प्रतीकात्मक तस्वीर | फाइल फोटो
होटल व रेस्टोरेंट क्षेत्र ने आगामी आम बजट 2026 में छोटे शहरों व उभरते पर्यटन गंतव्यों में होटलों की नई परियोजनाओं व विस्तार के लिए कर लाभ की मांग की है। इस उद्योग के निकाय द फेडरेशन ऑफ होटल ऐंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन ऑफ इंडिया (एफएचआरएआई) ने कर लाभ के अलावा वित्त मंत्रालय के समक्ष कई प्रस्ताव पेश किए हैं।
इस निकाय ने तर्क दिया है कि प्रोत्साहन नई निवेशों को प्रोत्साहित करेगा, आधारभूत ढांचे का सृजन बढ़ेगा और छोटे व मझोले शहरों में रोजगार बढ़ेगा। होटल उद्योग के प्रतिनिधियों ने सोमवार को वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण को प्रस्ताव सौंपे। सूत्रों के मुताबिक पर्यटन क्षेत्र के प्रतिनिधि 20 नवंबर को सीतारमण के साथ बैठक करेंगे।
एफएचआरएआई ने उद्योग को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिए जाने की मांग को भी दोहराया है। यह दर्जा ’10 करोड़ रुपये और उससे अधिक की परियोजना लागत पर निर्मित सभी श्रेणियों के होटलों और कन्वेंशन सेंटरों के लिए दिया जाना चाहिए।’ इससे मध्यम-बाजार होटल खंड को बढ़ावा मिलेगा। बिजनेस स्टैंडर्ड ने उद्योग निकाय के प्रस्तावों को देखा है। प्रस्ताव के अनुसार, ‘भारत में एक छोटे से प्रतिशत के अलावा आमतौर पर परियोजनाओं की लागत 10 करोड़ से 50 करोड़ रुपये (भूमि की लागत के अलावा) रहती है।’