अमेरिका की सबसे बड़ी बैंकर जेपी मॉर्गन चेज ऐंड कंपनी की मुख्य सूचना अधिकारी (सीआईओ) लोरी बीयर की नजर में भारत संगठन की वैश्विक प्रौद्योगिकी मौजूदगी का एक बड़ा हिस्सा तथा इसके उत्पादों और सेवाओं का केंद्र है।
यह बात इस तथ्य से स्पष्ट हो जाती है कि जेपी मॉर्गन चेज के मुख्य कार्याधिकारी जेमी डिमन के भारत दौरे के दो महीने से भी कम समय में बीयर मुंबई और बेंगलूरु में हाल ही में खोले गए केंद्र देखने के लिए यहां आ चुकी हैं।
बीयर ने मुंबई में अपने नए केंद्र में बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि अपने नए केंद्रों और वहां का जोश देखना उनके लिए नई चीज है और इनका संयोजन बहुत अच्छा है। उन्होंने कहा ‘हमारे पास वैश्विक तकनीकी दृष्टिकोण है, जो हमारे कारोबारों की मदद करता है और भारत हमारी वैश्विक तकनीकी मौजूदगी का एक बड़ा हिस्सा है।’
बैंकिंग जगत की सबसे शक्तिशाली महिला समझी जाने वाली बीयर 15 अरब डॉलर के बजट और कंपनी के विभिन्न कारोबारों में 57,000 से अधिक प्रौद्योगिकीविदों को संभालती हैं। फर्म के प्रौद्योगिकी कार्यबल का एक-तिहाई हिस्सा भारत में इसके मुंबई, बेंगलूरु और हैदराबाद के केंद्रों में स्थित है।
बीयर ने कहा कि भारत में प्रौद्योगिकीविदों ने अत्याधुनिक समाधान – क्लाउड कंप्यूटिंग, एकीकृत आर्टिफिशल इंटेलीजेंस या डिजिटल बैंकिंग में सुधारों का निर्माण किया है, जिनका बैंक द्वारा इस्तेमाल किया जाता है।
जब उनसे पूछा गया कि उनकी प्रौद्योगिकी में भारतीय टीम का योगदान कितना अहम है, तो उन्होंने कहा कि भारत (तकनीकी केंद्रों) के बारे में एक खास बात यह है कि हमारे प्रौद्योगिकी कार्यबल में 80 प्रतिशत इंजीनियर हैं, जो दुनिया भर के सभी तकनीकी केंद्रों में सबसे बड़ा हिस्सा है। हमारे सहयोगी अपने कुछ प्रमुख उत्पादों के लिए वैश्विक भूमिका निभाने लगे हैं।
ऐसा ही एक उदाहरण इसका वाणिज्यिक बैंकिंग उत्पाद ‘स्टोरी’ है, जिसे भारत में ईजाद और तैयार किया गया था। उन्होंने कहा कि हमारे पास बुनियादी ढांचे क्षेत्र में ऐसे कई प्रमुख मंच भी हैं, जिन्हें यहां निर्मित किया जा रह है।
यह पूछे जाने पर कि क्या अमेरिकी मंदी या इजराइल-हमास के मौजूदा संघर्ष से कंपनी पर असर पड़ा है, बीयर ने कहा कि इजराइल में उनका एक प्रौद्योगिकी केंद्र है। कर्मचारी के नजरिये से इसका हम पर असर पड़ता है। लेकिन इसका हमारे निवेश पर असर नहीं पड़ा है। हम हमेशा आगे तक की सोचते हैं। यहां तक कि हमने वित्तीय संकट के दौरान भी निवेश किया।
उन्होंने कहा कि प्रौद्योगिकी निवेश के लिहाज से भी अमेरिका की मंदी के रुख का इस पर कोई असर नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि इस अवधि के दौरान तकनीकी बजट बढ़ता ही रहा है।
बीयर ने कहा कि आर्टिफिशल इंटेलीजेंस (एआई) में हमारा दृढ़ विश्वास रहा है। तीन साल पहले हमने इस बारे में सोचना शुरू किया था कि एआई का उपयोग कैसे तेज किया जाए और इसकी क्षमता कैसे बढ़ाई जाए।