पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव | फाइल फोटो
पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने विकसित देशों से अधिक जलवायु महत्त्वाकांक्षा दिखाने व वित्तीय प्रतिबद्धताओं का सम्मान करने का आज आग्रह किया। उन्होंने ब्राजील में यूएनएफसीसीसी के कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज की 30वीं बैठक (कोप 30) के उच्च स्तरीय सेंगमेंट में नैशनल स्टेटमेंट दिया।
यादव ने कहा, ‘विकसित देश वर्तमान लक्ष्य की तिथियों की तुलना में बहुत पहले नेट जीरो के लक्ष्य को अनिवार्य रूप हासिल करें। इसके अलावा उन्हें रियायती जलवायु फाइनैंस प्रदान करना चाहिए और यह अरबों में नहीं, लाख करोड़ के स्तर पर हो।’
उन्होंने किफायती, सुलभ जलवायु टेक्नॉलजी की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने कहा कि जलवायु तकनीक अनिवार्य रूप से प्रतिबंधात्मक बौद्धिक संपदा बाधाओं से मुक्त हो।
भारत ने दिखाया है कि विकास और पर्यावरणीय प्रबंधन एक साथ आगे बढ़ सकते हैं। इस तथ्य को भी बताया कि भारत का उत्सर्जन वर्ष 2005 की तुलना में 36% से अधिक कम हो गया है।
अब हमारी कुल विद्युत शक्ति स्थापित क्षमता के आधे से अधिक गैर-जीवाश्म स्रोत से तैयार होने वाली ऊर्जा है। यह एनडीसी लक्ष्य 2030 के लिए था और इसे पांच वर्ष पहले ही हासिल कर लिया गया है।
मंत्री ने यह भी कहा कि भारत 2035 तक अपने संशोधित एनडीसी और समय पर पहली द्विवार्षिक पारदर्शिता रिपोर्ट भी घोषित करेगा। उन्होंने कहा, ‘भारत ने अंतरराष्ट्रीय सौर गठबंधन और वैश्विक जैव ईंधन गठबंधन जैसी पहलों के माध्यम से वैश्विक नेतृत्व का प्रदर्शन किया है।’
यादव ने 2070 तक नेट जीरो के पथ पर आगे बढ़ाने के लिए भारत के परमाणु मिशन और ग्रीन हाइड्रोजन मिशन द्वारा बनाए गए ‘मोमेंटम’ पर भी जोर दिया। यादव ने कोप 30 से इतर एक औद्योगिक लीडर्स की राउंडटेबल को भी संबोधित किया।