प्रमुख रियल एस्टेट कंपनी DLF ने महज 72 घंटों में 1 अरब डॉलर की प्रीमियम रिहायशी परियोजना बेची है। जबकि प्रतिस्पर्धी कंपनी गोदरेज प्रॉपर्टीज (Godrej Properties) अपने चुनिंदा ग्राहकों को 30 लाख डॉलर के अपार्टमेंट की पेशकश कर रही है। इससे लक्जरी हाउसिंग क्षेत्र में सुधार का संकेत मिलता है।
प्रॉपर्टी डेवलपर्स का कहना है कि दरबान, स्पा, मल्टी-लेबल पार्किंग, हरेभरे खुले स्थान और गर्म पूल जैसे ऐड-ऑन के साथ अधिक कीमत वाले अपार्टमेंट की मांग बढ़ गई है। व्यक्तिगत मकानों और पुराने अपार्टमेंट में ऐसी सुविधाएं नहीं होती हैं।
उद्योग के अधिकारियों का कहना है कि बहुत से लोग अपने घरों को अपग्रेड करना चाहते हैं क्योंकि कोविड-19 वैश्विक महामारी ने उन्हें घर के अंदर सीमित कर दिया था। घर से काम करने के कारण भी बड़े अपार्टमेंट की मांग बढ़ी है। इसे लोगों की बढ़ती आय और नव धनाढ्यों की बढ़ती संख्या से भी बल मिला है।
गुरुग्राम में DLF की आर्बर परियोजना के तहत 8,69,000 डॉलर कीमत वाले 1,137 अपार्टमेंटों के लिए 3,000 से अधिक आवेदन प्राप्त हुए। यह इस क्षेत्र के लिहाज से काफी अधिक कीमत है। फरवरी में इस परियोजना के लॉन्च होने के बाद सप्ताहांत में बुकिंग के लिए खरीदारों की भारी कतार दिखने लगी थी।
रियल एस्टेट सलाहकार फर्म एनारॉक के अनुसंधान प्रमुख प्रशांत ठाकुर ने कहा, ‘पिछले एक दकश में खरीदारों की ऐसी भीड़ मुझे नहीं दिखी थी।’ उन्होंने कहा, ‘लक्जरी रिहायशी बाजार सुधार की राह पर अग्रसर है।’
37 वर्षीय निवेश पेशेवर वरुण अरोड़ा ने कहा कि वह अपने किराये के मकान को खाली करते हुए DLF का अपार्टमेंट लेना चाहते हैं। उन्होंने बताया कि उन्हें भव्य स्वागत क्षेत्र, तेज गति वाले एलिवेटर और जॉगिंग के लिए पर्याप्त जगह वाले अपार्टमेंट की तलाश है।
हाल के वर्षों में नए लक्जरी मकानों की आपूर्ति कम रही थी। साल 2019 में आर्थिक मंदी और उसके बाद कोविड वैश्विक महामारी के कारण आपूर्ति प्रभावित हुई थी। इससे 2020 में धारणा प्रभावित हुई और डेवलपर नई परियोजनाओं को मजबूरन टालने लगे थे।
एनारॉक के आंकड़ों से पता चलता है कि लक्जरी मकानों की कीमत आमतौर पर 1.5 करोड़ रुपये से अधिक होती है। साल 2022 में शुरू की गई सभी आवासीय परियोजनाओं में लक्जरी श्रेणी का योगदान करीब 17 फीसदी है जो कम से कम पिछले पांच वर्षों की सर्वाधिक ऊंचाई है। जबकि इस दौरान40 लाख रुपये से कम कीमत वाले मकानों की हिस्सेदारी आधी होकर 20 फीसदी रह गई।
कुल मिलाकर साल 2022 में रिकॉर्ड 65,700 लक्जरी मकानों की बिक्री हुई जो एक साल पहले के मुकाबले तीन गुना अधिक है। बिक्री के मोर्चे पर मुंबई, दिल्ली और हैदराबाद अग्रणी रहे। कोविड वैश्विक महामारी से पहले 2019 में 18,150 मकानों की बिक्री हुई थी।
मुंबई में सुगी डेवलपर्स ने पिछले हफ्ते समाचार पत्रों के पहले पन्ने पर विज्ञापन प्रकाशित किए। उसमें 17 लाख डॉलर की शुरुआती कीमत के साथ समुद्र के नजारों वाले मकानों की पेशकश की गई थी। उस परियोजना में एक एम्फीथिएटर, लैंडस्केप गार्डन और एक स्काई डेक लॉबी की पेशकश की गई है। मध्य दिल्ली में गोदरेज की ‘कनॉट वन’ परियोजना के तहत 20 से 33 लाख डॉलर कीमत के साथ अपार्टमेंट की पेशकश की गई है।