हिकल के दो प्रवर्तकों (promoters) बाबा कल्याणी (Baba Kalyani) और बहन सुगंधा हीरामठ (Sugandha Hiremath) के बीच चल रहे विवाद ने कंपनी की वृद्धि को दांव पर लगा दिया है। कॉरपोरेट गवर्नेंस फर्म इनगवर्न (InGovern) ने एक नोट में ये बातें कही।
इनगवर्न ने अल्पांश हितधारकों (minority shareholders) के हितों की सुरक्षा के लिए प्रबंधन और बोर्ड में बदलाव का आह्वान किया है। अल्पांश शेयरधारकों के पास स्पेशियलिटी केमिकल फर्म की करीब एक तिहाई हिस्सेदारी है।
कल्याणी और हीरामठ परिवार के बीच कानूनी विवाद चल रहा है। हीरामठ परिवार कल्याणी समूह के पास मौजूद स्वामित्व के हस्तांतरण की मांग कर रहा है और इसके लिए करीब तीन दशक पहले हुई पारिवारिक व्यवस्था का हवाला दिया है। इस विवाद पर बंबई उच्च न्यायालय में सुनवाई हो रही है।
इनगवर्न ने कहा है, यह विवाद कंपनी को अपनी वृद्धि योजना के लिहाज से अनिश्चित भविष्य की ओर ले जा रहा है क्योंकि प्रबंधन को गंभीर तरीके से विवश व विचलित किया जा सकता है, जिसकी वजह यह है कि कंपनी के प्रबंध निदेशक (MD) आपसी विवाद में फंसे प्रवर्तक समूह का एक सदस्य है।
Also read: FPI ने मई के पहले पखवाड़े में भारतीय शेयर बाजारों में 23,152 करोड़ रुपये डाले
वास्तविकता यह है कि कंपनी उच्च प्रतिस्पर्धी क्षेत्र में परिचालन कर रही है और परिचालन के मोर्चे पर सुस्त प्रदर्शन को देखते हुए हिकल के करीब 75,000 शेयरधारकों की किस्मत दांव पर है।
हिकल की शेयरधारिता तीन मुख्य ब्लॉक में बंटी हुई है। हीरामठ परिवार के पास 34.84 फीसदी हिस्सेदारी है जबकि बाबा कल्याणी समूह के पास 34.01 फीसदी हिस्सा है, जिस पर हीरामठ परिवार दावा कर रहा है। इसके अलावा आम लोगों की शेयरधारिता 31.15 फीसदी है।