अदाणी समूह के शेयर शुक्रवार को भी दबाव में रहे और शुरुआती सौदों में इनमें 20 फीसदी की गिरावट आई। अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने समूह पर कई आरोप लगाए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट में उद्योगपति गौतम अदाणी की अगुवाई वाले समूह पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है।
कंपनी के इस आरोप के बाद विविध कारोबार से जुड़े समूह की सूचीबद्ध कंपनियों के शेयरों में बड़ी गिरावट आई। अदाणी टोटल गैस के शेयर 19.65 फीसदी गिरे, अदाणी ट्रांसमिशन के 19 फीसदी, अदाणी ग्रीन एनर्जी के 15.50 फीसदी और अदाणी एंटरप्राइजेज के शेयर में 6.19 फीसदी की गिरावट आई है।
वहीं अदाणी पोर्ट्स एंड स्पेशल इकोनॉमिक जोन के शेयर 5.31 फीसदी गिरे, अदाणी विल्मर के 5 फीसदी और अदाणी पॉवर के शेयर में 4.99 फीसदी की गिरावट आई। अदाणी समूह ने गुरुवार को कहा कि वह अपनी प्रमुख कंपनी के शेयर बिक्री को नुकसान पहुंचाने के प्रयास के तहत ‘बिना सोचे-विचारे’ काम करने के लिये अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ ‘दंडात्मक कार्रवाई’ को लेकर कानूनी विकल्पों पर गौर कर रहा है।
वहीं अमरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने कहा कि वह अपनी रिपोर्ट पर पूरी तरह कायम है। समूह के लीड प्रमुख जतिन जलुंधवाला ने कहा, ‘‘हिंडनबर्ग रिसर्च ने गलत इरादे से बिना कोई शोध और पूरी जानकारी के समूह के खिलाफ 24 जनवरी, 2023 को रिपोर्ट प्रकाशित की। इससे अदाणी समूह, हमारे शेयरधारकों और निवेशकों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ा है। भारतीय शेयर बाजार में रिपोर्ट के जरिये जो उतार-चढ़ाव आया, वह काफी चिंता की बात है…।’’
उन्होंने कहा कि रिपोर्ट और उसकी निराधार बातें कुछ और नहीं, बल्कि अदाणी समूह की कंपनियों के शेयरों की कीमतों को नुकसान पहुंचाने के लिए तैयार की गयी थीं। जलुंधवाला ने कहा, ‘‘एक विदेशी इकाई ने जानबूझकर और बिना सोचे-विचारे निवेशक समुदाय और आम लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया है। उसने अदाणी समूह, उसके नेतृत्व की साख को बट्टा लगाने के साथ हमारी प्रमुख कंपनी अदाणी एंटरप्राइजेज के एफपीओ (अनुवर्ती सार्वजनिक निर्गम) की बिक्री को नुकसान पहुंचाने का काम किया है। हम उसकी इन हरकतों से काफी परेशान हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘हम हिंडनबर्ग रिसर्च के खिलाफ अमेरिकी और भारतीय कानून के तहत निपटने और दंडात्मक कार्रवाई पर गौर कर रहे हैं।’’ इससे पहले बुधवार को अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग ने कहा था कि उसके दो साल के शोध के बाद यह पता चला कि अडाणी समूह दशकों से ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल रहा है।