में 0.66 प्रतिशत और ट्रैक्टरों की बिक्री में 15 प्रतिशत तक का इजाफा देखा गया है।
कार विनिर्माताओं के मामले में मारुति सुजूकी की बिक्री 20 प्रतिशत कम होकर 1,41,318 रह गई। ह्युंडै मोटर इंडिया की बिक्री में 25 प्रतिशत और टाटा मोटर्स की बिक्री में 19 प्रतिशत तक की गिरावट आई। शीर्ष चार कंपनियों में महिंद्रा ऐंड महिंद्रा की बिक्री में 0.4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि देखी गई और यह तीसरे स्थान वाली कंपनी के रूप में टाटा मोटर्स से आगे निकल गई।