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L&T की HR हेड ने चेयरमैन के 90 घंटे काम वाले बयान पर दी सफाई, कहा- गलतफहमी फैलाई गई

L&T HR हेड सोनिका ने लिंक्डइन पर पोस्ट करते हुए कहा कि चेयरमैन के बयान को संदर्भ से बाहर निकालने की वजह से अनावश्यक विवाद खड़ा हो गया।

Last Updated- January 15, 2025 | 6:55 AM IST
L&T chairman
लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन एसएन सुब्रह्मण्यम

इंजीनियरिंग और निर्माण क्षेत्र की अग्रणी कंपनी, एलएंडटी (लार्सन एंड टुब्रो, L&T) के चेयरमैन एस.एन. सुब्रमण्यन के 90 घंटे कामकाजी सप्ताह वाले बयान पर मचे हंगामे के बीच कंपनी की एचआर प्रमुख सोनिका मुरलीधरन ने उनका बचाव किया है। उन्होंने कहा कि बयान को तोड़-मरोड़कर पेश किया गया, जिससे गलतफहमियां पैदा हुईं।

सोनिका ने लिंक्डइन पर पोस्ट करते हुए कहा कि चेयरमैन के बयान को संदर्भ से बाहर निकालने की वजह से अनावश्यक विवाद खड़ा हो गया। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह टिप्पणी हल्के-फुल्के अंदाज में की गई थी और इसका उद्देश्य किसी सख्त कार्य संस्कृति को बढ़ावा देना नहीं था।

दरअसल, हाल ही में कर्मचारियों के साथ बातचीत के दौरान सुब्रमण्यन ने 90 घंटे कामकाजी सप्ताह का जिक्र किया था, जिसके बाद उनकी इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया और अन्य प्लेटफॉर्म पर कड़ी आलोचना शुरू हो गई। लोगों ने इसे कामकाज और निजी जिंदगी के संतुलन पर हमला करार दिया।

सोनिका ने बताया कि चेयरमैन ने कभी भी 90 घंटे काम करने का आदेश या सुझाव नहीं दिया। उन्होंने कहा कि आंतरिक चर्चा के दौरान की गई इस टिप्पणी को गलत तरीके से समझा गया, जबकि उनका इरादा कुछ और था।

अब यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है, लेकिन एलएंडटी ने स्पष्ट कर दिया है कि कंपनी की प्राथमिकता हमेशा से अपने कर्मचारियों के संतुलित जीवन को बनाए रखना रही है।

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सुब्रमण्यम का विवादास्पद बयान

एलएंडटी (लार्सन एंड टुब्रो) के चेयरमैन एस.एन. सुब्रमण्यम ने हाल ही में कर्मचारियों के साथ बातचीत के दौरान सप्ताह में 90 घंटे काम करने का सुझाव दिया था, जिससे विवाद खड़ा हो गया। उनके इस बयान पर तीखी आलोचना हुई थी।

इस विवाद के बाद कंपनी ने सफाई देते हुए कहा था कि “असाधारण परिणाम के लिए असाधारण प्रयास की जरूरत होती है।” एलएंडटी ने अपने बयान में स्पष्ट किया था, “हम मानते हैं कि यह भारत का दशक है, जहां तरक्की और ग्रोथ के लिए सामूहिक समर्पण और कोशिश जरूरी है। चेयरमैन की टिप्पणी इसी बड़े लक्ष्य की ओर इशारा करती है।”

कंपनी ने यह भी कहा था, “हमारे लिए राष्ट्र-निर्माण मुख्य उद्देश्य है। पिछले आठ दशकों से हम भारत के बुनियादी ढांचे, उद्योग और तकनीकी क्षमताओं को आकार दे रहे हैं। हमारा लक्ष्य ऐसी संस्कृति को बढ़ावा देना है जहां जुनून, उद्देश्य और परफॉरमेंस हमारे काम को आगे बढ़ाएं।”

सुब्रमण्यम का बयान उस समय चर्चा का विषय बन गया था जब उनका एक वीडियो वायरल हुआ, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों को सप्ताह में 90 घंटे और रविवार को भी काम करने का सुझाव दिया था। वीडियो में उन्होंने कहा था, “अगर मैं आपको रविवार को काम करने के लिए मोटिवेट कर सकूं, तो मुझे खुशी होगी, क्योंकि मैं खुद रविवार को भी काम करता हूं।”
सुब्रमण्यम ने यह भी कहा था, “आप घर पर क्या करते हैं? आप अपनी पत्नी को कितनी देर तक देख सकते हैं, और पत्नी अपने पति को कितनी देर तक देख सकती है? आइए, ऑफिस आएं और काम शुरू करें।”

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उन्होंने चीन और अमेरिका के कामकाजी घंटे का भी उदाहरण देते हुए कहा था कि चीन जल्द ही अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है, क्योंकि चीनी कर्मचारी 90 घंटे काम करते हैं, जबकि अमेरिकी केवल 50 घंटे।

सुब्रमण्यम का यह ’90 घंटे काम’ का सुझाव इंफोसिस के संस्थापक नारायण मूर्ति के ’70 घंटे काम’ के सुझाव से भी आगे था। नारायण मूर्ति ने कहा था कि “हमें कड़ी मेहनत करनी चाहिए और भारत को नंबर एक बनाने की दिशा में काम करना चाहिए।” उन्होंने यह भी कहा था कि 1986 में भारत का छह दिन से पांच दिन के वर्क वीक में बदलाव उन्हें निराशाजनक लगा था।

First Published - January 15, 2025 | 6:55 AM IST

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