भारतीय वाहन उद्योग की देश में यानी घरेलू बिक्री दिसंबर में सालाना आधार पर 11 फीसदी बढ़कर 3.20 लाख हो गई, जिसे एसयूवी की मजबूत मांग, शहरी बाजार में तेज रिकवरी, साल के आखिर में दी जा रही छूट और सीएनजी से चलने वाली कारों की ठोस बिक्री से सहारा मिला।
कैलेंडर वर्ष 2024 में देश के भीतर यात्री वाहनों की थोक घरेलू बिक्री 43 लाख वाहन रही, जिसमें लगभग 4.7 फीसदी की सालाना वृद्धि दर्ज की गई। वर्ष की शुरुआत में वाहन उद्योग के संगठन सायम (सोसाइटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स) ने अनुमान लगाया था कि उच्च आधार प्रभाव के कारण 2025 में यात्री वाहनों की बिक्री संख्या में 4 से 5 फीसदी का इजाफा होगा। अंतिम आंकड़े पूर्वानुमान के अनुरूप हैं। मारुति सुजूकी इंडिया लिमिटेड के वरिष्ठ कार्यकारी अधिकारी (विपणन एवं बिक्री) पार्थो बनर्जी ने बिज़नेस स्टैंडर्ड को यह जानकारी दी।
उन्होंने कहा, इस साल की पहली छमाही में चुनाव थे। गर्मी के मौसम के दौरान लोग घरों के अंदर रहे। त्योहारी सीजन (सितंबर-अक्टूबर) से यात्री वाहन निर्माताओं के लिए स्थिति बदल गई। ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री में एसयूवी की मांग लगातार बढ़ती जा रही है। उन्होंने कहा, 2024 में जितने यात्री वाहन बिके उनमें एसयूवी की हिस्सेदारी लगभग 55 फीसदी रही। पिछले साल यह 50 फीसदी से कम थी।
इस बीच, बनर्जी ने कहा कि दिसंबर 2023 में उद्योग के लिए यात्री वाहनों की घरेलू बिक्री 2,88,169 इकाई थी। उन्होंने कहा, दिसंबर 2024 में हमने अनुमान लगाया है कि उद्योग का यात्री वाहन संख्या बिक्री लगभग 3,20,000 वाहन होगी, 5,000 इकाई कम या ज्यादा। यह लगभग 11-11.5 फीसदी की वृद्धि का संकेत देता है।
दिसंबर 2024 में मारुति सुजूकी इंडिया की घरेलू पीवी थोक बिक्री 1,30,117 वाहन थी, जो सालाना आधार पर 24.2 फीसदी की मजबूत वृद्धि दर्शाती है। बनर्जी ने इस मजबूत प्रदर्शन का श्रेय डीलर इन्वेंट्री को उल्लेखनीय रूप से कम करने की कंपनी की क्षमता को दिया। अगस्त में डीलरों के पास लगभग 38 दिनों का स्टॉक था। बनर्जी ने कहा, अगस्त में एजीएम के दौरान हमने नेटवर्क स्टॉक (डीलरों के पास स्टॉक) को 10 दिनों तक कम करने का अपना लक्ष्य बताया था। अभी उनके पास नौ दिनों का
स्टॉक है। हालांकि 2024 में मारुति सुजूकी का कुल शहरी बिक्री संख्या स्थिर रही, जबकि ग्रामीण संख्या बिक्री में लगभग 10.1 फीसदी की वृद्धि हुई। बनर्जी ने कहा कि एमएसआईएल की सीएनजी बिक्री मासिक आधार पर बढ़ रही है।