सेल्सफोर्स इंडिया (Salesforce India) की मुख्य कार्याधिकारी और अध्यक्ष अरुंधती भट्टाचार्य का कहना है कि ऐसे समय में जब देश में एआई टेक्नोलॉजी की लोकप्रियता बढ़ रही है, अकेली प्रौद्योगिकी ही भारतीयों के रहन-सहन का स्तर और सेवाओं का स्तर सुधारने में सक्षम है। भट्टाचार्य मुंबई में कंपनी के वर्ल्ड टूर एसेंशियल्स कार्यक्रम में बोल रही थीं।
उन्होंने कहा, ‘हमारे जैसे बड़े देश के लिए, अपनी सेवाओं का स्तर बढ़ाने और अपने लोगों के जीवन स्तर को बेहतर बनाने का एकमात्र तरीका तकनीक का उपयोग करना है। ऐसा करने का कोई पारंपरिक तरीका नहीं है।’ उन्होंने कहा कि जेनरेटिव एआई के उभार से कंपनियों ने टेक्नोलॉजी अपनाने में उत्साह दिखाया है।
उन्होंने कहा, ‘मुझे लगता है कि जनरेटिव एआई उभरने से लोगों को यह महसूस हुआ है कि अब हमें तेजी से आगे बढ़ने की जरूरत है क्योंकि अब व्यापार को डिजिटल बनाने और एआई का उपयोग करने से जो क्षमताएं देखी जा रही हैं, वे पहले नहीं देखी गई थीं। बिजनेस-टु-कंज्यूमर (बी2सी) क्षेत्र में इसका अनुभव करने के बाद लोग इसकी ताकत समझने लगे हैं।’
भट्टाचार्य ने यह भी कहा कि एआई प्रतिभा आधार के लिहाज से आगे है, लेकिन उद्यमों में जेनएआई अपनाने में भारत अभी पीछे बना हुआ है। बुधवार को, सॉफ्टवेयर-एज-ए-सर्विस (सास) कंपनी ने पब्लिक सेक्टर डिवीजन और डिजिटल उधारी के प्रबंधन के लिए एक टूल पेश करने की घोषणा की।
सेल्सफोर्स इंडिया में एसवीपी एवं प्रबंध निदेशक (सेल्स ऐंड डिस्ट्रीब्यूशन) अरुण कुमार परमेश्वरम ने कहा, ‘यदि हम उपयोग के मामलों के बारे में सोचें, तो शायद दो बड़ी बातें सामने आएंगी। ये होंगी-हम विभागों के विभिन्न भंडारों में डेटा को कैसे एकीकृत करते हैं। दूसरा, यह है कि हम कॉल सेंटर, ऑटोमेशन चैटबॉट आदि का उपयोग करके नागरिकों के प्रति अधिक जवाबदेह कैसे बन सकते हैं।’
आईडीसी के एक अध्ययन के अनुसार कंपनी को वर्ष 2028 तक 18 लाख नए रोजगार पैदा होने की उम्मीद है। भारत में कंपनी के कर्मियों की संख्या 11,000 से ज्यादा है।