आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई), रोबोटिक्स और स्वचालित कारों के क्षेत्र में अग्रणी सेबेस्टियन थ्रुन को भारत में एआई के क्षेत्र में रोमांचक और बड़ा अवसर नजर आ रहा है। इन्वेस्ट कर्नाटक 2025 शिखर सम्मेलन में थ्रुन ने कहा कि भारत बड़े बुनियादी ढांचे या संसाधनों की जरूरत के बिना एआई नवाचारों के लिए अनोखे रूप से अनुकूल है।
द इकॉनमिस्ट की मिशेल हेनेसी के साथ पैनल चर्चा के दौरान थ्रुन ने कहा, ‘भारत यह आपके लिए मौका है। आपके पास दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली लोग हैं क्योंकि अमेरिका में हमारे ज्यादातर मुख्य कार्य अधिकारी भारतीय हैं। अगर आप कुछ सही कर रहे हैं, तो आप सत्य नडेला (माइक्रोसॉफ्ट के मुख्य कार्य अधिकारी) की तरह हमें निर्यात करते हैं।’
थ्रुन को गूगल एक्स की सह-स्थापना के लिए जाना जाता है, जो गूगल ग्लास और गूगल की स्वचालित कार पहल वेमो जैसी नूतन परियोजनाओं के लिए जिम्मेदार नवाचार लैब है। थ्रुन ने बताया कि भारत में एआई के क्षेत्र में विशाल संभावनाएं हैं क्योंकि यह सॉफ्टवेयर क्षेत्र में काम करता है।
थ्रुन ने कहा, ‘आपको व्यापक उद्योग या विशाल ऊर्जा संसाधनों की जरूरत नहीं है और आपको इसका निर्माण करने के लिए जर्मनी जैसा नहीं बनना है। आप किसी छात्रावास या कॉफी शॉप में केवल तीन या चार लोगों के साथ शुरुआत कर सकते हैं और दुनिया का आविष्कार कर सकते हैं।’
थ्रुन ने चीन के उन प्रशिक्षुओं के समूह की कामयाबी की ओर इशारा किया, जिन्होंने छात्रावास के कक्ष के दायरे में बिना किसी औपचारिक एआई पृष्ठभूमि के ऑपनएआई से मुकाबला करने वाले किफायती डीपसीक का निर्माण किया है।
थ्रुन ने कहा, ‘इसलिए यह ऐसा पल है, जब आप वास्तव में लोकतांत्रिक हो सकते हैं और दुनिया के सर्वश्रेष्ठ लोगों के बराबर हो सकते हैं, जो कई मायनों में आप पहले से ही हैं, अगर आप नवाचार करने के लिए उस नजरिये को अपनाते हैं।’ उन्होंने कहा, अगर आप विनियमन के लिए यूरोप का नजरिया अपनाते हैं, तो शुभकामनाएं।’