देश की सबसे बड़ी विमानन कंपनी इंडिगो बदलाव के दौर से गुजर रही है। अक्टूबर तक इंडिगो बिल्कुल नए कलेवर में होगी। जहां तक रणनीति का सवाल है तो विमानन कंपनी लंबी दूरी वाले अंतरराष्ट्रीय मार्गों पर ध्यान केंद्रित करेगी। विमानन कंपनी को फिलहाल तमाम चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। राजस्व के मोर्चे पर दमदार प्रदर्शन को ईंधन कीमतों में तेजी का झटका लग रहा है। इंडिगो के सीईओ रणजय दत्ता ने अनीश फडणीस और अरिंदम मजूमदार से बातचीत में
विभिनन मुद्दों पर विस्तृत चर्चा की। पेश हैं मुख्य अंश:
पिछली दो तिमाहियों से आप लगातार उच्च प्रतिफल दर्ज कर रहे हैं। क्या आपको लगता है कि भारतीय यात्री टिकट के लिए अधिक भुगतान करने के लिए
तैयार हैं?
भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा कर रही है। उड़ानों की संख्या संख्या में आगे केवल बढ़ोतरी होगी। जहां तक इंडिगो का सवाल है तो हम अपनी बेहतरीन सेवा के जरिये बाजार में उल्लेखनीय हिस्सेदारी हासिल करना चाहते हैं। लेकिन इसके लिए तमाम चुनौतियों से जूझना पड़ेगा। लागत लगातार बढ़ रही है और ईंधन कीमतों में तेजी से उसे रफ्तार मिल रही है। यदि राजस्व के मोर्चे पर हमारा मौजूदा प्रदर्शन बरकरार रहा और ईंधन कीमतें नियंत्रित रहीं तो मुझे नहीं लगता है कि प्रतिफल कमजोर होगा।
क्या तमाम विमानन कंपनियों के आने से कीमत के मोर्चे पर गलाकाट प्रतिस्पर्धा शुरू नहीं होगी?
मुझे ऐसा नहीं लगता है। साल 2012-13 के दौरान भी राजस्व वृद्धि काफी दमदार थी लेकिन विमानन कंपनियों को नुकसान के लिए सतर्क रहना पड़ा था। मुझे उम्मीद है कि दमदार राजस्व के मौजूदा चक्र में उद्योग अपनी गलती नहीं दोहराएगा। आकाश और जेट एयरवेज के प्रबंधन अनुभवी हैं और मुझे उम्मीद है कि मौजूदा तेजी बरकरार रहेगी।
आपने कहा है कि क्षमता 50 से 60 फीसदी बढ़ेगी। क्या विमानन कंपनी मौजूदा मार्गों पर उड़ानों की संख्या बढ़ाएगी?
साल 2022 में 55 फीसदी वृद्धि ओमीक्रोन से प्रभावित हुई थी। कोविड-पूर्व स्तर से तुलना करने पर हमारी क्षमता में करीब 15 फीसदी की वृद्धि हुई है। घरेलू मोर्चे पर हम लगातार नए मार्ग खोल रहे हैं जबकि राजस्व के लिहाज से अंतरराष्ट्रीय परिचालन अभी भी कमजोर है। श्रीलंका के लिए परिचालन कमजोर है जबकि मलेशिया के लिए परिचालन में नरमी दिख रही है और चीन के लिए परिचालन बंद हो चुका है।
अंतरराष्ट्रीय विस्तार के लिहाज से दिल्ली हवाई अड्डे पर इंडिगो एक दमदार विमानन कंपनी है। दुबई की तरह भारत को विमानन केंद्र कैसे बनाया जा सकता है?
पहला, हवाई अड्डों पर घरेलू और अंतरराष्ट्रीय उड़ानों के बीच संपर्क का समय काफी कम होना चाहिए। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक कुशल विमानन केंद्र पर संपर्क का समय अधिकतम 75 मिनटों का होता है। दूसरा, उड़ानों के संचालन के लिए ढांचागत बदलाव करना आवश्यक होगा। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुपर-कनेक्टर विमानन कंपनियां महज दो घंटों की अवधि में 60 आगमन और प्रस्थान उड़ानों का संचालन करती हैं। यहां हमारे पास दिन भर के लिए स्लॉट दिए जाते हैं। दिल्ली, मुंबई, हैदराबाद, बेंगलूरु आदि सभी हवाई अड्डों पर इसकी जरूरत है।
क्या आपकी नजर एयरबस 321 एक्सएलआर पर है?
हम ए321 एक्सएलआर विमान के लिए दोनों श्रेणियों (बिजनेस और इकनॉमी) पर विचार कर रहे हैं। हालांकि इस संबंध में फिलहाल कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है। हमें 2024 के अंत तक वे विमान मिल जाएंगे। इन विमानों की आपूर्ति होते ही हम व्यापक तौर पर यूरोप के लिए उड़ान भरेंगे। पूर्व में हम मनीला, सोल आदि जगहों के लिए उड़ान भरेंगे।