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ONDC से जुड़ेंगी कई यूनिकॉर्न, 125 स्टार्टअप ने दिखाई दिलचस्पी

ओएनडीसी अब समूचे भारत में पूरी तरह काम कर रहा है और 5 लाख से अधिक विक्रेता इसके प्लेटफॉर्म पर हैं। इनमें 70 फीसदी से ज्यादा छोटे या मध्यम आकार के विक्रेता हैं।

Last Updated- May 18, 2024 | 12:01 AM IST
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सरकार सम​र्थित ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म ओपन नेटवर्क फॉर डिजिटल कॉमर्स (ओएनडीसी) के साथ जुड़ने में 125 स्टार्टअप ने दिलचस्पी दिखाई है। इनमें जीरोधा, ईजमाईट्रिप और कार्स24 जैसे तेजी से बढ़ रहे व्यवसाय तथा यूनिकॉर्न भी शामिल हैं। यूनिकॉर्न उन कंपनियों को कहा जाता है, जिनका मूल्यांकन 1 अरब डॉलर से अ​धिक होता है।

ओएनडीसी में रुचि दिखाने वाली कंपनियों में ईजमाइट्रिप, ऑफबिजनेस, विंजो, लिवस्पेस, ग्लोबलबीज, प्रि​स्टीन केयर, कार्स24, फिजिक्स वाला, पॉलिसीबाजार और जीरोधा आदि ने उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग के एक कार्यक्रम में आज आशय पत्र पर हस्ताक्षर किए हैं।

करीब दो साल पहले शुरू किए गए ओएनडीसी का लक्ष्य डिजिटल कॉमर्स को सभी के लिए उपलब्ध कराना है। इसका मकसद उत्पादों और सेवाओं को ज्यादा सुलभ बनाना है ताकि विक्रेताओं को अतिरिक्त आय हो सके। मगर इसका मूल उद्देश्य ऐसे छोटे और स्थानीय विक्रेताओं को डिजिटल दुनिया में लाना है, जो कभी किसी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर नहीं रहे।

ओएनडीसी अब समूचे भारत में पूरी तरह काम कर रहा है और 5 लाख से अधिक विक्रेता इसके प्लेटफॉर्म पर हैं। इनमें 70 फीसदी से ज्यादा छोटे या मध्यम आकार के विक्रेता हैं। अप्रैल 2024 में ओएनडीसी के जरिये करीब 72.2 लाख सौदे हुए।

ओएनडीसी के प्रबंध निदेशक और मुख्य कार्या​धिकारी टी कोशी ने कहा कि करीब 70 फीसदी ऑर्डर छोटे शहरों से आ रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘हौसला बढ़ाने वाली बात यह है कि सौदे बेशक छोटे हैं मगर पिछले छह महीने में देश भर के 1,000 से अधिक शहरों और कस्बों से ऑर्डर आए हैं। 600 से ज्यादा शहर ऐसे हैं, जहां लगातार तीन महीनों से रोजाना 100 से ज्यादा ऑर्डर आ रहे हैं।’

हालांकि एमेजॉन और फ्लिपकार्ट जैसे ई-कॉमर्स दिग्गजों को नेटवर्क के साथ पूरी तरह जुड़ने में समय लग सकता है। लेकिन वे इसके लिए गंभीरता से कोशिश कर रहे हैं। कोशी ने कहा कि स्थापित कंपनियों को ओएनडीसी के साथ जुड़ने से पहले खुद को उसके मुताबिक ढालना होगा।

एमेजॉन और फ्लिपकार्ट बड़े प्लेटफॉर्म हैं और उनके अपने स्टार्टअप भी हैं, ऐसे में नेटवर्क पर आने में उन्हें समय लगेगा। सरकार पहले ही कह चुकी है कि ओएनडीसी से किसी को खतरा नहीं है और यह नए मौके दे रहा है। बड़ी कंपनियों को भी इससे खतरा महसूस नहीं करना चाहिए।

ओएनडीसी व्यवस्था को अपनाने की सोच रही कंपनियां मानती हैं कि मझोले और छोटे शहरों तक उसकी पहुंच के कारण उन्हें दूरदराज के बाजारों में भी ग्राहक बनाने में मदद मिलेगी।

लॉजि​स्टिक्स यूनिकॉर्न ​शिपरॉकेट में डोमेस्टिक ​शिपिंग के मुख्य कार्या​धिकारी अतुल मेहता ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘पारंपरिक ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्मों के उलट ओएनडीसी पर हमें अपने विक्रेताओं के कैटलॉग प्रकाशित करने की सुविधा भी मिलती है, जिससे देश भर से उनके ऑर्डर बढ़ रहे हैं। खरीदारों के सभी ऐप ओएनडीसी पर आ जाने से नेटवर्क पर विक्रेताओं की उप​स्थिति भी बढ़ती है और ​खरीदार को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर भटकना नहीं पड़ता है।’

First Published - May 17, 2024 | 11:21 PM IST

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