भारतीय बैंकिंग में एक नया अध्याय जुड़ गया है, जहां पारंपरिक सोने की संपत्ति डिजिटल दुनिया से जुड़ रही है। एक्सिस बैंक ने फ्रीचार्ज के साथ मिलकर ‘क्रेडिट ऑन यूपीआई विद गोल्ड लोन्स’ लॉन्च किया है। यह भारत का पहला ऐसा प्रोडक्ट है जो सोने पर आधारित क्रेडिट लाइन को यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) से जोड़ता है। 29 सितंबर 2025 को बेंगलुरु में हुआ यह लॉन्च, नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) की ताजा गाइडलाइंस पर आधारित है। इससे सुरक्षित क्रेडिट को तुरंत और आसानी से उपलब्ध कराना संभव हो गया है। यह कदम डिजिटल पेमेंट्स को मजबूत बनाते हुए ऑनलाइन बैंकिंग को और बढ़ावा देगा।
यह क्रेडिट लाइन खासतौर पर माइक्रो, स्मॉल एंड मीडियम एंटरप्राइजेज (MSME), स्व-रोजगार वाले व्यक्ति और व्यापारियों के लिए तैयार की गई है। मौजूदा एक्सिस बैंक ग्राहक जो सोने के लोन की सभी शाखाओं से जुड़े हैं, वे इसे इस्तेमाल कर सकते हैं। सोने की होल्डिंग्स के बदले तुरंत आसान क्रेडिट मिलती है, जो वर्किंग कैपिटल, बिजनेस ग्रोथ या अचानक लिक्विडिटी की जरूरतों के लिए उपयोगी साबित हो सकती है।
प्रोडक्ट की खासियत यह है कि यह पूरी तरह डिजिटल है। ऑनबोर्डिंग के बाद ब्रांच विजिट की कोई जरूरत नहीं पड़ती। फ्लेक्सिबल ओवरड्राफ्ट सुविधा मिलती है, जहां ट्रांजेक्शन की आसानी है। ब्याज सिर्फ इस्तेमाल की गई राशि पर लगता है, जो इसे किफायती बनाता है। पेमेंट्स और रीपेमेंट्स UPI या UPI क्यूआर के जरिए तुरंत हो सकते हैं—फ्रीचार्ज ऐप या किसी भी UPI ऐप से। इससे कैश फ्लो मैनेजमेंट रीयल-टाइम और पारदर्शी रहता है। एक्सिस बैंक के एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर मुनिश शारदा ने लॉन्च के दौरान कहा कि यह सोने की विश्वसनीयता को UPI की सुविधा से जोड़कर डिजिटल युग में सुरक्षित क्रेडिट का नया मानक स्थापित करता है।
Also Read: H-1B वीजा पर सख्ती के बाद अब चीनी वर्कस यूरोप में तलाश रहें विकल्प
इसकी प्रक्रिया सरल और तेज है। सबसे पहले, एक्सिस बैंक का मौजूदा ग्राहक फ्रीचार्ज ऐप के जरिए रजिस्ट्रेशन करता है। यहां सोने के लोन की डिटेल्स वेरिफाई होती हैं, जो बैंक की शाखाओं से लिंक होती हैं। एक बार अप्रूव हो जाने पर, प्री-सैंक्शन क्रेडिट लाइन UPI से जुड़ जाती है। ग्राहक इसे तुरंत किसी भी UPI-सक्षम मर्चेंट को पेमेंट के लिए इस्तेमाल कर सकता है।
उदाहरण के तौर पर, एक छोटा व्यापारी अपनी सोने की ज्वेलरी पर क्रेडिट लेता है। उसे जरूरत अनुसार 50,000 रुपये निकालने पड़ते हैं। वह UPI से सीधे सप्लायर को पेमेंट कर देता है। ब्याज सिर्फ 50,000 पर लगेगा, न कि पूरी लाइन पर। जब बिक्री से पैसे आते हैं, तो फ्रीचार्ज ऐप से रीपेमेंट हो जाता है। मैनुअल प्रोसेस खत्म हो गया है—सब कुछ ऐप पर ट्रैक होता है। NPCI की गाइडलाइंस के मुताबिक, यह क्रेडिट लाइन ओवरड्राफ्ट्स और रिटेल लोन्स को फ्रिक्शनलेस बनाती है। NPCI की ग्रोथ एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर सोहिणी राजोला ने कहा कि यह इंफ्रास्ट्रक्चर क्रेडिट को सुरक्षित और व्यापक रूप से उपलब्ध कराने में मदद करता है।
यह लॉन्च भारतीय डिजिटल इकोसिस्टम में एक बड़ा कदम है। एक्सिस बैंक की क्रेडिट एक्सपर्टाइज और फ्रीचार्ज की डिजिटल जर्नी को मिलाकर एक भरोसेमंद प्रोडक्ट बना है। शहरी और ग्रामीण दोनों इलाकों में सोने की संपत्ति को आर्थिक रूप से सक्रिय करने से वित्तीय समावेशन बढ़ेगा। मैनुअल प्रोसेस कम होने से क्रेडिट एक्सेस तेज और सस्ता हो गया है। यह RBI के नियमों के अनुरूप है, जो UPI के जरिए क्रेडिट को ट्रांसफॉर्म करने पर जोर देता है। छोटे बिजनेस के लिए यह तुरंत लिक्विडिटी का स्रोत बनेगा, बिना ज्यादा कागजी कार्रवाई के। कुल मिलाकर, यह प्रोडक्ट सोने को महज आभूषण से आगे एक वित्तीय टूल बना रहा है।