भारत की बड़ी इंजीनियरिंग कंपनी लार्सन एंड टूब्रो (L&T) ने बताया है कि उसने पश्चिमी एशिया में दो बहुत बड़े सौर ऊर्जा प्लांट बनाने का करार किया है। इनकी कीमत लगभग 10,000 करोड़ रुपये से 15,000 करोड़ रुपये के बीच होने का अनुमान है।
प्रोजेक्ट का विवरण और लागत
लार्सन एंड टूब्रो (L&T) की नवीकरणीय ऊर्जा विभाग को पश्चिमी एशिया के एक बड़े डेवलपर से दो बहुत बड़े सौर ऊर्जा प्लांट बनाने का ऑर्डर मिला है। इन दोनों प्लांट की कुल क्षमता 3.5 गीगावाट होगी।
L&T ने ये नहीं बताया कि उन्हें इस प्रोजेक्ट के लिए कितने पैसे मिलेंगे, लेकिन उन्होंने बताया कि ये एक बड़ा ऑर्डर है, जिसकी कीमत करीब 10,000 करोड़ रुपये से 15,000 करोड़ रुपये के बीच हो सकती है। इस प्रोजेक्ट में सिर्फ बिजली बनाने के लिए प्लांट ही नहीं बनेंगे, बल्कि बिजली को घरों तक पहुंचाने के लिए जरूरी चीजें भी बनाई जाएंगी, जैसे सबस्टेशन और ओवरहेड ट्रांसमिशन लाइनें।
L&T की बढ़ती ऊर्जा क्षमता
जल्द ही इस प्रोजेक्ट पर काम शुरू हो जाएगा और इसके पूरा होने के बाद L&T की नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता 22 गीगावाट हो जाएगी, जिसमें पहले से चल रहे और बन रहे सौर और पवन ऊर्जा प्रोजेक्ट शामिल हैं।
L&T के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर एसएन सुब्रह्मण्यन ने कहा कि पश्चिमी एशिया स्थाई ऊर्जा के लिए इन्फ्रास्ट्रक्चर बनाने और आधुनिक जीवनशैली देने में काफी आगे है। उन्होंने कहा कि ये नए ऑर्डर हमारे ग्रीन एनर्जी प्रोजेक्ट्स में शामिल होकर कंपनी को भविष्य की टेक्नॉलोजी के साथ आगे बढ़ने में मदद करेंगे।
वर्तमान स्थिति और भविष्य की संभावनाएं
मार्च तक L&T के पास करीब 4.75 खरब रुपये के ऑर्डर थे, जिनमें से 35% हिस्सा सिर्फ पश्चिम एशिया से आए थे। हालांकि कंपनी ने अभी जून तिमाही (June-2024) के लिए नए ऑर्डर और कुल ऑर्डर वैल्यू की जानकारी नहीं दी है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि भारत के आम चुनावों की वजह से नए ऑर्डर कम हुए हैं। मोतीलाल ओसवाल के आंकड़ों के मुताबिक, जून तिमाही में L&T ने करीब 18,300 करोड़ रुपये के नए ऑर्डर हासिल किए।
पिछले हफ्ते बिजनेस स्टैंडर्ड को दिए इंटरव्यू में L&T के फुल टाइम डायरेक्टर और अध्यक्ष-ऊर्जा सुब्रमणियन सरमा ने कहा कि हमें अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ऑर्डर मिलने की अच्छी संभावना दिख रही है।