सरकार की तरफ से विकसित ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ONDC) चालू वित्त वर्ष 2024-25 में यूजर चार्ड लगाना शुरू कर सकता है। हालांकि, शुल्क कितना लगाया जाएगा, इसको लेकर अभी कुछ निर्णय नहीं लिया गया है। बिजनेस स्टैंडर्ड को मिली जानकारी के मुताबिक, यह शुल्क कम होगा और प्रत्येक ट्रांजैक्शन पर लगाए जाने की संभावना है।
शुल्क का भुगतान या तो विक्रेता, या खरीदार, या दोनों को करना पड़ सकता है।
ONDC के प्रबंध निदेशक और सीईओ टी. कोशी ने बिजनेस स्टैंडर्ड को एक इन्टरव्यू के दौरान बताया, “हम नेटवर्क की ग्रोथ का मूल्यांकन करेंगे और सही समय का निर्णय लेंगे। हमने इसे संरचित करने का तरीका अभी तक तय नहीं किया है।”
इसका लक्ष्य छोटे, स्थानीय विक्रेताओं को शामिल करना भी है जो कभी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नहीं रहे हैं। फिलहाल, ONDC का कोई रेवेन्यू मॉडल नहीं है। लेकिन इसके लागत कम हैं, क्योंकि यह सिर्फ एक नेटवर्क प्रोवाइडर है।
यह भी पढ़ें: Paytm ने OTA इंडस्ट्री में शानदार परफॉर्मेंस के बाद किया Skyscanner, Google Flights, Wego के साथ करार
कोशी ने कहा, “हम एक सेक्शन 8 कंपनी हैं और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोवाइडर की भूमिका निभा रहे हैं। हमें कोई केंद्रीय प्रणाली या प्लेटफॉर्म बनाए रखने की आवश्यकता नहीं है। मांग उत्पन्न करना बायर ऐप, सेलर ऐप, सेलर्स और ओएनडीसी का संयुक्त प्रयास है। इससे हमारी लागत बहुत कम रहती है।”
यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) की तरह, ओएनडीसी भी एक यूटिलिटी की तरह है। लेकिन हर सुविधा की एक लागत होती है, जैसे UPI की भी है और किसी को उस लागत को उठाना पड़ता है।
इसी वजह से ओएनडीसी यूजर चार्ड लगाने पर विचार करेगा ताकि लागतें पूरी हो सकें और यह भी देखेगा कि बाजार इन शुल्कों के लिए कब तैयार हो सकता है।
ONDC पहले से ही पूरे भारत में ओपरेशनल है। साथ ही इसके डिजिटल इन्फ्रास्ट्रक्चर को भी पूरा कर लिया गया है और इसे व्यवसायों और आम जनता के लिए शुरू कर दिया गया है।
इससे 5 लाख से अधिक विक्रेता जुड़ चुके हैं, जिनमें से 70% से अधिक छोटे या मध्यम विक्रेता हैं। इस साल मई में, ओएनडीसी ने लगभग 90 लाख लेनदेन की सुविधा प्रदान की, जो मई 2023 में 1.5 मिलियन से काफी अधिक है।
पिछले महीने, ONDC के साथ जुड़ने में 125 स्टार्टअप ने दिलचस्पी दिखाई थी। इनमें जीरोधा, ईजमाईट्रिप और कार्स24 जैसे तेजी से बढ़ रहे व्यवसाय तथा यूनिकॉर्न शामिल हैं।