मंगलवार को प्राइवेट सेक्टर की बीमा कंपनी HDFC लाइफ ने वित्त वर्ष 2025 की दूसरी तिमाही (Q2 FY25) के लिए अपने शुद्ध लाभ में 14.85 प्रतिशत की सालाना (Y-o-Y) वृद्धि रिपोर्ट की। जुलाई-सितंबर तिमाही में कंपनी का शुद्ध लाभ ₹433 करोड़ रहा, जो मुख्य रूप से पुरानी बेची गई पॉलिसी (बैक बुक) में वृद्धि के कारण हुआ।
HDFC लाइफ का वैल्यू ऑफ न्यू बिजनेस (VNB) मार्जिन, जो कंपनी के मुनाफे को मापने का तरीका है, घटकर 24.3 प्रतिशत रह गया, जबकि पिछले साल यह 26.3 प्रतिशत था। यह गिरावट मुख्य रूप से कम मार्जिन वाली यूनिट-लिंक्ड पॉलिसियों की अधिक बिक्री के कारण हुई है।
कंपनी के नए बिजनेस प्रीमियम्स में 14.03 प्रतिशत की सालाना वृद्धि दर्ज की गई, जो इस तिमाही में ₹8,097 करोड़ रहा, जबकि पिछले साल इसी अवधि में यह ₹7,101 करोड़ था।
इसके अलावा, कंपनी का एन्युअलाइज्ड प्रीमियम इक्विवेलेंट (APE) 26.7 प्रतिशत बढ़कर ₹3,858 करोड़ हो गया। APE वह राशि है जो पहले साल के रेगुलर प्रीमियम और 10 प्रतिशत सिंगल प्रीमियम और सिंगल प्रीमियम टॉप-अप्स को मिलाकर बनाई जाती है।
HDFC लाइफ की एमडी और सीईओ विभा पाडलकर ने कहा, “हमने 1 अक्टूबर 2024 से लागू नए नियमों के मुताबिक 40 से ज्यादा प्रमुख उत्पादों को फिर से लॉन्च किया है, जो हमारे कुल कारोबार का 95 प्रतिशत हिस्सा हैं। इसके अलावा, हम इस तिमाही में और भी उत्पादों को फिर से लॉन्च करने की योजना बना रहे हैं।”
Q2 FY25 में HDFC लाइफ का सॉल्वेंसी रेशियो
Q2 FY25 में HDFC लाइफ का सॉल्वेंसी रेशियो 181 प्रतिशत था, जबकि पिछले साल इसी समय यह 194 प्रतिशत था। कंपनी ने ज्यादा नया बिजनेस किया, जिससे ज्यादा पूंजी की जरूरत पड़ी। हालांकि, कंपनी ने गैर-परिवर्तनीय डिबेंचर (NCDs) के जरिए ₹1,000 करोड़ जुटाए, जिससे इसका सॉल्वेंसी रेशियो 190 प्रतिशत से ऊपर हो गया।
पर्सिस्टेंसी रेशियो में सुधार
H1 FY25 में 13वें महीने का पर्सिस्टेंसी रेशियो 88 प्रतिशत रहा, जो H1 FY24 के 86 प्रतिशत से बेहतर है। इसी तरह, 61वें महीने का पर्सिस्टेंसी रेशियो इस तिमाही में 60 प्रतिशत रहा, जबकि पिछले साल यह 53 प्रतिशत था।