ह्युंडै मोटर इंडिया (एचएमआईएल) ने बुधवार को अगले चरण की वृद्धि को गति देने के लिए वित्त वर्ष 2030 तक 45,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बनाई है। ह्युंडै मोटर के प्रेसिडेंट और मुख्य कार्याधिकारी जोस मुनोज ने बताया कि कंपनी बहुउद्देश्यीय वाहन और ऑफ-रोड स्पोर्ट यूटिलिटी वाहन खंड में प्रवेश करने के उद्देश्य से सात नए मॉडल सहित कुल 26 वाहन लाने की योजना बना रही है। इनमें से चार वाहन अगले एक साल के दौरान आएंगे।
ह्युंडै मोटर इंडिया ने 2027 तक स्थानीय रूप से निर्मित इलेक्ट्रिक एसयूवी लाने का भी लक्ष्य रखा है। कंपनी ने कहा कि उसका लक्ष्य कुल बिक्री में निर्यात का योगदान 30 फीसदी तक करना और राजस्व में डेढ़ गुना से ज्यादा वृद्धि करके अगले 5 वर्षों में 1 लाख करोड़ रुपये आय का आंकड़ा पार करना है। कंपनी ने 2027 तक भारत में लक्जरी सेगमेंट के ब्रांड ‘जेनेसिस’ को पेश करने की भी घोषणा की है।
मुनोज ने निवेशकों को संबोधित करते हुए कहा, ‘पिछले साल हमारे ऐतिहासिक आईपीओ और भारत में 29 वर्षों की सफलता के बाद अब ह्युंडै मोटर इंडिया अगले चरण के विकास को गति देने के लिए वित्त वर्ष 2030 तक 45,000 करोड़ रुपये के निवेश की योजना बना रही है। हम भारत को एक वैश्विक निर्यात केंद्र बना रहे हैं, जिसका लक्ष्य कंपनी की कुल बिक्री में निर्यात का योगदान 30 फीसदी तक करना है। हमारी प्रतिबद्धता व्यापक है, सात नए मॉडल सहित 26 वाहन लाना। वर्ष 2027 तक भारत की पहली स्थानीय रूप से निर्मित समर्पित इलेक्ट्रिक एसयूवी और लक्जरी ब्रांड ‘जेनेसिस’ भी लाने की योजना है।’
इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में भी कंपनी कई चरणों में स्थानीयकरण की योजना बना रही है।
ह्युंडै मोटर के प्रेसिडेंट और मुख्य कार्याधिकारी जोस मुनोज ने कहा, ‘ईवी स्थानीयकरण के लिए पहला चरण हमारे चेन्नई प्लांट में स्थानीय असेंबली पर केंद्रित है और इस साल हम एक नया समर्पित ईवी लॉन्च करेंगे। हम इसी साल से स्थानीय रूप से असेंबल किए गए बैटरी पैक के साथ बैटरी प्लांट भी लगा रहे हैं। दूसरा चरण आपूर्ति श्रृंखला के स्थानीयकरण पर केंद्रित होगा। भारत में आत्मनिर्भर वाहन पारिस्थितिकी तंत्र बनाना हमारी प्रतिबद्धता है।’
ह्युंडै मोटर इंडिया के प्रबंध निदेशक उनसू किम ने कहा, ‘हमने वित्त वर्ष 2030 तक 1 लाख करोड़ रुपये का राजस्व अर्जित करने का लक्ष्य रखा है। साथ ही दो अंक में एबिटा मार्जिन भी बनाए रखेंगे।’
ह्युंडै मोटर इंडिया के पूर्णकालिक निदेशक और मुख्य परिचालन अधिकारी तरुण गर्ग ने कहा, ‘कंपनी ने भारत-केंद्रित वाहन लाने के साथ ही घरेलू बाजार में 15 फीसदी से ज्यादा हिस्सेदारी हासिल करने का लक्ष्य रखा है। कंपनी एसयूवी सेगमेंट में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के लिए दृढ़ है और वित्त वर्ष 2030 तक कंपनी के पोर्टफोलियो में यूटिलिटी वाहन की हिस्सेदारी 80 फीसदी से अधिक होगी।’
ह्युंडै वर्ष 2030 तक अपने कुल उत्पादन में से 30 फीसदी निर्यात करने की योजना के तहत भारत को निर्यात का प्रमुख अड्डा के रूप में विकसित करने पर विचार कर रही है। कंपनी कॉम्पैक्ट सिडैन और एसयूवी, माइल्ड हाइब्रिड और एंट्री-लेवल इलेक्ट्रिक वाहनों के जरिये पश्चिम एशिया और अफ्रीका को 50 फीसदी निर्यात करने की योजना बना रही है, जबकि लगभग 40 फीसदी निर्यात मध्य और दक्षिण अमेरिका में और शेष 10 फीसदी एशिया प्रशांत क्षेत्र में होगा।
वर्ष 2020 में कंपनी की कुल वैश्विक बिक्री में भारत का योगदान 11 फीसदी रहा, जो बेची गई कारों की संख्या के हिसाब से ह्युंडै का पांचवां सबसे बड़ा बाजार था। वित्त वर्ष 2025 में यह हिस्सेदारी बढ़कर 15 फीसदी हो गई और वित्त वर्ष 2030 तक भारत कंपनी के लिए दूसरा सबसे बड़ा बाजार बन जाएगा।
मुनोज ने कहा, ‘निर्यात के लिए हमारा औसत बिक्री मूल्य घरेलू बिक्री से 6 फीसदी अधिक था, जिसका अर्थ है कि लाभप्रदता के लिए निर्यात ज्यादा लाभकारी है। भारतीय वाहन उद्योग के 2030 तक सालाना 5.2 फीसदी की दर से बढ़कर 56 लाख वाहनों तक पहुंचने का अनुमान है।’