केंद्र देश में कंप्यूट आधारभूत ढांचा बनाने वाली कंपनियों को राजकोषीय मदद मुहैया कराने की योजना बना रहा है। इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के सचिव एस. कृष्णन ने शुक्रवार को बताया कि इंडिया एआई मिशन के तहत जीपीयू आधारभूत ढांचे की कुल लागत की 50 प्रतिशत मदद दी जाएगी।
सचिव ने सीआईआई के सालाना बिज़नेस सम्मिट 2024 में बताया, ‘देश में कम से कम 10,000 जीपीयू की एआई कंप्यूट क्षमता बनाने का लक्ष्य है। इसके लिए सरकार इस आधारभूत ढांचे को बनाने के लिए लागत का करीब 50 प्रतिशत अहम इजाफा करने को तैयार है।’
देश में इंडिया एआई मिशन के तहत 10,372 करोड़ रुपये के हाई ऐंड कंप्यूट क्षमता विकसित करने पर ध्यान केंद्रित है। इसके तहत सरकार सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत 10,000 ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट्स (जीपीयू) से अधिक की क्षमता विकसित की जाएगी।
उन्होंने कहा, ‘इस पूरी प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न निजी संस्थानों के साथ साझेदारी की जाएगी ताकि इस क्षमता को तेजी से बनाने के लिए निजी क्षेत्र के साथ कार्य किया जा सके।’ सचिव कृष्णन ने बताया कि इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय निजी क्षेत्र के साथ कार्य करेगा।
इस दौरान यह भी सुनिश्चित किया जाएगा कि कंप्यूट क्षमता का निर्माण निजी रूप से किया जाए लेकिन इसका उपयोग कुछ चुनिंदा इस्तेमाल मामलों में सब्सिडी की दरों पर किया जा सके। कृष्णन ने बताया कि देश में जीपीयू संसाधनों के व्यापक व तेजी से उपलब्धता के लिए सरकार व्यवहार्यता अंतर एप्रोच या क्षेत्र के लिए वाउचर आधारित तंत्र स्थापित कर सकती है।