Ashok Leyland-CALB Group Pact: भारत-चीन के द्विपक्षीय संबंधों में सुधार की पहल के बीच देश की दूसरी सबसे बड़ी कॉमर्शल व्हीकल्स बनाने वाली कंपनी हिंदुजा समूह की कंपनी अशोक लीलैंड (Ashok Leyland) ने चीन की प्रमुख बैटरी टेक्नोलॉजी कंपनी सीएएलबी ग्रुप (CALB Group) के साथ लॉन्ग टर्म एक्सक्लूसिव साझेदारी की है। इसके भागीदारी के अंतर्गत अशोक लीलैंड अगली पीढ़ी की बैटरियों के डेवलपमेंट और मैन्युफैक्चरिंग में निवेश करेगी। इसमें अगले 7-10 सालों में 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश होगा। इस खबर के बाद अशोक लीलैंड (Ashok Leyland Share) में हलचल दिखी और कारोबार के आखिर में स्टॉक आधा फीसदी से ज्यादा की तेजी लेकर बंद हुआ।
अशोक लीलैंड की ओर से स्टॉक एक्सचेंज को दी जानकारी के मुताबिक, यह निवेश ऑटोमोटिव और नॉन-ऑटोमोटिव दोनों क्षेत्रों, जैसे एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स, में होगा। यह कदम कंपनी की इलेक्ट्रिफिकेशन इकोसिस्टम में अपनी पकड़ और मजबूत करने में मददगार होगा। यह सरकार के टिकाऊ और ग्रीन इकॉनमी के नजरिए के अनुरूप है।
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समझौते पर अशोक लीलैंड के प्रबंध निदेशक और सीईओ शेनु अग्रवाल तथा सीएएलबी (हांगकांग) कंपनी लिमिटेड के सीईओ जैकी लियू ने दस्तखत किए। इस मौके पर हिंदुजा समूह में अल्टरनेट एनर्जी और सस्टेनेबल इनीशिएटिव्स के हेड शोम हिंदुजा भी मौजूद रहे।
अशोक लीलैंड ने बताया कि वे भारत में बैटरी लोकलाइजेशन पर निवेश करेगी। इससे न केवल अशोक लीलैंड और स्विच मोबिलिटी के इलेक्ट्रिक वाहन पोर्टफोलियो की जरूरतें पूरी होंगी, बल्कि ऑटोमोबाइल और एनर्जी स्टोरेज सेक्टर की नॉन-कैप्टिव मांग को भी पूरा किया जाएगा। इस बिजनेस में अगले 7-10 वर्षों के दौरान 5,000 करोड़ रुपये से ज्यादा का निवेश होगा। बता दें, हिंदुजा समूह इलेक्ट्रिक मोबिलिटी-एज-ए-सर्विस, चार्जिंग उपकरण, व्हीकल्स फाइनेंस और लीजिंग सहित कई क्षेत्रों में निवेश कर रहा है।
इस समझौते पर अशोक लीलैंड के चेयरमैन धीरेज हिंदुजा ने कहा, “अशोक लीलैंड सस्टेनेबल मोबिलिटी के भविष्य को आकार देने के लिए कमिटेड है। हमारी स्ट्रैटजिक पार्टनरिशप भारत में एक लोकलाइज्ड बैटरी सप्लाई चेन बनाने की दिशा में एक अहम कदम है, जो इलेक्ट्रिक वाहनों को अपनाने की गति बढ़ाएगा और जीवाश्म ईंधन पर निर्भरता घटाएगा।”
कंपनी के एमडी एंड सीईओ शेनु अग्रवाल ने कहा, “शुरुआती चरण में नया बैटरी व्यवसाय ऑटोमोटिव सेक्टर पर केंद्रित होगा और फिर एनर्जी स्टोरेज सिस्टम्स सहित नॉन-ऑटोमोटिव क्षेत्रों तक विस्तार करेगा। एक ग्लोबल सेंटर ऑफ एक्सीलेंस भी स्थापित किया जाएगा, जो बैटरी मटीरियल, रीसाइक्लिंग, बैटरी मैनेजमेंट सिस्टम और एडवांस्ड मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रियाओं पर रिसर्च और इनोवेशन का हब बनेगा।”
अशोक लीलैंड और चीन की कंपनी CALB के साथ समझौते का असर कंपनी के शेयर पर देखने को मिला। BSE पर सोमवार (1 सितंबर) को अशोक लीलैंड के शेयर में लगभग सपाट 127.15 रुपये पर कारोबार शुरू हुआ। शुक्रवार के कारोबार में स्टॉक 126.90 पर बंद हुआ था। इस समझौते की खबर के बाद स्टॉक में तेजी देखने को मिली और कारोबारी सेशन 1.1 फीसदी से ज्यादा उछलकर 128.50 रुपये का इंट्राडे हाई बनाया। कंपनी का मार्केट कैप 75,175 करोड़ रुपये से ज्यादा दर्ज किया गया।