भारत की सबसे बड़ी एयरलाइन इंडिगो को इस साल की तीसरी और चौथी तिमाही में परिचालन क्षमता 40 और 60 प्रतिशत तक करने में सक्षम होने की उम्मीद है। एयरलाइन का मानना है कि वर्ष के अंत तक वह पिछले साल की समान अवधि में इस्तेमाल क्षमता का 60 प्रतिशत हासिल करने में सक्षम होगी।
कंपनी के मुख्य कार्याधिकारी रणजय दत्ता ने वित्तीय परिणाम की घोषणा के बाद विश्लेषकों के साथ बातचीत में कहा, ‘मांग में अस्थिरता बनी हुई है। परिचालन शुरू होने के बाद जून का पहला पखवाड़ा मजबूत रहा, लेकिन उसके बाद हालात में फिर बदलाव आना शुरू हो गया क्योंकि कोरोनावायरस के मामले बढ़े हैं।’
दत्ता ने कहा कि पूरे देश में कई राज्य सरकारों द्वारा लॉकडाउन वृद्घि की पटरी पर लौटने की राह में बाधक साबित हो रहा है। बुधवार को कंपनी ने जून तिमाही के लिए 2,844.3 करोड़ रुपये के शुद्घ नुकसान की घोषणा की। पिछले साल की समान तिमाही में कंपनी ने 1,203 करोड़ रुपये का लाभ दर्ज किया था।
कोरोनावायरस महामारी से दुनियाभर में एयरलाइन उद्योग गंभीर रूप से प्रभावित हुआ है। भारत में करीब दो महीने के लॉकडाउन में उड़ानों की अनुमति नहीं दी गई।
दत्ता ने कहा, ‘विमानन उद्योग संकट के दौर से गुजर रहा है और इसलिए नकदी बैलेंस बनाए रखना हमारी मुख्य प्राथमिकता बना हुआ है। हमने ऐसी मजबूत टीम तैयार की है जो यह सुनिश्चित करने के लिए कई मोर्चों पर काम कर रही है कि हम इस संकट से मजबूती के साथ बाहर निकलेंगे।’
दत्ता ने कहा कि कंपनी चाहती है कि सरकार हवाई किराए पर लगी सीमा समाप्त करे, क्योंकि इससे कंपनियों को मांग और आपूर्ति के अनुसार कीमतें तय करने में मदद मिलेगी। दत्ता ने कहा, ‘किसी स्थान के लिए सुबह के टिकट की कीमत दोपहर वाले टिकट के समान नहीं हो सकती। हमें इसका लाभ उठाने और मांग आकर्षित करने में सक्षम होना चाहिए।’ कंपनी 2020 में समाप्त वित्त वर्ष के लिए अपने शेयरधारकों को कोई लाभांश नहीं चुकाएगी। इसके अलावा, अन्य लागत बचत उपायों, जैसे बिक्री और स्वयं के विमानों को लीज पर देने, वेतन खर्च में कटौती आदि से कंपनी को करीब 4,000 करोड़ रुपये की नकदी में मदद मिलेगी।
सबसे ज्यादा नकदी बैलेंस वाली एयरलाइनों में से एक इंडिगो ने कहा है कि वह अपनी परिसंपत्तियों की बिक्री कर अन्य 2,000 करोड़ रुपये जुटाएगी। कंपनी बोर्ड कल नकदी बढ़ाने के प्रयास में पंूजी जुटाए जाने के बारे में विचार-विमर्श करेगा। जून तिमाही में परिचालन से कंपनी का राजस्व सालाना आधार पर 91.9 प्रतिशत घटकर 766.7 करोड़ रुपये रह गया।
कोलगेट पामोलिव का मुनाफा बढ़ा
प्रमुख एफएमसीजी कंपनी कोलगेट-पामोलिव इंडिया लिमिटेड (सीपीआईएल) का शुद्ध मुनाफा 30 जून, 2020 को समाप्त तिमाही में 17.18 फीसदी बढ़कर 198.18 करोड़ रुपये हो गया। इस दौरान खर्च कम होने से मदद मिली है। कंपनी ने पिछले वित्त वर्ष की अप्रैल-जून तिमाही में 169.11 करोड़ रुपये का शुद्ध मुनाफा अर्जित किया था। नियामकीय सूचना में कहा गया था कि समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी की कुल आय।,046.90 करोड़ रुपये रही, जो कि एक साल पहले इसी तिमाही के।,100.03 करोड़ रुपये की कुल आय से 4.82 फीसदी कम है। कंपनी का कुल खर्च वर्ष 2019-20 की पहली तिमाही में 780.01 करोड़ रुपये का हुआ, जो सालभर पहले की इसी तिमाही के 837.22 करोड़ रुपये के कुल खर्च से 6.83 फीसदी कम है। सीपीआईएल के प्रबंध निदेशक राम राघवन ने कहा कि हमारे दंतमंजन कारोबार ने इस तिमाही के दौरान बिक्री में सकारात्मक बढ़ोतरी की है, जो मजबूत ब्रांड विशेषताओं और पोर्टफोलियो के प्रदर्शन को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि ब्रांड की पैठ मजबूत बनी हुई है और उपभोक्ताओं का ब्रांड के साथ विश्वास बना हुआ है।
टीवीएस मोटर को 189.60 करोड़ रुपये का घाटा
टीवीएस मोटर ने जून 2020 में समाप्त तिमाही में 189.60 करोड़ रुपये का कर-पूर्व नुकसान दर्ज किया है जबकि एक साल पहले उसने 208.51 करोड़ रुपये का कर-पूर्व लाभ (पीबीटी) दर्ज किया था। कुल आय 4,469.82 करोड़ रुपये के मुकाबले करीब 61 प्रतिशत घटकर जून तिमाही में 1,434.32 करोड़ रुपये रह गई। कंपनी ने कहा है कि यह तिमाही कोविड-19 की वजह से परिचालन ज्यादातर समय बंद रहने की वजह से तुलना योग्य नहीं है। तिमाही के दौरान उत्पादन और बिक्री दोनों पर प्रभाव पड़ा और इससे पता चलता है कि यह तिमाही अप्रत्याशित स्थिति थी। कुछ स्थानीय लॉकडाउन को छोड़कर बाजार अब खुल रहे हैं।
