भारतीय व्यापारी लाल सागर संकट और वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के प्रमुख बंदरगाहों पर भीड़भाड़ के कारण बढ़ती समुद्री माल ढुलाई दरों के प्रभाव से जूझ रहे हैं।
इससे बीते कुछ महीनों के दौरान कंटेनर के दाम आसमान छूने लगे हैं। द ड्रयूरी वर्ल्ड कंटेनर इंडेक्स (डब्ल्यूसीआई) के अनुसार इस सप्ताह 40 फुट प्रति कंटेनर का किराया दो प्रतिशत बढ़कर 4,801 डॉलर हो गया और इसमें बीते साल के इसी सप्ताह की तुलना में 202 प्रतिशत का इजाफा हुआ है।
ड्रयूरी के अनुसार वर्ष 2019 का औसत (कोरोना पूर्व) 40 फुट के कंटेनर की दर 1,420 डॉलर था जो नवीनतम सूचकांक में 238 प्रतिशत बढ़कर 4,801 डॉलर हो गई।
कंपनी को उम्मीद है कि अगले सप्ताह में चीन के कारण माल भाड़े की दरों में इजाफा होगा। इसका कारण एशिया के बंदरगाहों पर भीड़ भाड़ होना रहेगा। वैश्विक स्तर पर माल भाड़े की दरें बीते साल की तुलना में 202 प्रतिशत बढ़ गई हैं। चीन और यूरोप के बीच माल भाड़े की दरें सालाना आधार पर 358 प्रतिशत बढ़ गई हैं। हालांकि चीन-अमेरिका के बीच खेप में 250 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
ओस्लो स्थित लॉजिस्टिक्स प्लेटफार्म जेनेटा के मुख्य अर्थशास्त्री पीटर सैंड ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को बताया, ‘मई और जून में समुद्री कंटेनर शिपिंग मार्केट के माल भाड़े में त्वरित और नाटकीय वृद्धि हुई।
इससे वायदा कारोबार में इजाफा होना तय है। शांघाई से भारत के पश्चिमी तट के बीच भाड़े का वायदा कारोबार उस स्तर पर पहुंच चुका है जो हमने 2019 से नहीं देखा है। दरअसल, कोविड-19 महामारी के दौरान समुद्री माल भाड़ा आपूर्ति श्रृंखला पर व्यापक असर नजर आया था।’
उन्होंने बताया, ‘अभी वैश्विक समु्द्री माल भाड़ा आपूर्ति श्रृंखला में व्यापक अनिश्चितता और बाधाओं के कारण वायदा कारोबार में खासा उछाल आया है। इतनी तेजी से दाम बढ़ने और इतने अधिक बढ़ने के कारण बाजार भी अचंभित है। हाल यह है कि विश्व के सबसे बड़े समुद्री माल भाड़ा कंपनी के सीईओ भी आश्चर्यचकित हैं।’