facebookmetapixel
पूर्वांचल और बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे किनारे उद्योगों को मिलेगी रफ्तार, यूपी सरकार की बड़ी पहलसोने-चांदी में गिरावट के साथ शुरू हुआ कारोबार, MCX पर देखें आज का भावएल्युमीनियम उद्योग को नीतिगत समर्थन की जरूरत : हिंडाल्कोवैल्यूएशन पर नहीं बनी सहमति, हायर इंडिया में हिस्सेदारी खरीदने से पीछे हटा मित्तलIDBI बैंक ने Zee एंटरटेनमेंट के खिलाफ फिर दायर की याचिकाCEA नागेश्वरन का दावा: घरेलू सुधारों ने भारत को दी सुरक्षा, जीएसटी सुधार से बढ़ेगी खपतFitch ने भारत का GDP ग्रोथ अनुमान बढ़ाया, घरेलू मांग और निवेश को बताया सहारासंजय कपूर की पत्नी प्रिया को सभी संपत्तियों का खुलासा करने का निर्देशमद्रास हाईकोर्ट ने EPFO के 18 जनवरी के सर्कुलर को रद्द किया, कर्मचारियों को हाई पेंशन का विकल्प मिलेगाबिहार को चुनावी तोहफा: ₹7,600 करोड़ की रेल-हाईवे परियोजनाओं को मंजूरी, 5 जिलों को मिलेगा फायदा

Indian spices: भारत ने अंतरराष्ट्रीय समिति से मसालों में एथिलीन ऑक्साइड की सीमा तय करने को कहा

Indian spices: भारत जल्द ही एथिलीन ऑक्साइड टेस्टिंग के लिए सख्त मानक लागू करने की तैयारी में है।

Last Updated- May 16, 2024 | 10:26 AM IST
मसालों की खुशबू से महकेंगे पूर्वी उत्तर प्रदेश के खेत, NRCSS करेगा किसानों की मदद, Fields of Eastern Uttar Pradesh will smell of spices, NRCSS will help farmers

दो लोकप्रिय भारतीय मसाला ब्रांडों पर सेल्स बैन लगाए जाने के बाद, भारत ने मसालों में एथिलीन ऑक्साइड के इस्तेमाल पर सीमा निर्धारित करने के लिए एक अंतरराष्ट्रीय समिति से संपर्क किया है। यह जानकारी एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बुधवार को दी।

केरल स्थित मसालों की कोडेक्स समिति (CCSCH) उपभोक्ताओं की सुरक्षा और निष्पक्ष व्यापार करने के लिए ग्लोबल फूड स्टैंडर्ड बनाती है। यह रोम में कोडेक्स एलिमेंटेरियस समिति का हिस्सा है।

एथिलीन ऑक्साइड मसालों को लेकर चर्चाओं में क्यों है?

एथिलीन ऑक्साइड एक बहु-उपयोगी रसायन है। इसका इस्तेमाल कीटाणुनाशक, उपकरणों को पूरी तरह से जीवाणुरहित करने और मसालों में मौजूद छोटे जीवों को मारने के लिए किया जाता है। मगर, ज्यादा मात्रा में सेवन सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है, यहां तक कि कैंसर का खतरा भी बढ़ा सकता है। इसीलिए, हर देश ने मसालों में एथिलीन ऑक्साइड की मात्रा को सीमित करने के लिए अलग-अलग नियम बनाए हैं। भारत भी इसी दिशा में आगे बढ़ रहा है और जल्द ही एथिलीन ऑक्साइड टेस्टिंग के लिए सख्त मानक लागू करने की तैयारी में है।

भारतीय मसालों की सुरक्षा और क्वालिटी तय करने के लिए मसाला बोर्ड ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। यह कदम सिंगापुर और हांगकांग द्वारा एवरेस्ट और एमडीएच द्वारा बेचे जा रहे कुछ मसालों की बिक्री पर रोक लगाने के बाद उठाए गए हैं। इन मसालों में एथिलीन ऑक्साइड नामक कैंसर पैदा करने वाले कीटनाशक की मात्रा अधिक थी।

मसाला बोर्ड समस्या को सुलझाने की दिशा में कर रहा काम

अधिकारी ने बताया, “मसाला बोर्ड ने 130 से अधिक निर्यातकों और संघों के साथ मिलकर काम किया है, जिसमें अखिल भारतीय मसाला निर्यातक मंच और भारतीय मसाला और खाद्य पदार्थ निर्यातक संघ शामिल हैं। इस समस्या का मूल कारण जानने के लिए एक तकनीकी-वैज्ञानिक समिति का गठन किया गया। इस समिति ने प्रोसेसिंग सुविधाओं का निरीक्षण किया और मान्यता प्राप्त प्रयोगशालाओं में परीक्षण के लिए नमूने भी एकत्र किए।”

भारत ने हाल ही में दो अहम कदम उठाए हैं। पहला, मसाला निर्यात की गुणवत्ता और सुरक्षा सुनिश्चित करना। सिंगापुर और हांगकांग को भेजे जाने वाले सभी मसालों का अब 7 मई, 2024 से अनिवार्य रूप से अवशेषों के लिए परीक्षण किया जाएगा। साथ ही, निर्यातकों को एथिलीन ऑक्साइड ट्रीटमेंट के सही तरीके के बारे में फिर से बताया गया है।

चीन से सस्ते सामानों की डंपिंग रोकने के लिए भारत तैयार: सरकारी अधिकारी

भारत सरकार ने चीन से सस्ते सामानों की डंपिंग रोकने के लिए अपनी मजबूत स्थिति ज़ाहिर कर दी है। यह बयान अमेरिका द्वारा इलेक्ट्रिक वाहनों और बैटरी सहित कई चीनी सामानों पर नए टैरिफ लगाने के एक दिन बाद आया है।

एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने बुधवार को कहा, “हमारे पास डीजीटीआर (Directorate General of Trade Remedies) प्रणाली और प्रभावी एंटी-डंपिंग प्रणाली है। अगर कोई भी चीनी कंपनी सस्ते दामों पर सामान बेचना चाहती है, तो हमारे पास इसे रोकने के लिए सभी जरूरी तंत्र मौजूद हैं। हम स्थिति का आकलन करेंगे और उचित कार्रवाई करेंगे।”

अधिकारी ने यह भी कहा कि कई देश खास तौर पर मोबिलिटी जैसे अहम क्षेत्रों में चीन पर अपनी निर्भरता कम करना चाहते हैं। वो अपनी क्षमता बढ़ाकर ऐसा कर रहे हैं, और भारत भी यही नीति अपना रहा है।

First Published - May 16, 2024 | 10:26 AM IST

संबंधित पोस्ट