सैप (SAP) के भारतीय उपमहाद्वीप के मुख्य परिचालन अधिकारी (COO) राहुल बाहेती का कहना है कि जर्मनी की प्रौद्योगिकी क्षेत्र की दिग्गज सैप को भारत में अपने क्लाउड कारोबार में खासा इजाफा दिख रहा है, जो डिजिटल परिवर्तन में तेजी से प्रेरित है, खास तौर पर मध्य-बाजार खंड में। बेंगलूरु में आयुष्मान बरुआ के साथ बातचीत के दौरान बाहेती ने भारत में अवसर, अनुसंधान और विकास (R&D) के प्रयासों और क्लाउड कारोबार के संबंध में बात की। संपादित अंश:
पिछले दो/तीन साल में भारत ने दुनिया भर में क्लाउड में कुछ महत्वपूर्ण क्रियान्वयन देखा है। इंटरनैशनल डेटा कॉरपोरेशन के अनुसार इसकी वृद्धि को रफ्तार मिलेगी क्योंकि भारत का संपूर्ण सार्वजनिक क्लाउड सेवा बाजार वर्ष 2025 तक 10.8 अरब डॉलर तक पहुंचने की उम्मीद है, जो वर्ष 2020-25 में 24.1 प्रतिशत की चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर से बढ़ेगा।
चूंकि इंजीनियरिंग, निर्माण, जीवन विज्ञान, फार्मास्युटिकल, उपभोक्ता पैकेज्ड वस्तुओं की खुदरा बिक्री और सूचना प्रौद्योगिकी/सूचना प्रौद्योगिकी सक्षम सेवाओं जैसे उद्योगों के ग्राहक अपने क्लाउड स्थानांतरण में तेजी ला रहे हैं, इसलिए हमें बड़ा अवसर दिख रहा है।
भारत सैप के लिए अहम बाजार बना हुआ है। चूंकि अधिकाधिक कंपनियों को इस बात का एहसास हो रहा है कि मूल्य प्राप्ति के लिए प्रौद्योगिकी एकीकरण कितना महत्वपूर्ण है, इसलिए क्लाउड, आरऐंडडी, नवोन्मेष और स्टार्टअप और स्थिरता के क्षेत्रों में हमारे लिए कई अवसर खुल गए हैं।
जर्मनी के बाहर भारत हमारा सबसे बड़ा R&D केंद्र है और यह हमारे उत्पाद पोर्टफोलियो के बड़े भाग का प्रबंध करता है। सैप का लगभग 40 प्रतिशत R&D नवोन्मेष भारत से होता है।
हम इस क्षेत्र में अपना निवेश मजबूत रखेंगे और यहां से मुख्य एंड-टु-एंड उत्पाद विकसित करेंगे। हम बेंगलूरु में अपने दूसरे कार्यालय का निर्माण पहले ही शुरू कर चुके हैं, जो 41 एकड़ में फैला होगा और 15,000 नई नौकरियां देगा।
बहुराष्ट्रीय कंपनियां आज अपने कारोबार का कुछ भाग भारत में स्थानांतरित करने पर विचार कर रही हैं क्योंकि वे अपनी आपूर्ति श्रृंखलाओं और लॉजिस्टिक्स को जोखिम मुक्त करना और भारत जैसे ‘सुरक्षित, स्थिर माहौल’ में लाना चाहते हैं, जो क्लाउड द्वारा संचालित है।
देश के डिजिटल परिवर्तन की वजह से कारोबार की संतुष्टि और उपभोक्ताओं की अपेक्षाओं को पूरा करने के लिए कारोबार क्लाउड-संचालित सेवाएं और समाधान अपना रहे हैं।
एयर इंडिया, अपोलो टायर्स, महिंद्रा ग्रुप, टाटा मोटर्स, डाबर, एशियन पेंट्स जैसे बड़े कारोबारों ने हाल के वर्षों में सैप क्लाउड का रुख किया है।
क्षेत्रों के लिहाज से हम सभी उद्योगों में विस्तार देख रहे हैं। टियर 2 और टियर 3 वाले स्थानों में मध्य-बाजार के कारोबारों में खास तौर पर अधिक मांग दिखाई दे रही है।
निवेश प्रवाह में तेजी की वजह से डिजिटल रूप से सक्षम लोगों और यूनिकॉर्न को सैप के नेतृत्व वाले डिजिटल परिवर्तनों से बड़ी सफलता मिली है। हम भारत के सार्वजनिक और सरकारी क्षेत्रों में क्लाउड कंप्यूटिंग के लिए भी काफी संभावनाएं देख रहे हैं।
जैसा कि हमारी वैश्विक आमदनी से पता चलता है, इस साल हमने सफलतापूर्वक शुरुआत की है। हम ऑन-प्रेमिसिस कंपनी से वैश्विक क्लाउड कंपनी बनने के अपने रणनीतिक परिवर्तन के नए दमदार दौर में हैं। हमने अपने राजस्व की वृद्धि को बढ़ाकर दो अंकों में पहुंचा दिया है।
भारत भी अलग नहीं है और हम इसी तरह के विकास पथ पर चल रहे हैं। घरेलू बाजार तथा डिजिटल भारत और मेक इन इंडिया के संबंध में सरकार की अगुआई वाले कार्यक्रमों से प्रेरित इसकी अधिक वृद्धि के मद्देनजर हम अवसरों से काफी उत्साहित हैं।
हमारा लक्ष्य भारत को वैश्विक स्तर पर प्रारंभिक प्रतिभा केंद्र के रूप में स्थापित करना है और हम साइबर सुरक्षा, मशीन लर्निंग, डेटा विज्ञान तथा अन्य प्रासंगिक क्षेत्रों में सक्रिय रूप से पेशेवरों की भर्ती कर रहे हैं। इसके लिए हम सैप लैब सहित भारत में कम से कम 1,000 नए कर्मचारियों को नियुक्त करने की योजना बना रहे हैं।