Adani Group के चेयरमैन गौतम अदाणी ने अमेरिकी शार्ट सेलर फर्म हिंडनबर्ग रिसर्च (Hindenburg Report) की रिपोर्ट को झूठा और फर्जी बताते हुए इसे समूह के खिलाफ ‘लक्षित हमला’ बताया है।
अदाणी एंटरप्राइजेज की सालाना रिपोर्ट में गौतम अदाणी ने कहा कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट अदाणी ग्रुप को टारगेट करने के लिए जानकर फैलाई गई ‘फर्जी सूचना’ थी। उन्होंने कहा कि इस रिपोर्ट का मकसद ग्रुप की रेपुटेशन को नुकसान पहुंचाना था।
एक समय विश्व के टॉप धनी व्यक्तियों की सूची में रहे गौतम अदाणी ने कहा कि हिंडनबर्ग ने भारत के गणतंत्र दिवस से पहले रिपोर्ट जारी की थी। उन्होंने कहा रिपोर्ट ऐसे समय जारी की गई जब कंपनी अपने FPO पेश करने की योजना बना रही थी, जो कि भारत के बाजार इतिहास में सबसे बड़ा एफपीओ हो सकता था।
फर्जी सूचना और पुराने, बेबुनियाद आरोपों का एक संयोजन थी रिपोर्ट : अदाणी
उन्होंने कहा, “यह रिपोर्ट ग्रुप को टारगेट करने के लिए जानकर फैलाई गई फर्जी सूचना और पुराने, बेबुनियाद आरोपों का एक संयोजन थी जिसका उद्देश्य हमारी प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाना और हमारे स्टॉक की कीमतों को जानबूझकर कम करके मुनाफा कमाना था।”
बता दें कि पूरी तरह से सब्स्क्राइब होने के बाद अदाणी ग्रुप ने अपने FPO को वापस ले लिया था और निवेशकों को पैसा लौटाने और उनके हितों की रक्षा करने का फैसला किया था।
अदाणी ने कहा, “रिपोर्ट के कारण ग्रुप को कई प्रतिकूल परिणाम झेलने पड़े। भले ही हमने बड़े पैमाने पर तुरंत एक खंडन जारी किया था, लेकिन कई लोगों ने शार्ट सेलर फर्म की तरफ से किए गए दावों का अवसरवादी रूप से फायदा उठाने की कोशिश की।”
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के बाद से ग्रुप के शेयरों में धीरे-धीरे सुधार आया है। लेकिन सितंबर 2022 की तुलना में ग्रुप का मार्केट वैल्यूएशन करीब 12.5 ट्रिलियन रुपये घटा है।
इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग के आरोपों की जांच के लिए एक विशेषज्ञ समिति का गठन भी किया था। हालांकि, मई 2023 में सार्वजनिक की गई समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि उसे कोई रेगुलेटरी खामी नहीं मिली है।