देश के यात्री वाहन उद्योग में वित्त वर्ष 26 के दौरान थोक बिक्री में 1 से 4 प्रतिशत की सामान्य वृद्धि दर्ज किए जाने के आसार हैं। रेटिंग एजेंसी इक्रा ने यह अनुमान जताया। इस अनुमान में बिना बिके वाहनों की ज्यादा संख्या और ऊंचा आधार जैसे कारक शामिल हैं। अलबत्ता लगातार नए मॉडल पेश किए जाने और जीएसटी दर में संभावित कटौती से सभी श्रेणियों की मांग को कुछ मदद मिल सकती है।
उद्योग में चालू वित्त वर्ष के पहले चार महीने के दौरान थोक बिक्री में 1.1 प्रतिशत की गिरावट हुई है जो निकट अवधि की चुनौतियां बताती है। हालांकि इक्रा को उम्मीद है कि मूल उपकरण विनिर्माताओं (ओईएम) के नए मॉडल पेश किए जाने और सरकार के नीतिगत हस्तक्षेपों से वहन करने की क्षमता में इजाफा होने से चुनिंदा श्रेणियों की मांग में सुधार होगा।
संभावना है कि स्पोर्ट यूटिलिटी व्हीकल (एसयूवी) मांग के प्रमुख संचालक बने रहेंगे जिनका यात्री वाहनों की समूची बिक्री में लगभग दो-तिहाई का योगदान है। क्रेडिट रेटिंग एजेंसी ने यह भी कहा कि विशेष रूप से यूटिलिटी वाहन आने वाली तिमाहियों में प्रमुख विकास इंजन के रूप में अपनी भूमिका बनाए रखेंगे। जुलाई 2025 में थोक वाहन बिक्री सालाना आधार पर 3.4 लाख के स्तर पर स्थिर रही। खुदरा बिक्री में सालाना आधार पर 0.8 प्रतिशत तक की मामूली गिरावट आई। लेकिन तिमाही आधार पर बिक्री में 10.4 प्रतिशत तक की वृद्धि हुई।
फेडरेशन ऑफ ऑटोमोबाइल डीलर्स एसोसिएशन (फाडा) के आंकड़ों से पता चलता है कि इस नरमी के बावजूद ओईएम ने त्योहारी सीजन से पहले स्टॉक बढ़ा दिया है जिससे महीने के अंत तक वाहनों का स्टॉक 55 दिनों तक पहुंच गया है। निर्यात में भी बढ़ोतरी का रुख बना रहा। इसमें जुलाई 2025 में सालाना आधार पर 9 प्रतिशत का इजाफा हुआ। इसकी अगुआई मारुति सुजूकी इंडिया ने की और इसके बाद ह्युंडै मोटर इंडिया का स्थान रहा।