भारतीय को-वर्किंग कंपनियां वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) की बढ़ती मांग पूरी करने के लिए रणनीति बदल रही हैं। स्टार्टअप और एसएमई के अपने पारंपरिक आधार से आगे बढ़ते हुए ऑफिस स्पेस सॉल्यूशंस, वीवर्क इंडिया, स्मार्टवर्क्स और ब्रुकफील्ड की कोवर्क्स जैसी कंपनियां बहुराष्ट्रीय उद्यमों के लिए बड़े और प्रीमियम केंद्र डिजाइन कर रही हैं। इनमें उच्च स्तर की सुविधाएं, उद्यम श्रेणी की सुरक्षा और लचीली लीजिंग व्यवस्था शामिल हैं। इससे उन्हें किराए पर अतिरिक्त प्रीमियम भी मिल रहा है।
देश में जीसीसी की पैठ हाल के वर्षों में काफी बढ़ी है। बहुराष्ट्रीय कंपनियां अब अपने केंद्रों को केवल आईटी और बीएफएसआई के कामकाज तक ही सीमित नहीं रख रही हैं बल्कि वे इंजीनियरिंग, विनिर्माण, ई-कॉमर्स, अनुसंधान एवं विकास (आरऐंडडी) और आर्टिफिशल इंटेलिजेंस के लिए भी केंद्र स्थापित कर रही हैं।
एनारॉक ग्रुप के प्रबंध निदेशक (वाणिज्यिक लीजिंग और परामर्श) पीयूष जैन ने कहा, ‘पिछले कुछ वर्षों के दौरान भारतीय कार्यालय बाजार में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के जीसीसी की मौजूदगी बढ़ी है। हालांकि वर्तमान में लीज के मामले में शीर्ष सात भारतीय शहरों पर ही इन कंपनियों की प्रमुख रूप से नजर है, लेकिन आम बजट 2025-26 में सरकार द्वारा दिए गए समर्थन से मझोले और छोटे शहरों में भी मांग बढ़ रही है।’
कोलियर्स के अनुसार साल 2025 की पहली तीन तिमाहियों में कार्यालय स्थान की मांग 5.09 करोड़ वर्ग फुट तक पहुंच गई जो सालाना आधार पर 8 प्रतिशत की वृद्धि दर्शाती है। इस लीज में जीसीसी का योगदान 40 प्रतिशत रहा। को-वर्किंग कंपनियां इस मांग को पूरी करने के लिए अपनी उत्पाद रणनीतियों को दुरुस्त कर रही हैं।
ऑफिस ने गोल्ड और एलीट जैसे प्रीमियम फॉर्मेट पेश किए हैं। इसमें भी एलीट को फॉर्च्यून 500 ग्राहकों के लिए रखा गया है। ऑफिस स्पेस सॉल्युशंस के चेयरपर्सन और प्रबंध निदेशक अमित रमानी ने कहा, ‘भारत के फ्लेक्स स्पेस उद्योग में अग्रणी होने के नाते हम जीसीसी में अभूतपूर्व उछाल को इस रूप में देखते हैं कि यह आधुनिक कार्यस्थल की पुनर्कल्पना का निर्णायक अवसर है।’ उन्होंने कहा कि ऑफिस एलीट केंद्रों में प्रमुख स्थानों की तुलना में 40 से 45 प्रतिशत अधिक किराया मिलता है।
ब्रुकफील्ड द्वारा समर्थित कोवर्क्स, एंटरप्राइज प्लस और एटेलियरसूट्स जैसी एंटरप्राइज योजनाओं पर ध्यान दे रही है। ब्रुकफील्ड प्रॉपर्टीज इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी आलोक अग्रवाल ने कहा, ‘जीसीसी साधारण बैक-ऑफिस एक्सटेंशन से नवाचार, इंजीनियरिंग और रणनीतिक निर्णय लेने वाले के केंद्रों के रूप में विकसित हो चुके हैं। इस बदलाव ने अनुकूल क्षमता, भविष्य के लिहाज से तैयार कार्यस्थलों की आवश्यकता पैदा की है, जो वैश्विक स्तर के बुनियादी ढांचे और सहज कर्मचारी अनुभव दोनों ही प्रदान करते हैं।’
साधारण बैक-ऑफिस एक्सटेंशन से अब जीसीसी नवाचार, इंजीनियरिंग और रणनीतिक निर्णय लेने के केंद्रों के तौर पर भी विकसित हुए हैं। ब्रुकफील्ड प्रॉपर्टीज इंडिया के मुख्य कार्य अधिकारी आलोक अग्रवाल ने कहा, ‘इस बदलाव ने अनुकूलनीय, भविष्य-सुरक्षित कार्यस्थलों की आवश्यकता पैदा की है जो वैश्विक स्तर के बुनियादी ढांचे के साथ-साथ सहज कर्मचारी अनुभव भी प्रदान करते हैं।’